देश में कोरोना का कहर तेजी से बढ़ता जा रहा है. कोरोना की दूसरी लहर पिछली बार से कई गुना ज्यादा खतरनाक है. हर रोज कोरोना के मामले रिकॉर्ड बना और तोड़ रहे हैं. कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में 19 अप्रैल रात 10 बजे से छह दिन के लॉकडाउन लगा दिया है. वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी के पांच जिलों में लॉकडाउन लगाने का राज्य सरकार को निर्देश दिया है. एक्सपर्ट्स देशभर में लॉकडाउन लागू करने की जरूरत बता रहे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि देशव्यापी लॉकडाउन लगाए जाने की राह में क्या राजनीतिक अड़चने हैं, जिसके चलते केंद्र सरकार इस बार सख्त कदम नहीं उठा पा रही है?
बंगाल के तीन चरण के चुनाव बाकी
देशव्यापी लॉकडाउन लगाए जाने में सबसे बड़ी सियासी दिक्कत पश्चिम बंगाल का विधानसभा चुनाव है, जहां आठ चरण में से तीन चरण का मतदान अभी बाकी है. देशभर में लॉकडाउन लगाया जाता है तो बंगाल के बचे तीन चरण 22, 26 और 29 अप्रैल के चुनाव को स्थगित करना पड़ जाएगा, जो फिलहाल संभव नहीं है. टीएमसी प्रमुख व राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोरोना के चलते तीन चरणों के चुनाव को एक साथ कराने का सुझाव दिया था, जिसे निर्वाचन आयोग ने स्वीकार नहीं किया है. आयोग ने साफतौर पर कहा कि बंगाल के चुनाव को न तो छोटा किया जा सकता है और न ही बाकी बचे चरणों को एक साथ करने की कोई योजना है. ऐसे में बंगाल चुनाव खत्म होने से पहले देशव्यापी लॉकडाउन का फैसला नहीं लिया जा सकता है.
यूपी पंचायत चुनाव के दो चरण
कोरोना संकट के बीच उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हो रहे हैं, जिसने देशव्यापी लॉकडाउन की राह में मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. यूपी पंचायत चुनाव के कुल चार चरणों में से दो चरण के चुनाव हो चुके हैं जबकि दो फेज के चुनाव बाकी हैं. इनमें 26 अप्रैल को तीसरे चरण के लिए 20 जिलों और चौथे चरण के लिए 29 अप्रैल को 17 जिलों में पंचायत चुनाव का मतदान अभी होना है. इसमें जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य के लिए चुनाव हैं, जिसे पिछले साल दिसंबर में ही हो जाना चाहिए था.
कोरोना संकट के चलते देर से चुनाव कराए जा रहे हैं. ऐसे में कोरोना ने दूसरी बार फिर से दस्तक दे दी है और प्रदेश में तेजी से मामले आ रहे हैं. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सोमवार को सूबे के पांच बड़े शहरों में लॉकडाउन लगाने का निर्देश दिया है, जिसे लेकर राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने जा रही है. एक तरह से साफ है कि सूबे में पंचायत चुनाव के खत्म होने से पहले लॉकडाउन लगाए जाने का कदम उठाना मुश्किल है.
पांच राज्यों के चुनाव की मतगणना
पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और पुडुचेरी विधानसभा चुनाव की मतगणना 2 मई को एक साथ होनी है. बंगाल छोड़कर बाकी राज्यों के चुनाव खत्म हो चुके हैं. ऐसे में देशव्यापी लॉकडाउन लगाने का फैसला होता है तो पांच राज्यों में मतगणना कैसे होगी. मतगणना के दौरान सिर्फ प्रत्याशी नहीं बल्कि काउंटिंग के लिए अधिकारी-कर्मचारी मतगणना केंद्र में तैनात किए जाते हैं, जो वोटों की गिनती कराने का काम करते हैं. इसके अलावा सभी उम्मीदवारों के काउंटिंग एजेंट होते हैं, जो मतगणना केंद्र के अंदर मतों की गिनती पर नजर रखते हैं. ऐसे में देशव्यावी लॉकडाउन लगाए जाने के रास्ते में पांच राज्यों के चुनाव की मतगणना सबसे बड़ी दिक्कत बन रही है. इसके अलावा यूपी पंचायत चुनाव की मतगणना भी दो मई को होनी है. यूपी में चार पदों के लिए बड़ी तादाद में उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे है, जो काउंटिंग के दिन मतगणना केंद्र पर होंगे.
उपचुनाव वाले राज्यों में मतगणना
देश के पांच राज्यों के साथ-साथ कई राज्यों में विधानसभा व लोकसभा सीटों के लिए उपचुनाव हुए हैं. राजस्थान की तीन, कर्नाटक की दो विधानसभा जबकि मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तराखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना, मिजोररम, नगालैंड और ओडिशा की एक-एक सीट पर उपचुनाव हुए हैं. इसके अलावा कर्नाटक और आंध्र प्रदेश की एक-एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुए हैं, जहां वोटों की गिनती 2 मई को होनी है. ऐसे में उपचुनाव की मतगणना से पहले देशव्यापी लॉकडाउन लगाना सरकार के लिए मुश्किल भरा कदम है.
बिहार में पंचायत चुनाव की तैयारी
राज्य निर्वाचन आयोग बिहार में पंचायत चुनाव की तैयारी में जुटा है. केंद्रीय और राज्य चुनाव आयोग के बीच इस बात पर सहमति बन गई है कि पंचायत चुनाव उन्हीं ईवीएम से होंगे, जिनसे लोकसभा और विधानसभा चुनाव हुए थे. पंचायत को लेकर मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन कर दिया गया है. मतदान केंद्रों के चयन पर भी राज्य निर्वाचन आयोग ने अपनी मुहर लगा दी है. ऐसे में पंचायत चुनाव की अधिसूचना किसी भी दिन जारी हो सकती है.
ऐसे में लॉकडाउन लगाया जाता है तो बिहार पंचायत चुनाव टाले जा सकते हैं. कोरोना संकट के बीच पंचायत चुनाव टले जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अभी इस पर कोई विचार नहीं किया गया है. एक तरह से साफ है कि बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग और राज्य सरकार जिस तरह से तैयारी कर रखी हैं, उसे देखते हुए देशव्यापी लॉकडाउन लगाना मुश्किल दिख रहा है.