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संसद की नई बिल्डिंग के उद्घाटन समारोह पर क्यों आगबबूला विपक्ष? 19 दलों ने किया बायकॉट का ऐलान

New Parliament Building inauguration: नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने मोर्चा खोल दिया है. 19 राजनीतिक दलों ने कार्यक्रम का संयुक्त रूप से बहिष्कार कर दिया है. उन्होंने बिल्डिंग का उद्घाटन पीएम से करवाने पर बीजेपी को घेर लिया है. वह इसे राष्ट्रपति का अपमान बता रहे हैं. वहीं उन्होंने उद्घाटन की तारीख पर भी सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि इस दिन सावरकर की जयंती है. 

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पीएम 28 मई को करेंगे नए संसद भवन का उद्घाटन (फाइल फोटो)
पीएम 28 मई को करेंगे नए संसद भवन का उद्घाटन (फाइल फोटो)

New Parliament Building: देश के नए संसद भवन का 28 मई को उद्घाटन होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस भवन का उद्घाटन करेंगे लेकिन अब इस खूबसूरत बिल्डिंग को लेकर देश में सियासत छिड़ गई है. वे पीएम मोदी की आलोचना कर रहे हैं. 19 विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है. आइए सिलसिलेवार तरीके से समझते हैं कि कैसे यह समारोह राजनीति का मुद्दा बन गया. आखिर पूरा विपक्ष क्यों इस कार्यक्रम के विरोध में उतर आया है.

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संसद की नई बिल्डिंग से जुड़ा हालिया विवाद के ट्वीट के बाद शुरू हुआ, जिसमें कहा गया कि इस बिल्डिंग का उद्घाटन पीएम नहीं बल्कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को करना चाहिए. यह ट्वीट कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 21 मई को किया था. 

राष्ट्रपति को न बुलाने पर विपक्ष ने ऐसे घेरा

- कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा था- नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति जी को ही करना चाहिए, प्रधानमंत्री को नहीं!

राहुल गांधी ने ट्वीट किया- राष्ट्रपति से संसद का उद्घाटन न करवाना और न ही उन्हें समारोह में बुलाना - यह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान है. संसद अहंकार की ईंटों से नहीं, संवैधानिक मूल्यों से बनती है.

- वरिष्ठ सांसद और राज्यसभा में कांग्रेस के पूर्व उप नेता आनंद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के लिए संसद के नए भवन का उद्घाटन करना संवैधानिक रूप से सही नहीं होगा. सवाल यह उठता है कि क्या इसकी जरूरत है. किसी भी बड़े लोकतंत्र ने ऐसा नहीं किया है. दरअसल लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने 18 मई को पीएम को नए भवन का उद्घाटन करने का निमंत्रण दिया था. उन्होंने कहा, 'जब नई संसद की नींव रखी गई तब भी राष्ट्रपति को दूर रखा गया और अब नए संसद भवन के उद्घाटन से भी राष्ट्रपति को दूर रखा जा रहा है. यह न्यायोचित नहीं है. प्रधानमंत्री जी को राष्‍ट्रपत‍ि जी से आग्रह करके उन्‍हें उद्घाटन में बुलाना चाह‍िए.'

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भीतर से ऐसे दिखेगी नई संसद बिल्डिंग

- कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट किया- पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को नए संसद भवन के शिलान्यास के मौके पर आमंत्रित नहीं किया गया, ना ही अब राष्ट्रपति मुर्मू को उद्घाटन के मौके पर आमंत्रित किया गया है. केवल राष्ट्रपति ही सरकार, विपक्ष और नागरिकों का प्रतिनिधित्व करती हैं. वो भारत की प्रथम नागरिक हैं. नए संसद भवन का उनके (राष्ट्रपति) द्वारा उद्घाटन सरकार के लोकतांत्रिक मूल्य और संवैधानिक मर्यादा को प्रदर्शित करेगा. 

- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने ट्वीट किया था- संविधान के अनुच्छेद 60 और 111 यह स्पष्ट करते हैं कि राष्ट्रपति संसद का प्रमुख होता है और इसलिए उसे नए संसद भवन का उद्घाटन करना चाहिए.

- AAP ने आरोप लगाया कि संसद भवन के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को न बुलाकर बीजेपी ने आदिवासियों और पिछले समुदायों का अपमान किया है. AAP सांसद संजय सिंह ने कहा कि बीजेपी दलित, पिछड़ों और आदिवासियों की जन्मजात विरोधी है. उन्होंने ट्वीट किया- BJP दलितों पिछड़ों आदिवासियो की जन्मजात विरोधी है. महामहिम के अपमान की दूसरी घटना. पहला अपमान प्रभु श्री राम के मंदिर शिलान्यास में श्री रामनाथ कोविंद जी को नहीं बुलाया. दूसरा अपमान संसद भवन के उदघाटन समारोह में महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मूर्मू जी को न बुलाना.

