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'गोहत्या और मथुरा-काशी...' RSS की मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ हुई बैठक में इन मुद्दों पर हुई चर्चा!

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों और मुस्लिम बुद्धिजीवियों के 5 सदस्यीय दल की दूसरी मुलाकात हुई. इस बैठक में गो हत्या, काफिर शब्द से लेकर मथुरा और काशी जैसे मुद्दों तक पर बात हुई. मीटिंग में मुस्लिम बुद्धिजीवियों की तरफ से कहा गया कि अयोध्या-काशी-मथुरा के मुद्दे पर वे कोर्ट का फैसला मानेंगे.

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मोहन भागवत (File Photo)
मोहन भागवत (File Photo)

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों और मुस्लिम बुद्धिजीवियों के पांच सदस्यीय दल की दूसरी मुलाकात दिल्ली के दरियागंज में स्थित पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग के घर पर 14 जनवरी को हुई. इस बैठक में संघ की तरफ से रामलाल, कृष्ण गोपाल और इंद्रेश कुमार तो वहीं, मुसलमानों की तरफ से पूर्व LG नजीब जंग, शाहिद सिद्दीकी, एस वाई कुरैशी, जमात ए इस्लामी की तरफ से मलिक मोहतसिम और दारुल उलूम से जुड़े लोग शामिल रहे. इन मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने कुछ समय पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत से भी मुलाकात की थी.

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हालिया बैठक में कई अहम मुद्दों पर बातचीत हुई. सूत्रों के मुताबिक बैठक में मौजूद मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने इस बात पर सहमति जताई कि अयोध्या के साथ ही काशी और मथुरा पर भी आने वाले कोर्ट के फैसले को वे स्वीकार करेंगे. संघ नेताओं ने जब बैठक में गोहत्या का मुद्दा उठाया तो मुस्लिम प्रतिनिधियों ने कहा कि अगर गोहत्या से संबंधित कोई कानून आता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी.

मीटिंग में हिंदुओं के लिए काफिर शब्द के इस्तेमाल पर भी आपत्ति जताई गई. कुछ मुस्लिम प्रतिनिधियों ने पांचजन्य में संघ प्रमुख मोहन भागवत के इंटरव्यू के हवाले से अंग्रेजी अखबारों में छपी खबरों का मामला उठाया. इस पर संघ के नेताओं ने पांचजन्य की कॉपी मंगाकर दिखाते हुए कहा कि मोहन भागवत ने ऐसा कुछ नहीं कहा.

मुस्लिम प्रतिनिधियों ने सवाल किया कि मोहन भागवत के बयान या संघ के दूसरे मुद्दों से संबंधित गलत खबरें छपने पर संघ खंडन क्यों नहीं करता. इस पर संघ ने कहा कि संघ में ऐसी कोई खंडन करने की पॉलिसी नहीं है. बैठक में इस बात पर भी सहमति बनी कि जिन मुद्दों को लेकर असहमति है, उसे आगे बातचीत से सुलझाया जाएगा. इसके अलावा जिन पर सहमति है उस पर आगे बात जारी रहेगी.

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इससे पहले ये मुस्लिम बुद्धिजीवी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत से भी मुलाकात कर चुके हैं. इनकी बैठक भागवत के साथ पूरे दो घंटे तक चली थी. इस दौरान देश में सांप्रदायिक सौहार्द मजबूत करने और हिंदू-मुस्लिमों के बीच गहरी होती खाई को पाटने की जरूरत पर बल दिया गया था. मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ मिलकर काम करने के लिए भागवत ने संघ के 4 सदस्यों को नियुक्त करने की बात कही थी.

संघ प्रमुख मोहन भागवत से मिलने वालों में पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी, पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति जमीरुद्दीन शाह और कारोबारी सईद शेरवानी शामिल थे. ये मुलाकात  22 अगस्त 2022 को दिल्ली में हुई थी. मोहन भागवत से मिलने की पहल मुस्लिम बुद्धिजीवियों की ओर से की गई थी. पहल बीजेपी प्रवक्ता नुपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी करने के बाद की गई थी.

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