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मांझी-कुशवाहा-राजभर-अजित पवार... NDA में शामिल होने वाले दलों की ताकत कितनी?

बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की बैठक होनी है. दिल्ली की इस बैठक में शामिल होने जा रहे दलों की ताकत कितनी है, इनको गठबंधन में शामिल किए जाने के पीछे गुणा-गणित क्या है?

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पवन कल्याण, अजित पवार, जेपी नड्डा, एकनाथ शिंदे और ओपी राजभर
पवन कल्याण, अजित पवार, जेपी नड्डा, एकनाथ शिंदे और ओपी राजभर

सियासत में आज शक्ति प्रदर्शन का दिन है. एक तरफ जहां कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक होनी है, जिसमें करीब दो दर्जन पार्टियों के नेता हिस्सा ले रहे हैं. तो वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की बैठक बुलाई है. बीजेपी ने इस बैठक के लिए करीब ढाई दर्जन पार्टियों के नेताओं को आमंत्रित किया है.

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महाराष्ट्र से रामदास अठावले की पार्टी आरपीआई (ए) के साथ ही एक साल पहले एनडीए में शामिल हुई एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को भी बुलाया गया है. पशुपति पारस की लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के साथ ही एक दिन पहले ही एनडीए में वापसी करने वाले चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), जीतनराम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक जनता दल को भी बैठक के लिए न्यौता भेजा गया है.

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने यूपी से ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा), अनुप्रिया पटेल की अपना दल (सोनेलाल), डॉक्टर संजय निषाद की निषाद पार्टी को भी एनडीए की बैठक के लिए न्यौता भेजा है. अब सवाल ये है कि एनडीए की बैठक में बुलाए गए इन दलों की ताकत क्या है, ये पार्टियां कहां मजबूत हैं?

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पार्टी प्रमुख चेहरा बेस वोट ताकत प्रभाव क्षेत्र प्रमुख मांगें
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) चिराग पासवान दलित वोट लोकसभा- 1
राज्यसभा- 0
विधानसभा-0
मगध और भोजपुर

हाजीपुर समेत 6 लोकसभा सीटें और 1 राज्यसभा सीट

लोक जनशक्ति पार्टी पशुपति पारस दलित वोट लोकसभा- 5
राज्यसभा- 0
विधानसभा-0
मगध और भोजपुर हाजीपुर लोकसभा सीट
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा जीतनराम मांझी महादलित वोट लोकसभा- 0
राज्यसभा- 0
विधानसभा- 4
मगध और भोजपुर 5 लोकसभा सीटें
राष्ट्रीय लोक जनता दल उपेंद्र कुशवाहा कुशवाहा वोट लोकसभा- 0
राज्यसभा- 0
विधानसभा- 0
मगध और शाहाबाद तीन लोकसभा सीटें
अपना दल (सोनेलाल) अनुप्रिया पटेल कुर्मी वोट लोकसभा- 2
राज्यसभा- 0
विधानसभा- 13
पूर्वी उत्तर प्रदेश, अवध क्षेत्र --------------------
निषाद पार्टी संजय निषाद निषाद वोट लोकसभा- 0
राज्यसभा- 0
विधानसभा- 6
पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश, बुंदेलखंड निषाद आरक्षण, सामाजिक न्याय
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ओमप्रकाश राजभर राजभर वोट लोकसभा- 0
राज्यसभा- 0
विधानसभा- 6
पूर्वी उत्तर प्रदेश तीन लोकसभा सीटें
जननायक जनता पार्टी दुष्यंत चौटाला जाट वोट लोकसभा- 0
राज्यसभा- 0
विधानसभा- 10
हरियाणा --------------------
रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया रामदास अठावले दलित लोकसभा- 0
राज्यसभा- 1
विधानसभा- 0
महाराष्ट्र --------------------
शिवसेना एकनाथ शिंदे हिंदू वोट लोकसभा- 12
राज्यसभा- 0
विधानसभा- 40
महाराष्ट्र (मुंबई-ठाणे रीजन) 23 लोकसभा सीटें
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अजित पवार किसान

