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क्रेडिट की होड़! ममता बनर्जी का पत्र - बंगाल सरकार की बदौलत मिला PM किसान योजना का पैसा

ममता बनर्जी ने दावा किया है कि बंगाल सरकार की 'कृषक बंधु योजना' केंद्र सरकार की 'पीएम किसान सम्मान योजना' से ज्यादा अच्छी है और पीएम किसान योजना का रुपया भी बंगाल सरकार की बदौलत ही किसानों को मिल रहा है.

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बंगाल सीएम ममता बनर्जी
बंगाल सीएम ममता बनर्जी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • PM किसान योजना पर केंद्र-बंगाल सरकार आमने-सामने
  • ममता बनर्जी का पत्र किसानों को बांटा गया है

पश्चिम बंगाल में केंद्र और ममता बनर्जी सरकार की जंग चुनाव के बाद भी जारी है. अब ममता बनर्जी ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan samman nidhi yojna) का क्रेडिट लेने की कोशिश की है, जिसपर विवाद हुआ है. बंगाल में राज्य सरकार की तरफ से ममता के हस्ताक्षर वाली चिट्ठी किसानों में बांटी गई.

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ममता ने दावा किया है कि बंगाल सरकार की 'कृषक बंधु योजना' केंद्र सरकार की 'पीएम किसान सम्मान योजना' से ज्यादा अच्छी है और पीएम किसान योजना का रुपया भी बंगाल सरकार की बदौलत ही किसानों को मिल रहा है. बंगाल सरकार में श्रम राज्य मंत्री बेचाराम मन्ना ने सिंगुर के किसानों को ममता की चिट्ठी बांटी है.

ममता का पत्र जनता को बांटा गया

बेचराम मन्ना ने इस मौके पर केंद्र सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सिर्फ बीजेपी के कार्यकर्ताओं को किसान निधि योजना के रुपए दे रही है. ममता की इस चिट्ठी में लिखा है कि तरह-तरह के बहाने बनाकर दिल्ली की केंद्र सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का रुपया नहीं दे रही थी.

इस चिट्ठी को लेकर बीजेपी की ओर से कहा गया है की ममता सरकार जानबूझकर बंगाल के किसानों को पीएम किसान सम्मान योजना के तहत रुपए नहीं देना चाहती है.

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ममता के पत्र में लिखा है, 'आप लोगों को पता है कि राज्य सरकार ने 2018 में पूरी तरह से राज्य सरकार के रुपयों से कृषक बंधु योजना शुरू की थी जो पूरे देश में मॉडल साबित हुई है. इसी के बाद 2019 में केंद्र सरकार ने पीएम किसान निधि योजना शुरू की. तुलनात्मक रूप से हमारी कृषक बंधु योजना में सुविधाएं काफी ज्यादा है. बगैर जमीन वाले किसान भी self-declaration के तहत इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. हमने कृषक बंधु योजना के तहत दी जाने वाली राशि दोगुनी करके साल में सर्वाधिक 10000 और न्यूनतम ₹4000 कर दी है.'

आगे लिखा है, 'पीएम किसान सम्मान निधि योजना में राज्य सरकार की ओर से आपका नाम आए उसके लिए जो भी संभव है किया गया है. आपको मिलना चाहिए ₹18000 लेकिन उससे बहुत कम मिल रहा है. और यह भी आपको नहीं मिलता अगर हमने आपके लिए लड़ाई नहीं लड़ी होती.' ममता के पत्र में आगे लिखा है, 'आप लोग चिंता मत कीजिए. आपकी बकाया राशि के लिए हम लोग लड़ाई करते रहेंगे.'

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