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राष्ट्रपति मुर्मू को लेकर TMC नेता के विवादित बयान पर CM ममता ने मांगी माफी

टीएमसी नेता अखिल गिरि ने राष्ट्रपति मुर्मू को लेकर विवादित बयान दिया था. अब सीएम ममता बनर्जी ने उस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि देश की राष्ट्रपति का सम्मान किया जाना चाहिए. अखिल गिरि इस प्रकार का बयान नहीं दे सकते हैं. हमने उन्हें चेतावनी दे दी है.

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सीएम ममता बनर्जी
सीएम ममता बनर्जी

टीएमसी नेता अखिल गिरि ने राष्ट्रपति मुर्मू को लेकर विवादित बयान दिया था. उनकी तरफ से नंदीग्राम में एक कार्यक्रम के दौरान कहा गया था कि हम किसी को उनकी शक्ल से नहीं आंकते. लेकिन हमारी राष्ट्रपति कैसी दिखती हैं? उनके इस बयान ने टीएमसी को मुश्किल में डाल दिया था. अब खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. 

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ममता ने मांगी माफी, बीजेपी ने घेरा

उनकी तरफ से इस विवाद पर माफी मांगी गई है. उन्होंने कहा है कि मेरे विधायक ने राष्ट्रपति को लेकर जो कहा है, उसके लिए माफी मांगती हूं. मेरी पार्टी पहले भी इस विवाद पर माफी मांग चुकी है. मैं राष्ट्रपति का बहुत सम्मान करती हूं. देश की राष्ट्रपति का सम्मान किया जाना चाहिए. अखिल गिरि इस प्रकार का बयान नहीं दे सकते हैं. हमने उन्हें चेतावनी दे दी है. अब सीएम ममता की तरफ से विवाद को शांत करने की कोशिश तो की गई है, लेकिन बीजेपी ने इसे पश्चिम बंगाल में बड़ा मुद्दा बना दिया है. इसे टीएमसी की आदिवासी विरोधी सोच बता दिया गया है. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा था कि टीएमसी नेता का ये बयान ममता बनर्जी की आदिवासी विरोधी सोच को दिखाता है. ममता बनर्जी ने तो राष्ट्रपति चुनाव के दौरान भी द्रौपदी मुर्मू का समर्थन नहीं किया था.

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वहीं इस पूरे विवाद पर अखिल गिरि ने दावा किया था कि उन्होंने एक बार भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का नाम नहीं लिया था. उनकी तरफ से सिर्फ शुभेंदू अधिकारी के उस बयान पर जवाब दिया गया था जहां उन्होंने कहा था कि अखिल गिरि अच्छे नहीं दिखते हैं. गिरि के मुताबिक अधिकारी का वो कहना संविधान का अपमान था क्योंकि राज्य में वे एक मंत्री की भूमिका में काम कर रहे हैं.

कौन हैं अखिल गिरि?

अखिल गिरि की राजनीतिक ताकत की बात करें तो वे चार बार के विधायक हैं और वर्तमान में कैबिनेट मंत्री भी बने हुए हैं. पूर्वी मेदनीपुर क्षेत्र में तो उनकी पकड़ काफी मजबूत मानी जाती है. 2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी को बड़े अंतर से हराया था, तब इनाम के तौर पर उन्हें मंत्री पद भी मिला था.

 

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