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- AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद का उद्घाटन क्यों करना चाहिए? वह कार्यपालिका के प्रमुख हैं, विधायिका के नहीं. हमारे पास शक्तियों बंटवारा है. माननीय लोकसभा स्पीकर और राज्यसभा के सभापति उद्घाटन कर सकते हैं. यह जनता के पैसे से बना है, पीएम ऐसा व्यवहार क्यों कर रहे हैं, जैसे उनके 'दोस्तों' ने अपने निजी फंड से इसे स्पांसर किया है?

- टीएमसी सांसद सौगत राय ने कहा, हम नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले पीएम के विरोध में हैं. राष्ट्रपति को इसका उद्घाटन करना चाहिए.

- राष्ट्रीय जनता दल के (आरजेडी)  सांसद मनोज झा ने कहा,‘क्या ऐसा नहीं होना चाहिए था कि राष्ट्रपति महोदया संसद के नए भवन का उद्घाटन करतीं… जय हिंद.’

- माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया- जब नई संसद भवन की आधारशिला रखी जा रही थी तो पीएम मोदी ने राष्ट्रपति को दरकिनार किया. लेकिन उद्घाटन समारोह में भी महामहिम राष्ट्रपति को नजरअंदाज करना अस्वीकार्य है. 

28 मई की तारीख पर भी उठाए सवाल

कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने उद्घाटन की तारीख पर भी सवाल उठाए हैं. दरअसल 28 मई को वीर सावरकर की जयंती है. उनका जन्म 28 मई 1883 को हुआ था. इस साल 28 मई को उनकी 140वीं जयंती मनाई जाएगी. अब यह देखने वाली बात होगी कि क्या यह महज संयोग है कि नए संसद भवन का उद्घाटन वीर सावरकर की जयंती पर हो रहा है या फिर यह सुनियोजित है.

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- कांग्रेस का कहना है कि 28 मई को हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर की जयंती है, इसी दिन नए संसद भवन का उद्घाटन करना राष्ट्र निर्माताओं का अपमान है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया,‘हमारे सभी राष्ट्र निर्माताओं का अपमान. गांधी, नेहरू, पटेल, बोस आदि को पूरी तरह से खारिज कर दिया गया है. डॉक्टर आंबेडकर का भी तिरस्कार है.’

- तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेंदु शेखर रॉय के एक ट्वीट को रि-ट्वीट करते हुए कहा- ‘संसदीय लोकतंत्र को भारतीय संविधान भेंट किए जाने को इस साल 26 नवंबर को 74 वर्ष हो जाएंगे. इस दिन संसद भवन का उद्घाटन किया जाना उचित रहता लेकिन 28 मई को सावरकर की जयंती है-यह कितना प्रासंगिक है?’

- टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि उद्घाटन कार्यक्रम या तो स्वतंत्रता दिवस, या गणतंत्र दिवस, या गांधी जयंती पर आयोजित किया जाना चाहिए था न कि वीडी सावरकर की जयंती पर.

भीतर से ऐसे दिखेगी नई संसद बिल्डिंग

बीजेपी ने किया पलटवार

- केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा- कांग्रेस की आदत है कि जहां नहीं होता हैं, वहां विवाद खड़ा कर देती है. राष्ट्रपति देश के प्रमुख होते तो वहीं प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख होते हैं, सरकार की ओर से संसद का नेतृत्व करते हैं, जिनकी नीतियां कानून के रूप में लागू होती हैं. राष्ट्रपति किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं जबकि पीएम हैं. कुछ लोगों को राजनीतिक रोटियां सेकने की आदत पड़ गई है.'

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अगस्त 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने संसद एनेक्सी का उद्घाटन किया और 1987 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने संसद पुस्तकालय का उद्घाटन किया. कांग्रेस सरकार के मुखिया संसद का उद्घाटन कर सकते हैं तो हमारी सरकार के प्रमुख (पीएम मोदी) ऐसा क्यों नहीं कर सकते? 

- बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कांग्रेस को 'बेकार' बताते हुए कहा, 'वीर सावरकर हर भारतीय की शान हैं. जो लोग तारीख पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें बता दें कि वे महत्वहीन हैं, वीर सावरकर के चरणों की धूल के लायक भी नहीं हैं."

