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Monsoon Session of Parliament: केंद्र सरकार पेश करेगी 24 विधेयक, कांग्रेस ने इन मुद्दों पर घेरने की तैयारी की

संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू हो रहा है. सत्र के दौरान केंद्र सरकार 24 विधेयक पेश करेगी, वहीं कांग्रेस ने सरकार को घेरने की रणनीति बना ली है. कल से शुरू होने वाला सत्र 12 अगस्त तक चलेगा.

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संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू हो रहा है
संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू हो रहा है
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कांग्रेस महंगाई और अग्निपथ के मुद्दे पर घेरेगी
  • 18 जुलाई से शुरू होकर 12 अगस्त तक चलेगा सत्र

संसद का मानसून सत्र कल यानी सोमवार से शुरू हो रहा है. इसके लिए केंद्र सरकार ने कमर कस ली है. सत्र के दौरान केंद्र सरकार की ओर से 24 बिल पेश किए जाएंगे. तो वहीं कांग्रेस ने सरकार को घेरने के लिए रणनीति बना ली है. कांग्रेस संसद में बढ़ती महंगाई, पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतें, अग्निपथ योजना, बेरोजगारी और डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट के मामले पर सरकार को घेर सकती है.

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इसके अलावा मानसून सत्र के दौरान राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव भी होना है. सत्र के पहले दिन सांसद राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान करेंगे, इसके बाद 21 जुलाई को मतगणना होगी.

मानसून सत्र की शुरुआत से पहले भारतीय जनता पार्टी ने सत्र के सुचारू संचालन को लेकर रविवार को संसद के एनेक्सी भवन में ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई. वहीं मानसून सत्र के लिए रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए विपक्ष भी आज एक बैठक कर सकता है. बैठक के लिए तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) को भी न्योता भेजा गया है.

इस बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सभी दलों के नेताओं से सत्र को सफल बनाने की अपील की, जबकि सरकार ने विधायी कार्य के सुचारू संचालन में विपक्ष का सहयोग मांगा है.

संसद में सरकार को किन मुद्दों पर घेरना है, इस पर रणनीति बनाने के लिए कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने गुरुवार को बैठक की थी. इस बैठक में मौजूद एक राज्यसभा सांसद ने कहा था कि एलपीजी सिलेंडर के दाम, मूल्य वृद्धि, बेरोजगारी और गिरता रुपये पर हम सरकार को घेरेंगे. इसके बाद अग्निपथ योजना, सैन्य क्षमता का कमजोर होना और पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी तनाव पर भी घेरा जाएगा. इसके अलावा एजेंसियों/संस्थाओं के निरंतर दुरुपयोग का मुद्दा भी उठाया जाएगा.

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वहीं मानसून सत्र में सरकार की ओर से छावनी विधेयक और बहु-राज्य सहकारी समिति विधेयक भी शामिल हैं. साथ ही छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु के लिए अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) की सूची को संशोधित करने के लिए संविधान संशोधन के लिए दो अलग बिल के साथ ही अन्य विधेयक भी पेश किए जाएंगे. 24 विधेयकों के अलावा आठ और विधेयक दोनों सदनों के समक्ष पहले से ही लंबित हैं.

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