
2024 के चुनाव से पहले मोदी सरकार ने अपना आखिरी बजट पेश किया और अबकी बार आठ सालों बाद टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया. सात लाख तक आमदनी वालों को कोई टैक्स नहीं देना होगा. बजट में मिडिल क्लास समेत हर वर्ग को कुछ न कुछ मिला. लेकिन विपक्ष को इस बजट में शून्य के सिवा कुछ नहीं दिख रहा है. इस कड़ी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे मित्र काल बजट करार दिया. उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया कि बजट में रोजगार सृजित करने और महंगाई से निपटने की कोई योजना नहीं है.
राहुल गांधी ने ट्वीट में कहा, "मित्र काल' बजट में: नौकरियां पैदा करने का कोई विजन नहीं है. महंगाई से निपटने की कोई योजना नहीं है. असमानता को दूर करने का कोई इरादा नहीं है. 1% सबसे अमीर 40% संपत्ति के मालिक हैं, 50% सबसे गरीब 64% GST का भुगतान करते हैं, 42% युवा बेरोजगार हैं - फिर भी, पीएम को परवाह नहीं है! यह बजट साबित करता है कि भारत के भविष्य के निर्माण के लिए सरकार के पास कोई रोडमैप नहीं है."
वहीं कांग्रेस ने पी चिदंबरम ने कहा, "इस बजट से किसे फायदा हुआ है? निश्चित रूप से, गरीब नहीं, बेरोजगार युवा नहीं, करदाताओं का बड़ा हिस्सा नहीं, गृहिणी नहीं. 1% आबादी के हाथों में धन जमा हो रहा है. निश्चित रूप से, आप नहीं!"
हाफ शर्ट पहनकर बजट सत्र में पहुंचे थे राहुल
बता दें कि बुधवार को बजट सत्र में हिस्सा लेने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी पहुंचे थे. इस दौरान राहुल गांधी एक बार फिर हाफ शर्ट पहने नजर आए. राहुल गांधी ने हाल ही में भारत जोड़ो यात्रा खत्म की है. कड़ाके की ठंड और कश्मीर में बर्फबारी के बावजूद राहुल गांधी पूरी यात्रा के दौरान हाफ टीशर्ट में नजर आए.
दिल्ली वालों के साथ और सौतेला बर्ताव- केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बजट पर कहा कि दिल्ली वालों के साथ और सौतेला बर्ताव किया गया है. दिल्ली वालों ने पिछले साल 1.75 लाख करोड़ से ज़्यादा इनकम टैक्स दिया. उसमें से मात्र 325 करोड़ रुपये दिल्ली के विकास के लिए दिए. ये तो दिल्लीवालों के साथ घोर अन्याय है. इसके अलावा सीएम केजरीवाल ने कहा कि इस बजट में महंगाई से कोई राहत नहीं, उल्टे इससे महंगाई बढ़ेगी. बेरोजगारी दूर करने की कोई ठोस योजना नहीं है. सीएम ने कहा कि शिक्षा बजट घटाकर 2.64 % से 2.5 % करना दुर्भाग्यपूर्ण है. वहीं स्वास्थ्य बजट घटाकर 2.2 % से 1.98 % करना हानिकारक है.
अखिलेश यादव ने भी साधा निशाना
इससे पहले यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा था कि भाजपा अपने बजट का दशक पूरा कर रही है, पर जब जनता को पहले कुछ न दिया तो अब क्या देगी. भाजपाई बजट महंगाई और बेरोज़गारी को और बढ़ाता है. किसान, मजदूर, युवा, महिला, नौकरीपेशा, व्यापारी वर्ग में इससे आशा नहीं निराशा बढ़ती है, क्योंकि ये चंद बड़े लोगों को ही लाभ पहुंचाने के लिए बनता है.
मायावती ने बजट पर क्या कहा?
देश में पहले की तरह पिछले 9 वर्षों में भी केन्द्र सरकार के बजट आते-जाते रहे, जिसमें घोषणाओं, वादों, दावों और उम्मीदों की बरसात की जाती रही, लेकिन वे सब बेमानी हो गए, जब भारत का मिडिल क्लास महंगाई, गरीबी व बेरोजगारी आदि की मार के कारण लोवर मिडिल क्लास बन गया, अति-दुखद. इस साल का बजट ज्यादा अलग नहीं है. पिछले साल की कमियां कोई सरकार नहीं बताती और नए वादों की फिर से झड़ी लगा देती है, जबकि जमीनी हकीकत में 100 करोड़ से अधिक जनता का जीवन वैसे ही दाव पर लगा रहता है जैसे पहले था. लोग उम्मीदों के सहारे जीते हैं, लेकिन झूठी उम्मीदें क्यों?