पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के नगर निगम क्षेत्रों में अच्छी सड़कें, अतिक्रमण मुक्त क्षेत्र जैसी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित न कर पाने के लिए राज्य के कई नगर निगमों और नगर पालिकाओं के अधिकारियों को फटकार लगाई. ममता ने अवैध अतिक्रमण और जबरन वसूली के लिए उनके कर्माचारियों की कड़ी आलोचना की.
ममता ने यह फटकार लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद लगाई है जिसमें पूरे बंगाल के ज्यादातर शहरी क्षेत्रों में टीएमसी का प्रदर्शन खराब रहा था. ममता हावड़ा सहित टीएमसी शासित नगर निकायों के खराब प्रदर्शन से विशेष रूप से नाराज हैं.
69 नगर निकायों में पिछड़ी टीएमसी
मुख्यमंत्री ने अवैध निर्माणों के खिलाफ निगम की भूमिका पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि चुनाव में जाने से पहले मैं सब कुछ साफ कर दूंगी. ममता ने नगर निकायों को भी फटकार लगाई.
नबन्ना की बैठक में 'खराब' नागरिक सेवाओं पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का गुस्सा फूटा. यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल के लोकसभा चुनावों में सत्तारूढ़ पार्टी 121 नगर निकायों में से 69 में पिछड़ गई.
ममता बनर्जी ने कहा, 'मैं किसी भी गैरकानूनी गतिविधि और अतिक्रमण की इजाजत नहीं दूंगी. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने जमीन पर कब्जा किया है, उन्होंने बीजेपी को वोट दिया है और यह पूरी तरह से भू-माफियाओं का काम है.
द्विपक्षीय तीस्ता वार्ता में शामिल न करने को लेकर नाराज
ममता बनर्जी ने शनिवार को दिल्ली में शेख हसीना के साथ हुई द्विपक्षीय तीस्ता वार्ता में उन्हें शामिल नहीं करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नाराजगी जताई है. शेख हसीना और पीएम मोदी ने शनिवार को फरक्का समझौते के नवीनीकरण पर फैसला लिया था. फरक्का में गंगा के पानी के बंटवारे पर बांग्लादेश और भारत के बीच फरक्का समझौता 2026 में समाप्त होगा.
सीएम ममता बनर्जी ने यह मुद्दा उठाया है कि बातचीत के दौरान पश्चिम बंगाल को क्यों छोड़ दिया गया. ममता ने इसके लिए पीएम मोदी को विरोध पत्र भी भेजा है. टीएमसी सांसद संसद सत्र में इस मुद्दे को उठाएंगे.