नेशनल कॉग्रेस पार्टी के पूर्व सांसद मो. फैजल की लोकसभा सदस्यता की बहाली की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करने जा रही है. लक्षद्वीप से सांसद मो. फैसल पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज हुआ था. अदालत ने उन्हें दोषी करार देते हुए 10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई थी. इस सजा के बाद फैजल अयोग्य हो गए थे और उनकी लोकसभा सदस्यता चली गई थी. फैजल का आरोप है कि केरल हाई कोर्ट उनकी सजा और दोष सिद्धि दोनों पर रोक लगा चुका है, इसके बावजूद उनकी लोकसभा की सदस्यता बहाल नहीं की गई है. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट उनकी इसी याचिका पर सुनवाई करेगी. कहा जा रहा है कि जिस पैटर्न पर कोर्ट इस मामले में सुनवाई करेगी, इसका असर हाल ही में सामने आए राहुल गांधी की सदस्यता जाने वाले मामले को प्रभावित कर सकता है.
सजा के बाद रद्द हुई थी फैजल की सदस्यता
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और जे बी पारदीवाला की पीठ लक्षद्वीप के पूर्व सांसद की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलों के आधार पर इस मामले में सुनवाई के लिए राजी हो गई. दलील में कहा गया कि मो. फैजल को सजा और सजा पर रोक के बावजूद फिर से सांसद के रूप में बहाल नहीं किया गया. इस साल जनवरी में एक स्थानीय अदालत ने जब हत्या के एक मामले में सांसद को दोषी ठहराया और सजा सुनाई तो तुरंत बाद लोकसभा ने तत्परता दिखाते हुए उनकी सदस्यता रद्द कर दी.
हत्या के प्रयास के मामले में ठहराए गए दोषी
इस मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता ने कहा, कि 'लोकसभा सचिवालय द्वारा 13 जनवरी को जारी एक अधिसूचना के अनुसार, कवारत्ती में एक सत्र अदालत द्वारा हत्या के प्रयास के मामले में दोषी ठहराए जाने की तारीख 11 जनवरी से मो.फैजल की लोकसभा की सदस्यता रद्द की गई. अधिवक्ता केआर शशिप्रभु के जरिए अदालत में दायर अपनी याचिका में फैजल ने कहा कि लोकसभा सचिवालय ने दोष सिद्धि पर रोक के बावजूद अधिसूचना वापस नहीं ली.
सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका
इसके बाद फैजल ने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. हाईकोर्ट से दोषि सिद्धि पर रोक के बावजूद, लोकसभा सचिवालय ने सदस्यता समाप्त करने की अधिसूचना वापस नहीं ली, लिहाजा वह बजट सत्र में भाग नहीं ले पाए.
फैजल का कहना है कि कवरत्ती की सत्र अदालत ने जैसे ही उन्होंने हत्या के प्रयास मामले में दोषी ठहराया और सजा सुनाई, इसके ठीक अगले ही दिन सजा के खिलाफ उन्होंने केरल हाईकोर्ट में अपील दाखिल कर दी थी. उन्होंने दोषसिद्धि पर अंतरिम रोक लगाने और जमानत दिए जाने की मांग की थी. मामला हाईकोर्ट में लंबित था, कि इसी बीच लोस सचिवालय ने 13 जनवरी को अधिसूचना जारी की और फैजल की सदस्यता रद्द कर दी. 18 जनवरी को चुनाव आयोग ने लक्षद्वीप में उपचुनाव की घोषणा की. फैजल ने चुनाव आयोग के प्रेस नोट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. इसी बीच केरल हाईकोर्ट ने फैजल की सजा और दोषसिद्धि पर रोक लगा दी.
27 जनवरी को उपचुनाव मामले में हुई सुनवाई
27 जनवरी को चुनाव आयोग के लक्षद्वीप सीट पर उपचुनाव का मामला सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पर आया. इसमें चुनाव आयोग की ओर से हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक कानून के अनुसार निर्णय लेने की बात कही गई. लिहाजा सुप्रीम कोर्ट ने याचिका निपटा दी. जिसके बाद चुनाव आयोग ने लक्षद्वीप में उपचुनाव का मामला आगे नहीं बढ़ाया, लेकिन कई ज्ञापन देने के बावजूद उनकी सदस्यता समाप्त करने की 13 जनवरी की अधिसूचना वापस नहीं ली गई है.
राहुल गांधी मामले पर पड़ेगा असर
इसी मामले में मोहम्मद फैजल के याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई होने जा रही है. इस मामले का असर राहुल गांधी के मामले में भी पड़ सकता है. मानहानि के मुकदमे में दो वर्ष की सजा होने के वाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त हो गई है, जिसमें उनके पास भी दोष सिद्धि पर रोक के लिए कोर्ट जाने का विकल्प शेष है.