एनसीपी प्रमुख शरद पवार विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने के पक्ष में नहीं हैं. शरद पवार ने एनसीपी नेताओं के साथ बैठक में साफ कर दिया कि वे विपक्ष के उम्मीदवार के तौर पर राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं हैं.
18 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है. अभी तक एनडीए और विपक्ष की ओर से कोई भी उम्मीदवार घोषित नहीं हुआ है. हालांकि, काग्रेस शरद पवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार बनाने पर जोर दे रही है.
पवार ने कांग्रेस नेताओं से मुलाकात के बाद एनसीपी नेताओं से साफ कर दिया कि वे राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनने के इच्छुक नहीं हैं. शरद पवार ने कहा, मैं रेस में नहीं हूं. मैं विपक्ष का राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार नहीं बनूंगा.
प्रशांत किशोर भी दे चुके प्रस्ताव
यह पहला मौका नहीं है, जब शरद पवार को लेकर इस तरह की चर्चा हुई हों. इससे पहले प्रशांत किशोर ने पिछले साल ऐसा ही प्रस्ताव दिया था. हालांकि, पवार ने उस वक्त भी इस तरह के कदम को सिरे से खारिज कर दिया था. एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा था कि गुलाम नबी आजाद को विपक्ष के राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने पर भी चर्चा हुई है.
कांग्रेस-शिवसेना पवार को उम्मीदवार बनाने के पक्ष में
शरद पवार ने राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनने से अपना नाम ऐसे वक्त पर वापस लिया, जब हाल ही में महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी को बड़ा झटका लगा है. महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव में बीजेपी ने शिवसेना के संजय पवार को हराकर 6वीं सीट पर जीत हासिल की. बीजेपी को कई ऐसे निर्दलीय विधायकों ने वोट किया, जो शिवसेना को समर्थन देने का वादा कर रहे थे.
बताया जा रहा है कि कांग्रेस और शिवसेना शरद पवार को विपक्ष के राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने के पक्ष में हैं. कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी सोनिया गांधी के संदेश के साथ शरद पवार से मुलाकात की थी. मल्लिकार्जुन खड़गे ने शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे और तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन से भी बात की थी. कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त उम्मीदवार पर विपक्ष के साथ बातचीत की जिम्मेदारी मल्लिकार्जुन खड़गे को दी है.