गृहमंत्री अमित शाह हाल ही में जम्मू-कश्मीर के दौरे से वापस लौटे हैं. पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने शाह के दौरे पर दिए गए भाषणों पर अब सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. ये बातें महबूबा ने रविवार को जम्मू दौरे पर एक रैली को संबोधित करते हुए कहीं.
महबूबा ने कहा कि हमारी पार्टी के लिए जम्मू में काम करने वाले कार्यकर्ताओं का आभार. जम्मू में पीडीपी में शामिल होकर काम करना बहुत मुश्किल है, क्योंकि कुछ ताकतों ने हमारी छवि को खराब कर दिया है. लेकिन मेरा बचपन जम्मू में ही बीता है.
जम्मू के खातिर मोदी से हाथ मिलाया
मुफ्ती ने आगे कहा,' मैं जम्मू के लोगों के लिए बहुत बुरा महसूस करती हूं. उन्हें कई मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. मेरे पिता मुफ्ती सईद ने जम्मू के खातिर ही पीएम मोदी से हाथ मिलाया था.
यूपी-बिहार से शख्स क्यों लाए?
पूर्व सीएम ने आगे कहा,'हाल ही में अमित शाह जम्मू-कश्मीर आए. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया है. अब वे हिंदू सीएम का राजतिलक करेंगे. मैं उनसे पूछती हूं कि उन्होंने जम्मू के शख्स को उपराज्यपाल क्यों नहीं बनाया? वे यूपी, बिहार से किसी को क्यों लेकर आए?
कर्ण सिंह को ही एलजी बना देते
महबूबा ने सवाल किया कि क्या जम्मू से कोई हिंदू नहीं बचा है, जो उपराज्यपाल या मुख्य सचिव बनने में सक्षम हो? यहां तक कि जम्मू-कश्मीर बैंक का अध्यक्ष भी जम्मू-कश्मीर के बाहर से है? वे (BJP) कम से कम डॉ. कर्ण सिंह को जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल बना सकते थे. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीरियों के फलों से लदे ट्रकों को बनिहाल सुरंग पार नहीं करने दिया गया. क्या वे सड़ाने के लिए फल उगा रहे हैं.
महबूबा ने लगाया था नजबंद करने का आरोप
बता दें कि गृहमंत्री अमित शाह हाल ही में जम्मू-कश्मीर के दौरे से लौटे हैं. जब शाह जम्मू-कश्मीर के दौरे पर थे, तब महबूबा ने श्रीनगर पुलिस पर उन्हें नजरबंद करने का आरोप लगाया था. महबूबा ने कहा था,'गृहमंत्री कश्मीर में हालात सामान्य होने का ढोल पीटते हुए घूम रहे हैं. लेकिन मुझे घर में नजरबंद कर दिया गया है. मुझे अपने एक कार्यकर्ता की शादी में शामिल होने के लिए पट्ट्न जाना था, लेकिन मुझे नहीं जाने दिया गया. अगर एक पूर्व सीएम के मौलिक अधिकारों को इतनी आसानी से कुचला जा सकता है तो आम आदमी की दुर्दशा की कल्पना भी नहीं की जा सकती है.