कांग्रेस, AAP, टीएमसी समेत इन्होंने ने किया बायकॉट

विपक्षी दलों ने संसद के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है. जानकारी के मुताबिक अब तक 19 दलों ने बायकॉट का ऐलान कर दिया है. इन दलों में कांग्रेस, डीएमके (द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम), AAP, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), समाजवादी पार्टी, भाकपा, झामुमो, केरल कांग्रेस (मणि), विदुथलाई चिरुथिगल कच्ची, रालोद, टीएमसी, जदयू, एनसीपी, सीपीआई (एम), आरजेडी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, नेशनल कॉन्फ्रेंस, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और मरुमलार्ची द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (एमडीएमके) शामिल हैं.

- टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय का कहना है कि विपक्षी दलों को पुराने संसद भवन का क्या होगा, इस बारे में अंधेरे में रखा गया है. सरकार इस पर चुप्पी साधे हुए है. उनकी पार्टी नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करेगी. 

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- टीएमसी राज्यसभा सांसद डेरेक ओ'ब्रायन ने ट्वीट किया- संसद सिर्फ एक नई इमारत नहीं है. यह पुरानी परंपराओं, मूल्यों, मिसालों और नियमों के साथ एक प्रतिष्ठान है. यह भारतीय लोकतंत्र की नींव है. प्रधानमंत्री मोदी शायद यह नहीं समझते. उनके लिए रविवार को नई इमारत का उद्घाटन 'मैं, मेरा और मेरे लिए' से ज्यादा कुछ नहीं है, इसलिए हमें इससे बाहर ही समझें. 

- समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पीएम मोदी द्वारा संसद भवन के उद्घाटन में शामिल नहीं होंगे. इस कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी के नेता शामिल नहीं होंगे. अखिलेश यादव ने एक श्लोक लिखकर नए संसद भवन के उद्घाटन में जाने को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट की. अखिलेश ने कहा कि जहां विपक्ष का मान न हो, उसके उद्घाटन में क्या जाना.

- AAP राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने ट्वीट किया- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा महामहिम राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं करने के विरोध में आम आदमी पार्टी उदघाटन कार्यक्रम का बहिष्कार करेगी.'

- भाकपा महासचिव डी राजा ने कहा कि उनकी पार्टी उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होगी.

- उद्धव ठाकरे के नेता संजय राउत ने कहा कि सेंट्रल विस्टा जरूरी नहीं था. उन्होंने कहा कि उनके नेता उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करेंगे. 

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ये दल कार्यक्रम में होंगे शामिल

जगन मोहन रेड्डी की  YSRCP और टीडीपी उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होंगे. वाईएसआरसीपी (युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी) से सांसद विजयसाई रेड्डी और टीडीपी (तेलुगु देशम पार्टी) के शीर्ष नेतृत्व ने इसकी पुष्टि की है. इन दलों के अलावा नवीन पटनायक की बीजू जनता दल और अकाली दल इस कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं.

बायकॉट पर अमित शाह ने दिया जवाब

वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने कार्यक्रम के बहिष्कार पर बुधवार को कहा कि भारत सरकार ने सभी दलों से कार्यक्रम में शामिल होने की विनती की थी , सब लोग आएं यही हमारी भावना है.

28 महीने में बनकर तैयार हुई बिल्डिंग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को नए संसद भवन के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया था. इस कार्य के लिए संसद के दोनों सदनों, राज्यसभा और लोकसभा ने 5 अगस्त 2019 को आग्रह किया था. नई संसद (New Parliament) को बनाने का टेंडर टाटा प्रोजेक्ट को साल 2020 के सितंबर में दिया गया था. इसकी लागत 861 करोड़ रुपये मानी गई थी. फिर बाद में कुछ अतिरिक्त कामों के चलते यह कीमत 1,200 करोड़ रुपये तक पहुंची थी.

चार मंजिला संसद भवन में सदस्यों के लिए लाउंज, पुस्तकालय, समिति कक्ष के साथ ही पार्किंग के लिए भी पर्याप्त जगह होगी. संसद के वर्तमान भवन में लोकसभा में 550 जबकि राज्यसभा में 250 माननीय सदस्यों की बैठक की व्यवस्था है. भविष्य की जरूरतों को देखते हुए संसद के नवनिर्मित भवन में लोकसभा में 888 जबकि राज्यसभा में 384 सदस्यों की बैठक की व्यवस्था की गई है. 

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