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क्या 2024 से पहले विपक्षी एकजुटता की धुरी बनती जा रहीं ममता बनर्जी?

ममता बनर्जी ने भी बंगाल से बाहर अपने सियासी प्लान का ट्रेलर जारी कर दिया है. 21 जुलाई को 'शहीद दिवस' के मौके पर ममता का वर्चुअल संबोधन हुआ. ममता ने इस दौरान विपक्षी एकजुटता का नारा बुलंद किया और 2024 में दिल्ली फतेह करने के लिए बिगुल फूंक दिया. 

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अब दिल्ली में होगा खेला...
अब दिल्ली में होगा खेला...
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बंगाल में खेला के बाद अब ममता का दिल्ली चलो मिशन
  • विपक्षी एकजुटता का नारा, बीजेपी को सत्ता से बाहर करने की हुंकार

जो सपा-कांग्रेस न कर पाई वो ममता बनर्जी ने किया. जो सपा-बसपा न कर पाई वो ममता बनर्जी ने किया. जो आरजेडी-कांग्रेस न कर पाई वो ममता बनर्जी ने किया और जो एनसीपी-कांग्रेस-शिवसेना ने मिलकर किया, वो ममता बनर्जी ने अकेले कर दिखाया. पश्चिम बंगाल में बीजेपी को हराकर तीसरी बार सत्ता को हासिल कर लिया.

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शायद यही वजह है कि देश की राजनीति के सबसे मजबूत चेहरे के रूप में स्थापित हो चुके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने ममता बनर्जी का नाम लिया जाने लगा है. विरोधी खेमे को ममता में उम्मीद नजर आ रही है और विपक्ष भी 'बंगाल की शेरनी' के इर्द-गिर्द नजर आ रहा है. 

ममता बनर्जी ने भी बंगाल से बाहर अपने सियासी प्लान का ट्रेलर जारी कर दिया है. 21 जुलाई को 'शहीद दिवस' के मौके पर ममता का वर्चुअल संबोधन हुआ. ममता ने इस दौरान विपक्षी एकजुटता का नारा बुलंद किया और 2024 में दिल्ली फतेह करने के लिए बिगुल फूंक दिया. 

बीजेपी को देश खदेड़ने तक 'खेला होबे' नारे वाला ममता का भाषण देश के 8 राज्यों में लाइव टेलिकास्ट किया गया. ममता की स्पीच का लाइव टेलिकास्ट पंजाब, यूपी, दिल्ली, महाराष्ट्र, एमपी, गुजरात, त्रिपुरा और तमिलनाडु में किया गया. ये पहला मौका था जब ममता ने 'शहीद दिवस' को राष्ट्रीय कैनवास पर उतारा और इसी मंच से देश की राजनीति की आवाज उठाई, पीएम मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार को चुनौती दी. 

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ममता की हुंकार- जब तक BJP को सत्ता से बाहर नहीं करते तब तक खेला होगा

ममता की हुंकार के साथ विपक्ष

ममता बनर्जी कोलकाता से बीजेपी और पीएम मोदी को ललकार रही थीं तो दिल्ली में विपक्षी दलों के कई नेता उनकी स्पीच को सुनकर उनका साथ देने का संदेश दे रहे थे. कांग्रेस से पी.चिदंबरम और दिग्विजय सिंह समेत एनसीपी से शरद पवार और सुप्रिया सुले, समाजवादी पार्टी से रामगोपाल यादव और जया बच्चन, डीएमके से त्रुचि शिवा, शिवसेना से प्रियंका चतुर्वेदी, आरजेडी से मनोज झा, टीआरएस के केशव राव अकाली दल से सरदार बलविंदर सिंह और आम आदमी पार्टी से संजय सिंह, इन तमाम नेताओं ने ममता की स्पीच सुनी. 

ममता ने विपक्ष की दूसरी पार्टियों के नेताओं से एक प्लेटफॉर्म पर आने के लिए मीटिंग का न्योता दिया. 2024 में बचे तीन साल का इस्तेमाल आगे की रणनीति के लिए करना होगा. वहीं, विपक्ष की एकजुटता दिखाने के लिए वो कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में दूसरी पार्टियों के नेताओं के साथ रैली करेंगी. ममता ने तो यहां तक ऐलान कर दिया कि अगर उनका फोरम सत्ता में आता है तो पूरे देश को मुफ्त में राशन दिया जाएगा. ममता बनर्जी ने 'खेला होबे' नारे को दिल्ली पहुंचाने की बात भी कही और ऐलान किया कि 16 अगस्त को खेला दिवस के तौर पर मनाया जायेगा.

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चलो दिल्ली का नारा

वहीं, जिस मुद्दे को पूरा विपक्ष इस वक्त संसद में उठा रहा है, ममता ने उस पर मोदी सरकार को घेरा. ममता ने पेगासस मुद्दे पर BJP को घेरते हुए अपना मोबाइल दिखाकर हमला बोला.

इसके अलावा ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के मुखपत्र 'जागो बंगला' को भी नये नारे 'एबार शोपोथ, चलो दिल्ली' यानी 'नई शपथ, चलो दिल्ली' के साथ रिलॉन्च किया गया है. चलो दिल्ली के नारे के साथ ही ममता बनर्जी दिल्ली आ भी रही हैं. 26 जुलाई को ममता के दिल्ली आने का प्रोग्राम है, यहां वो विपक्षी खेमे के कई सांसदों से मुलाकात करेंगे. साथ ही शरद पवार द्वारा बुलाई गई गैर-बीजेपी नेताओं की बैठक में भी शिरकत कर सकती हैं. 

अभिषेक तैयारी में जुटे

ममता बनर्जी के दिल्ली कूच से पहले अभिषेक बनर्जी दिल्ली पहुंच चुके हैं. रणनीति तय करने के लिए अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में आज टीएमसी सांसदों की बैठक बुलाई गई है. आज शुखेंदु शेखर राय के घर दोपहर के भोजन के वक्त सभी टीएमसी सांसद को आमंत्रित किया गया है. इसके बाद अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में रणनीति तय करने के लिए टीएमसी संसदीय दल की बैठक भी है. 

इस बैठक में ममता बनर्जी के दिल्ली दौरे की रणनीति को तय किया जायेगा. ममता बनर्जी 26 जुलाई की दोपहर दिल्ली पहुंच रही हैं. यहां वो सबसे पहले संसद भवन जाएंगी, इसके बाद राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मुलाकात करने का कार्यक्रम भी है. लेकिन उससे भी महत्वपूर्ण है विरोधी दलों के नेताओं के साथ बैठक करना और 2024 के लिए रण कौशल तय करना. सूत्रों के मुताबिक, ममता के प्रोग्राम की रणनीति के अलावा संसद में किस तरह टीएमसी को आगे बढ़ाना है, किन मुद्दों को उछालना है इस विषय पर भी मंथन किया जाएगा.

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