पश्चिम बंगाल में टीएमसी सांसद मदन मित्रा ने राज्यपाल सी वी आनंद बोस को धमकी देते हुए कहा कि प्रदेश छोड़ने के लिए 11 जुलाई का टिकट बुक करा लें. टीएमसी विधायक ने बुधवार को उत्तर 24 परगना के बेलघोरिया जिले में रथ यात्रा उत्सव के दौरान राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर तंज कसते हुए कहा कि राज्यपाल अंधे धृतराष्ट्र हैं. वह हिंसा प्रभावित मणिपुर क्यों नहीं गए? क्या वहां राधा-कृष्ण का प्रेम चल रहा था?' पश्चिम बंगाल में आठ जुलाई को पंचायत चुनाव हैं, वहीं चुनाव के नतीजे 11 जुलाई को घोषित किए जाएंगे, लेकिन इससे पहले राज्य में बड़े पैमाने पर हिंसा शुरू हो गई है. केंद्र ने हिंसा को कंट्रोल करने के लिए बीएसएफ के अलावा अर्धसैनिक बलों को तैनात कर दिया है.
विधायक ने कहा, 'जिस तरह से राज्यपाल राजभवन में बैठकर हिंसा भड़का रहे हैं, विपक्ष को राजभवन बुला रहे हैं. राजभवन के पीस हाउस में उपद्रवियों को पनाह दी जा रही है. गवर्नर के पीस हाउस में दुनियाभर से अपराधी कमर में पिस्तौल लेकर घूम रहे हैं. टीएमसी नेता मित्रा ने राज्यपाल को चेतावनी देते हुए कहा, "आप जो भी कर सकते हैं कर लें, लेकिन 11 तारीख का टिकट बुक करा लें. आपको बंगाल छोड़ना होगा." दरअसल 11 जुलाई को पंचायत चुनाव की गिनती होगी.
मित्रा ने आगे कहा, "हम भगवान जगन्नाथ देब से प्रार्थना करते हैं कि हम बड़ी मुसीबत में हैं, कई साजिशें चल रही हैं. बंगाल को हराने, बंगाल को पीछे धकेलने की कोशिशें की जा रही हैं. भगवान सभी कष्टों को दूर करें और हमें शक्ति दें ताकि हम आगे बढ़ सकें और लोगों के लिए अच्छा काम कर सकें.' मित्रा ने उदाहरण देते हुए कहा, "अगर नवाब सिराजदौला ने साजिश नहीं रची होती, तो ईस्ट इंडिया कंपनी नहीं आती. वह साजिश अब भी चल रही है."
विधायक ने केंद्र को चुनौती देते हुए कहा,'साजिश रचकर सभी बीएसएफ जवानों को पंचायत चुनाव के दौरान राज्य में तैनात करके कुछ नहीं कर पाएंगे. बीएसएफ का काम सीमा की सुरक्षा करना और सोने के तस्करों को पकड़ना है, लेकिन उन्हें लाया जा रहा है. केंद्र को वाघा बॉर्डर से भी बीएसएफ हटा लेनी चाहिए, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि लोग बाद में वोट देंगे. बीएसएफ को मतदान केंद्र से काफी दूर तैनात किया जाएगा.
(रिपोर्ट:दीपक देबनाथ)