लोकसभा---
राज्यसभा- 1
विधानसभा-32

पश्चिम महाराष्ट्र 13 से 15 लोकसभा सीटें
महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी सुधीन धवलीकर मराठी वोट लोकसभा- 0
राज्यसभा- 0
विधानसभा- 2
गोवा --------------------
जनसेना पार्टी पवन कल्याण युवा वर्ग लोकसभा- 0
राज्यसभा- 0
विधानसभा- 0
तेलंगाना और आंध्र प्रदेश --------------------
AIADMK पलानीस्वामी गौंडर, वन्नियार लोकसभा- 0
राज्यसभा- 0
विधानसभा- 0
पश्चिमी तमिलनाडु --------------------
तमिल मनीला कांग्रेस जीके वासन तमिल लोकसभा- 1
राज्यसभा- 4
विधानसभा- 66
तमिलनाडु --------------------
PMK अंबुमणि रामदास वन्नियार वोट लोकसभा-0
राज्यसभा- 1
विधानसभा- 5
उत्तरी तमिलनाडु --------------------
AIRNC एन रंगासामी तेलुगु वोट लोकसभा- 0
राज्यसभा- 0
विधानसभा- 10
पुडुचेरी --------------------
शिरोमणि अकाली दल संयुक्त (ढींढसा) सुखदेव सिंह ढींढसा पंथक वोट लोकसभा- 0
राज्यसभा- 0
विधानसभा- 0
पंजाब --------------------
आजसू सुदेश महतो आदिवासी लोकसभा- 1
राज्यसभा- 0
विधानसभा- 2
झारखंड  --------------------
NPP कोनराड संगमा जनजातीय वोट लोकसभा- 0
राज्यसभा- 1
विधानसभा- 26
मेघालय --------------------
NDPP नेफ्यू रियो जनजातीय वोट लोकसभा- 1
राज्यसभा- 1
विधानसभा- 25
नगालैंड --------------------
SKM पीएस गोले गोरखा, जनजातीय वोट लोकसभा- 1
राज्यसभा- 0
विधानसभा- 17
सिक्किम --------------------
मिजो नेशनल फ्रंट जोरामथंगा मिजो वोट लोकसभा- 1
राज्यसभा- 1
विधानसभा- 26
मिजोरम --------------------
असम गण परिषद अतुल बोरा असमिया आकांक्षा लोकसभा- 0
राज्यसभा- 0
विधानसभा- 9
असम तीन लोकसभा सीटें
UPPL प्रमोद ब्रह्म बोडो लोकसभा- 0
राज्यसभा- 0
विधानसभा- 6
असम --------------------
ITFT हरिनाथ देबबर्मा आदिवासी वोट लोकसभा- 0
राज्यसभा- 0
विधानसभा- 1
त्रिपुरा --------------------

- इसके अलावा इंडिया मक्कल कलवी मुनेत्र कड़गम, बीपीपी (बोडो पीपुल्स पार्टी), आईएमकेएमके (इंडिया मक्कल कालवी मुनेत्र कड़गम) को भी बैठक के लिए न्योता भेजा गया है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का दावा है कि एनडीए की बैठक में 38 दलों को न्योता भेजा गया है. 

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बिहार में मांझी-कुशवाहा-पासवान की 20 फीसदी वोट पर पकड़

जीतनराम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा और चिराग पासवान की बात करें तो बिहार के करीब 20 फीसदी वोट पर इनकी अच्छी पकड़ है. बिहार में कुल मिलाकर करीब 16 फीसदी दलित और महादलित मतदाता हैं. इनमें करीब छह फीसदी पासवान हैं जो दलित में आते हैं. प्रदेश के कुल वोट में महादलित की हिस्सेदारी करीब 10 फीसदी है. इनमें भी छह फीसदी मुसहर हैं जिस जाति से जीतनराम मांझी आते हैं.

