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आलू-प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर ममता ने लिखी पीएम मोदी को चिट्ठी, कहा- जमाखोरी से आम लोगों को तकलीफ

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को सोमवार को एक चिट्ठी लिखी. ममता ने यह चिट्ठी आलू और प्याज के बहते दामों को लेकर लिखी है. ममता ने अपनी 4 पन्नों की चिट्ठी में हाल ही में संसद से पास हुए कृषि कानूनों को लेकर सरकार पर निशाना साधने की कोशिश भी की है.

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आलू-प्याज की कीमतों को लेकर चिंतित हुईं ममता बनर्जी (फाइल फोटो)
आलू-प्याज की कीमतों को लेकर चिंतित हुईं ममता बनर्जी (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी
  • आलू-प्याज की बढ़ती कीमतों को बनाया मुद्दा
  • ममता ने पीएम मोदी से हस्तक्षेप की मांग की

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को सोमवार को एक चिट्ठी लिखी. ममता ने यह चिट्ठी आलू और प्याज के बहते दामों को लेकर लिखी है. ममता ने अपनी 4 पन्नों की चिट्ठी में हाल ही में संसद से पास हुए कृषि कानूनों को लेकर सरकार पर निशाना साधने की कोशिश भी की है.

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ममता ने अपनी चिट्ठी की शुरुआत करते हुए लिखा है कि आप अच्छी तरह से जानते हैं कि हाल ही में भारत सरकार ने किसानों और आवश्यक वस्तुओं से संबंधित तीन कानून बनाए हैं .

ममता ने आगे लिखा है कि हमने अपनी गंभीर चिंताओं को उठाया था कि इन अधिनियमों को बिना पर्याप्त विचार या चर्चा और राज्यों के परामर्श के बिना जल्दबाजी में बनाया गया था. कृषि से जुड़ी आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता और कीमतों के संदर्भ में इन केंद्रीय कानूनों का किसानों और उपभक्ताओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता नजर आने लगा है, क्योंकि ये अधिनियम किसानों और उपभोक्ताओं के हितों के खिलाफ हैं.

ममता ने अपनी चिट्ठी में आगे कहा है कि यह उल्लेख किया जा सकता है कि आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन के चलते अनाज, दाल, तिलहन, खाद्य तेलों, प्याज और आलू को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटा दिया गया है, जिसके बाद आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी कर मुनाफा बनाया जा रहा है. इस कारण आलू, प्याज आदि जैसी वस्तुओं की कीमतों में हुई वृद्धि से आम लोगों को तकलीफें हुईं.

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ममता ने अपनी चिट्ठी में आगे लिखा है कि इस संबंध में हमारी सबसे बुरी आशंका पहले से ही सही प्रतीत हो रही है क्योंकि हाल के हफ्तों में आवश्यक घरेलू सब्जियों जैसे आलू और प्याज की अत्यधिक कीमतों ने उन्हें पहले ही आम लोगों की पहुंच से दूर कर दिया है. ममता ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा उन्हें नियमित करने का भी कोई संकेत नहीं है ना ही उनकी पर्याप्त आपूर्ति हो रही है.

अंत में ममता बनर्जी ने कहा है कि आलू-प्याज जैसी आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती अप्रत्याशित कीमतों की वजह से बनी गंभीर स्थिति की तरफ आपका ध्यान आकर्षित कराना चाहती हूं और तत्काल हस्तक्षेप की उम्मीद अपेक्षा करती हूं, क्योंकि अब यह मामला राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं है, और हम महंगाई से जूझ रही जनता को मूकदर्शक बनकर देखते नहीं रह सकते.

 

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