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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी को दोबारा सत्ता में आए हुए डेढ़ साल से ज्यादा का वक्त हो गया है. मई 2019 को आए चुनावी नतीजों में बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए ने धमाकेदार जीत दर्ज कर केंद्र की सत्ता पर दूसरी बार कब्जा जमाया था. साल 2020 पूरा कोरोना के संकट में गुजरा है. ऐसे में साल 2021 में 'देश का मिजाज' समझने और जानने के लिए 'आजतक' ने कार्वी इनसाइट्स लिमिटेड के साथ मिलकर एक सर्वे किया है, जिसमें अगर देश में आज लोकसभा चुनाव होते हैं तो बीजेपी अपने दम पर सरकार बनाती नजर आ रही है जबकि कांग्रेस की स्थिति जस की तस बनी हुई है.
आजतक और कार्वी इनसाइट्स लिमिटेड के सर्वे के मुताबिक जनवरी 2021 में चुनाव हों तो भी बीजेपी अपने दम पर बहुमत के जादुई आंकड़ा पार कर लेगी, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजों की तुलना में न सिर्फ बीजेपी बल्कि एनडीए की सीटें भी घटती दिख रही हैं. सर्वे के मुताबिक 543 लोकसभा सीटों में से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए को 43 फीसदी वोटों के साथ 321 सीटें मिलेंगी जबकि बीजेपी को अकेले दम पर 37 फीसदी वोटों के साथ 291 सीटें हासिल होतीं दिख रही हैं.
वहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव के नजरिए से देखें तो एनडीए को 353 सीटें मिली थी जबकि बीजेपी ने अपने दम पर 303 सीटें जीती थीं. इस लिहाज से आजतक और कार्वी इनसाइट्स लिमिटेड के सर्वे में मिली सीटों की तुलना करते हैं तो पिछले लोकसभा चुनाव के लिहाज से एनडीए की 32 सीटें घटती दिख रही हैं तो बीजेपी को भी 12 सीटों का नुकसान होने की संभावना है.
सर्वे के मुताबिक सोनिया गांधी के नेतृत्व वाले यूपीए को 27 फीसदी वोटों के साथ 93 सीटें मिलतीं. कांग्रेस को अपने दम पर 19 फीसदी वोट और 51 सीटें हासिल होतीं नजर आ रही हैं. इस तरह से कांग्रेस को 2019 के लोकसभा के चुनाव की तुलना में 1 सीटों का नुकसान होने की संभावना है. हालांकि यूपीए की दो सीटें बढ़ती दिख रही हैं. कांग्रेस को 2019 के लोकसभा चुनाव में 52 सीटें मिली थीं जबकि यूपीए के खाते में 91 सीटें आई थीं.
देश में कई ऐसी राजनीतिक पार्टियां हैं जो न तो यूपीए और न ही एनडीए का हिस्सा हैं. आजतक-कार्वी इनसाइट्स लिमिटेड सर्वे के मुताबिक ऐसे अन्य दलों के खाते में 30 फीसदी वोट को साथ 129 सीटें मिलती नजर आ रही हैं. अन्य दलों में सपा, बसपा, टीएमसी, आम आदमी पार्टी, पीडीपी, एयूडीएफ, AIMIM, आरएलडी, आजसू, एएमएमके, इनेलो, अकाली दल, टीआरएस, बीजेडी, वाईएसआर कांग्रेस, टीडीपी सहित तमाम वामपंथी दल शामिल हैं. दिलचस्प बात यह भी है कि बीजेपी और कांग्रेस के इतर अन्य दलों को संयुक्त रूप से 44 फीसदी वोटों के साथ 201 सीटें मिलने की संभावना है.
बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के साथ जेडीयू, अपना दल, एलजेपी, एआईएडीएमके, आजसू, अपना दल, जेजेपी, डीएमडीके, असम गण परिषद सहित पूर्वोत्तर के एआईएनआरसी, बीडीजेएस, बीपीएफ, केईसी, हम, पीएनके, पीटी, आरएलपी, एसकेएम, टीएमसी (एम) एनडीपीपी और एनपीएफ जैसे दल है. वहीं, कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए के साथ एआईयूडीएफ, शिवसेना, डीएमके, आरजेडी, एनसीपी, जेएमएम, जेडीएस, जेवीएम, आईयूएमएल, नेशनल कॉफ्रेंस, आरएलएसपी, वीसीके, आरएसपी-1 सहित कई अन्य छोटे दल शामिल हैं.