मुसहर को मांझी का कोर वोटर माना जाता है. वहीं, उपेंद्र कुशवाहा कोईरी जाति से आते हैं जो करीब आठ फीसदी हैं. कुशवाहा का आठ, मांझी और पासवान का छह-छह फीसदी वोट शेयर वाली जातियों में अच्छा प्रभाव माना जाता है. बिहार की एक दर्जन से अधिक सीटों पर दलित-महादलित निर्णायक भूमिका निभाते हैं. इन दलों के सहारे बीजेपी की कोशिश लोकसभा चुनाव में नीतीश-लालू की जोड़ी का व्यूह भेद 40 सीटों वाले राज्य में अधिक से अधिक सीटें जीतने की है. 

राजभर-निषाद-अनुप्रिया मजबूत करेंगे पूर्वांचल का किला

यूपी की बात करें तो पूर्वांचल की तीन पार्टियों को एनडीए की बैठक में बुलाया गया है. अनुप्रिया पटेल की अपना दल (एस), ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा और डॉक्टर संजय निषाद की निषाद पार्टी के सहारे बीजेपी की नजर पूर्वांचल का जातीय समीकरण साध अपना किला दुरूस्त करने पर है. पूर्वांचल की एक दर्जन से अधिक लोकसभा सीटों पर राजभर मतदाता जीत-हार तय करते हैं. राजभर वोट के साथ ही अगर निषाद और कुर्मी वोट मिल जाए तो बीजेपी को लगता है कि कई सीटों पर उसकी नैया आसानी से पार लग सकती है. पूर्वांचल से लोकसभा की 26 सीटें आती हैं. 2019 के चुनाव में बीजेपी को इन 26 में से 6 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था.

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एआईएमडीएमके-पीएमके-आईएमकेएमके के सहारे तमिल राजनीति

तमिलनाडु की राजनीति दो तरह से दो ध्रुवों के इर्द-गिर्द घूमती है. द्रविड़-गैर द्रविड़ और तमिल अस्मिता. बीजेपी की इमेज हिंदी पार्टी की है. ऐसे में बीजेपी की कोशिश तमिल राजनीति में एआईएमडीएमके, पीएमके, आईएमकेएमके जैसी पार्टियों के सहारे अपनी जमीन तैयार करने की है. तमिलनाडु में बीजेपी के चार विधायक हैं. वहीं, पार्टी की रणनीति पवन कल्याण की जनसेना के सहारे आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की राजनीति में पैठ बनाने की है.

महाराष्ट्र में उद्धव का विकल्प शिवसेना-एनसीपी

महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के गठबंधन तोड़ लेने के बाद उत्पन्न हुए शून्य की भरपाई के लिए बीजेपी की नजर एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी पर है. इन दोनों नेताओं की पार्टियों को भी एनडीए की बैठक के लिए निमंत्रण दिया गया है. बीजेपी ने पिछली बार महाराष्ट्र की 48 में से 25 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 23 पर जीत हासिल की थी. तब उद्धव ठाकरे की पार्टी के साथ गठबंधन था. बदले हालात में शिवसेना दो फाड़ हो चुकी है और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला धड़ा बीजेपी के साथ है.

कितनी सफल छोटे-छोटे दलों को साथ लाने की रणनीति

बीजेपी 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में छोटे-छोटे दलों के साथ होने और न होने का हानि-लाभ देख चुकी है. कांटे के मुकाबले में फंसी सीटों पर इन दलों के 4-4, 5-5 फीसदी वोट भी बड़े काम के साबित होते हैं. बड़ी बात ये कि इन दलों के वोट अधिक और आसानी से गठबंधन साझीदार को ट्रांसफर भी हो जाते हैं. बीजेपी की छोटी-छोटी पार्टियों को साथ लाने की रणनीति कितना सफल रहती है? ये तो चुनाव नतीजे आने के बाद ही पता चलेगा. फिलहाल, मिशन 2024 की तैयारियों में जुटी बीजेपी एनडीए का कुनबा बढ़ाने और गठबंधन की गांठें दूर करने की कवायद में है.

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