देशभर में जाली नोट (FAKE CURRENCY) के कारोबार को लेकर गृह मंत्रालय ने लोकसभा में अहम जवाब दिया है. गृह मंत्रालय ने माना है कि देश में उच्च गुणवत्ता वाले जाली नोट (High Quality Indian counterfeit currency) के व्यापार का चलन बढ़ रहा है. गृह मंत्रालय के मुताबिक, NIA द्वारा पिछले 2 साल में दर्ज किए गए 22 मामलों में से 12 ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें जालसाजी के लिए उच्च गुणवत्ता की FAKE CURRENCY का इस्तेमाल किया गया है. सरकार का कहना है कि फेक करेंसी का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में किया जाता है.
जाली नोटों के परिचालन से निपटने के लिए राज्य/केंद्र की कई सुरक्षा एजेंसियों के बीच सूचना साझा करने के लिए गृह मंत्रालय ने भारतीय करेंसी नोट समन्वय सूमह (एफसीओआरडी) बनाया है. वहीं, जाली करेंसी की तस्करी रोकने के लिए भारत ने नेपाल और बांग्लादेश के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं. इसके तहत दोनों देशों के साथ संयुक्त रणनीति बनाई जा रही है.
48 कोर्ट कर रही हैं काम
इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक ने नोटों पर सुरक्षा विशेषताओं को बढ़ाने सहित कई उपाय किए हैं, ताकि जालसाजी को मुश्किल और खर्चीला बनाया जा सके. देशभर में जाली नोटों के मामलों से निपटने के लिए 48 कोर्ट काम कर रही हैं. इससे संबंधित अपराधों के लिए अधिकतम दंड आजीवन कारावास तक है.
चार राज्यों को एडवाजरी जारी
इधर, लोकसभा में गृह मंत्रालय ने बताया कि म्यांमार में आंतरिक हालात को लेकर वहां के लोग भारत में दाखिल हो रहे हैं. म्यांमार से लोगों के दाखिल होने के मुद्दे पर केंद्र सरकार ने मिजोरम समेत चार राज्यों को एडवाइजरी जारी की है.
मिजोरम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड में म्यांमार के नागरिकों के घुसने की सूचना मिली है, जिसके बाद इन राज्यों को एडवाइजरी जारी की गई. यह एडवाइजरी 10 मार्च 2021 को जारी की गई थी.