"दिल्ली में 75% लोगों की बिजली मुफ्त है. अच्छी नीयत वाली सरकार ले आओ, सिर्फ ट्यूबवेल नहीं घर की बिजली भी मुफ्त कर देंगे." उत्तर प्रदेश के मेरठ में किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह बात कही. केजरीवाल ने मेरठ की क्रांतिकारी धरती को नमन करते हुए कहा कि आज हमारे देश का किसान बहुत ज़्यादा पीड़ा में है. 3 महीने से ज़्यादा हो गए हैं, 95 दिन हो गए. कड़कड़ाती ठंड में किसान दिल्ली के बॉर्डर पर अपने परिवार, अपने बच्चे के साथ बैठे हैं.
उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसी को मज़ा नहीं आता ऐसे धरना करने में. 250 लोग शहीद हो चुके हैं, लेकिन सरकार के कानों पर जू तक नहीं रेंग रही है. 70 साल में इस देश के किसानों ने सिर्फ धोखा देखा है. सभी पार्टियों की सरकारों ने किसान को धोखा दिया. किसान बस अपनी फसल का सही दाम मांग रहा है, 70 साल हो गए मांगते-मांगते. हर पार्टी के घोषणापत्र में लिखा होता है कि फसलों के सही दाम देंगे, लेकिन एक पार्टी ने नहीं दिया.
केजरीवाल ने कहा कि अगर सही दाम मिल जाते तो किसान को आत्महत्या नहीं करनी पड़ती. हर पार्टी चुनाव के पहले वादा करती है कि कर्ज़ माफ कर देंगे. 25 साल में साढ़े 3 लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं, ये कोई छोटी बात नहीं है. किसानों की अब जिंदगी और मौत की लड़ाई हो गई है. ये तीनों कानून किसानों के डेथ वारंट हैं. सबकी खेती पूंजीपतियों के हाथ मे चली जायेगी, हर किसान अपने खेती बचाने के लिये लड़ रहा है. ये करो या मरो की स्थिति है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि BJP ने 2014 के घोषणापत्र में कहा था कि हम स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करेंगे. लागत का 50% प्रॉफिट देंगे. किसान भोले भाले हैं, भारी बहुमत से वोट दिया. सरकार बनने के 3 साल के अंदर BJP की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दिया है कि हम MSP लागू नहीं करेंगे. ये तो धोखा हो गया, झूठ बोलकर किसानो के वोट ले लिए. किसानों पर सरकार अत्याचार कर रही है. ये क्या हमारे देश के दुश्मन हैं? ऐसे तो लोग दुश्मन के साथ भी नहीं करते. ऐसा अत्याचार तो अंग्रेज़ो ने भी नहीं किया था. कीले ठोकने का काम अंग्रेज़ो ने भी नहीं किया.
वहीं लाल किले पर झंडा फहराने वाले मामले को लेकर दिल्ली सीएम ने कहा कि लाल किले का पूरा कांड इन्होंने कराया. हमने शुरू से इस आंदोलन में हिस्सा लिया. केंद्र सरकार ने प्लानिंग बनाई की दिल्ली में आ जाने दो, फिर जेल में डाल देंगे. केंद्र सरकार ने मेरे पास फाइल भेजी की दिल्ली के 9 बड़े स्टेडियम को जेल बनाना है. किस्मत अच्छी है कि जेल बनाने की पावर मेरे पास है, इनको फाइल मेरे पास भेजनी पड़ी. पहले प्यार से कहा फिर धमकी दी कि फाइल क्लियर कर दो लेकिन हमने इन्हें जेल नहीं बनाने दिया.
केजरीवाल ने कहा कि मुझे पता था ये आंदोलन खत्म करने के लिए सबको जेल में डाल देंगे. जबसे किसान दिल्ली के बॉर्डर पर आकर बैठे हैं, हमारी पार्टी और सरकार की तरफ से हम तन मन धन से उनकी सेवा कर रहे हैं. पानी, टॉयलेट, वाईफाई की व्यवस्था करने में हम पूरी मदद कर रहे हैं. 28 जनवरी की रात को जो कुछ हमने TV पर देखा, उस पर यकीन नहीं हुआ. हमारे देश के महान किसान नेता बाबा महेंद्र सिंह टिकैत के सुपुत्र राकेश टिकैत, किसानों के लिए अपना शरीर गला रहे थे. लेकिन सरकार ने उनके साथ जो व्यवहार किया, उनकी आंखों से आंसू निकल आए. मुझसे ये देखा नहीं गया. मैंने उनसे पूछा कि क्या चाहिए हम इंतज़ाम कराएंगे.
सीएम केजरीवाल ने कहा कि मैं किसानों ने पूछना चाहता हूं कि उत्तर प्रदेश की एक मंडी बता दो जहां MSP पर एक भी फसल उठती हो. योगी आदित्यनाथ से पूछता हूं कि ऐसी एक मंडी बता दो हम भी देखने चलेंगे. जब केंद्र से बात चल रही थी तब इनके मंत्री टीवी पर कह रहे थे MSP नहीं दी जा सकती 17 लाख करोड़ रुपये लगेंगे.
उन्होंने कहा कि मैं फॉर्मूला रखता हूं, केंद्र सरकार सुनना चाहे तो सुन ले. इस देश मे एक पैसा खर्च किए बिना 23 की 23 फसलें MSP पर सरकार उठा सकती है. सरकार का एक नया पैसा खर्च नहीं होगा. 17 लाख करोड़ किसान फ्री में नहीं मांग रहा. बदले में किसान आपको अपनी फसल देगा. सरकार के पास 17 लाख करोड़ की फसल आएगी. उस फसल को बाजार में बेचेगी तो सरकार के पास पैसा आएगा. किसी साल मे हो सकता है कि मुनाफा आ जाये, किसी साल में हो सकता है घाटा हो जाये. लेकिन 10-15 साल में सब बराबर हो जाएगा. मान लो 1 डेढ़ लाख करोड़ का घाटा भी हो गया तो हमारे देश के किसानों, उनके परिवारों को खुश रखने के लिए इतना घटा नहीं सह सकते?
केजरीवाल ने अपनी सफलता बताते हुए कहा कि पहले दिल्ली में 7-8 घंटे के पावर कट लगते थे, 20-20 हज़ार बिल आते थे. ठीक कर दिया सबको 6 साल में. अगर आप किसानों को इन मिल वालों से पैसे नहीं दिलवा सकते तो लानत है तुम्हारी सरकार पर. जिस दिन अच्छी नीयत वाली सरकार आ गई, आप मिल में गन्ना छोड़ कर आओगे घर पहुंचने से पहले खाते में पैसा आ जायेगा ये गारंटी है.
अगर मैं बिजली कंपनियों को 50 पैसे बढ़ाने दूं तो कल 200 करोड़ रुपये पार्टी फंड में दे जाएंगे. जब से सरकार में गया हूं एक ही चीज़ सीखी है सरकार में पैसे की कमी नहीं है नीयत की कमी है.