पंजाब में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच कांग्रेस में गुटबाजी फिर चरम पर पहुंच गई है. कई विधायकों और मंत्रियों ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और उन्हें पद से हटाने की मांग कर डाली है. इन विधायकों का कहना है कि जनता से किए गए चुनावी वादे कैप्टन पूरे नहीं कर पाए हैं, लिहाजा उन्हें गद्दी छोड़ देनी चाहिए. इस पूरे विवाद में कैप्टन अमरिंदर और प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की तकरार एक बार फिर साफ उभरकर सामने आई है.
कैप्टन अमरिंदर के खिलाफ बगावत का ये बिगुल मंगलवार (24 अगस्त) को फूंका गया. कैप्टन सरकार में मंत्री तृप्त राजेंद्र सिंह बाजवा के घर मीटिंग हुई. इस मीटिंग में उनके अलावा तीन अन्य मंत्री सुखबिंदर सिंह सरकारिया, सुखजिंदर सिंह रंधावा और चरणजीत सिंह चन्नी भी मौजद रहे. चार मंत्रियों के अलावा करीब दो दर्जन विधायक भी इस बैठक का हिस्सा रहे. हालांकि, बाद में इनमें से 6 विधायकों और एक पूर्व विधायक ने कैप्टन के खिलाफ बगावत करने से किनारा कर लिया.
कैप्टन को सीएम पद से हटाने की मांग
इस बैठक के बाद बाहर आए मंत्रियों और विधायकों ने कैप्टन को पद से हटाने का खुला आह्वान कर डाला. तृप्त सिंह बाजवा ने कहा कि हम सबकी मानना ये है कि अगर कैप्टन अमरिंदर के हाथों में लीडरशिप रही तो कांग्रेस बंट जाएगी, इसलिए हम चाहते हैं कि सीएम बदला जाए. बाजवा के अलावा चरण सिंह चन्नी ने भी खुले तौर पर बदलाव की मांग रखी. चन्नी ने कैप्टन को घेरते हुए कहा कि कई चुनावी वादे अभी पूरे नहीं किए गए हैं. शराब, बालू और केबल माफिया अभी भी पंजाब में सक्रिय है, ऐसे में पार्टी हाईकमान के सामने बदलाव की मांग रख रहे हैं.
मीटिंग के बाद 'बागियों' से मिले सिद्धू
बाजवा के घर विधायकों की बैठक में कैप्टन के खिलाफ पटकथा लिखी गई, जिसे बाहर आकर मीडिया के सामने पढ़ दिया गया. इस बैठक में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू मौजूद नहीं थे, जबकि बाकी जितने भी विधायक या मंत्री इस बैठक में थे, वो ज्यादातर सिद्धू गुट के ही माने जाते हैं. लिहाजा, मीडिया में कैप्टन के खिलाफ आवाज उठने के बाद सिद्धू इन नेताओं से मिले.
Got a call from Tripat Bajwa ji asking for an emergency meeting... Met him along with other colleagues at the PPCC office.
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) August 24, 2021
Will appraise the high command of the situation. pic.twitter.com/n98QacvQhd
सिद्धू ने इस बारे में ट्वीट किया और मुलाकात की फोटो भी शेयर की. सिद्धू ने लिखा, ''तृप्त बाजवा की तरफ से इमरजेंसी बैठक के लिए कॉल आया. उनसे और अन्य साथियों से प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दफ्तर में मिला. हाईकमान को हालात की जानकारी दूंगा.''
दिलचस्प बात ये है कि इन विधायकों और कैबिनेट मंत्रियों ने ही कुछ वक्त पहले नवजोत सिंह सिद्धू की ताजपोशी का समर्थन किया था, जबकि कैप्टन अमरिंदर सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के सख्त खिलाफ थे. आरोप है कि इसी वजह से इन विधायकों और मंत्रियों के इलाकों से कई बड़े प्रशासनिक फेरबदल करते हुए इनके पसंदीदा अफसरों का ट्रांसफर कर दिया गया. इतना ही नहीं, इन मंत्रियों और विधायकों के कई काम भी राज्य सरकार द्वारा रोक दिए गए. कहा जा रहा है कि इसी नाराजगी को लेकर एक बार फिर से कैप्टन के खिलाफ ये विधायक और मंत्री लामबंद हो रहे हैं.
बगावती सुरों के बाद अब मीटिंग का दौर शुरू हो गया है. पंजाब कांग्रेस के महासचिव परगट सिंह और चार नाराज मंत्रियों (सुखजिंदर रंधावा, तृप्त बाजवा, चरणजीत सिंह चन्नी, सुखविंदर सरकारिया) के साथ पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत से मिलने देहरादून पहुंचे हैं. इस मुलाकात के बाद वो दिल्ली में सोनिया गांधी से मिलेंगे. ऐसे में अब देखना होगा कि चुनावी से ठीक पहले मची किचकिच को कांग्रेस हाईकमान को कैसे शांत करा पाता है.