किसान आंदोलन में शामिल कुछ नेताओं को समन भेजे जाने पर विवाद बढ़ गया है. कांग्रेस ने कहा है कि केंद्र सरकार ने NIA को अपनी कठपुतली बना दिया है और इसका इस्तेमाल आंदोलन में शामिल किसान नेताओं को डराने-धमकाने के लिए कर रही है. प्रियंका गांधी वाड्रा, रणदीप सुरजेवाला और किसान नेता दर्शनपाल और राकेश टिकैत ने इस मुद्दे को उठाया है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय में 12 दिसंबर को NIA, ED, IT, CBI और FCRA डिवीजन के अधिकारियों की एक बड़ी बैठक हुई थी. इसके बाद ये प्लान तैयार हुआ है कि सिख फॉर जस्टिस, बब्बर खालसा इंटरनेशनल, खालिस्तान जिन्दाबाद फोर्स, खालिस्तान टाइगर फोर्स की ओर से की जा रही फंडिंग पर ध्यान रखा जाए और इन संगठनों के जरिए भारत में किन एनजीओ को मदद मिल रही है इसपर भी नजर रखी जाए.
अलगाववादी संगठनों से आंदोलन को मिल रहा है पैसा
खुफिया एजेंसियों का मानना है कि इस विरोध प्रदर्शन में सिख फॉर जस्टिस, खालिस्तान जिन्दाबाद फोर्स, बब्बर खालसा इंटरनेशनल और खालिस्तान टाइगर फोर्स जैसे अलगाववादी संगठन पैसे के जरिए मदद कर रहे हैं.
15 दिसंबर को दर्ज हुई FIR
इस बाबत 15 दिसंबर 2020 को गृह मंत्रालय की शिकायत पर एक FIR दर्ज की गई. इस FIR में कहा गया है कि सिख फॉर जस्टिस और दूसरे खालिस्तानी आतंकी संगठन खालिस्तान जिन्दाबाद फोर्स, बब्बर खालसा इंटरनेशनल और खालिस्तान टाइगर फोर्स जैसे अलगाववादी संगठन साजिश में शामिल हैं. वह अपने मुखौटा संगठनों के साथ मिलकर भारत में डर, अराजकता, असंतोष की स्थिति पैदा करने की साजिश रच रहे हैं और उन्हें भारत सरकार के खिलाफ विद्रोह के लिए भड़का रहे हैं.
इस FIR में यह भी कहा गया है कि भारत के खिलाफ प्रोपेगैंडा फैलाने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी समेत अन्य देशों में भारी फंड जमा किया जा रहा है.
आतंकी पन्नू, पम्मा और निज्जर ने भारत के खिलाफ शुरू किया अभियान
FIR में कहा गया कि भारत द्वारा आतंकी घोषित पन्नू, पम्मा और निज्जर इस अभियान को चला रहे हैं. विदेशों में पैसा जमा कर ये तत्व भारत में आतंकी हमले करना चाहते हैं और लोगों में खौफ पैदा करना चाहते हैं.
सिख फॉर जस्टिस की भूमिका
रिपोर्ट के मुताबिक सिख फॉर जस्टिस ने भारत में बड़े पैमाने पर विध्वंसक गतिविधियां शुरू करने की योजना बनाई है. ये लोग सोशल मीडिया के जरिए अभियान चलाकर युवाओं को बरगला रहे हैं और उन्हें अपने अभियान में भर्ती कर रहे हैं.
NIA ने शुरू की जांच
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले की जांच शुरू की तो कई लोगों के नाम सामने आए. इन सभी लोगों से पूछताछ के लिए NIA ने इन्हें नोटिस भेजा है.
NIA ने किन किन को भेजा नोटिस
NIA ने लगभग 40 लोगों को बतौर गवाह इस मामले में पूछताछ के लिए बुलाया है. इन लोगों को आपराधिक दंड संहिता की धारा 160 के तहत पूछताछ के लिए बुलाया गया है.
इनमें लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष बलदेव सिंह सिरसा शामिल हैं. सिरसा किसानों की ओर से सरकार के साथ बातचीत में भी शामिल हैं. इसके अलावा इंदरपाल सिंह जज, नरेश कुमार, सुरिन्दर सिंह ठिकरी वाला, नोबेलजीत सिंह, पलविंदर सिंह, प्रदीप सिंह, परमीत सिंह अकाली, सिख लेखक बलविंदर पाल सिंह, रंजीत सिंह दमदमी, करनैल सिंह दौसा, कलाकार दीप सिद्धू, उसके भाई मान सिंह शामिल हैं.
नोटिस से भड़के किसान नेता
NIA से नोटिस मिलने से किसान नेता भड़के हुए हैं. क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा है कि एनआईए ने उनलोगों के खिलाफ केस दर्ज करना शुरू कर दिया है जो किसान आंदोलन का हिस्सा हैं, या इसको समर्थन कर रहे हैं. इसके खिलाफ हम संघर्ष करेंगे. किसान संगठनों का कहना है कि केंद्र सरकार अत्याचार कर रही है. उसने किसानों का दमन शुरू कर दिया है. माना जा रहा है कि मंगलवार को किसान संगठनों और सरकार के बीच बैठक में इस मुद्दे को उठाया जा सकता है.
40 किलो आटा देने वाले से भी पूछेगी सरकार-टिकैत
वहीं रविवार को नागपुर में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार डरी हुई है, जिन्होंने आंदोलन के लिए 40 किलो आटा दिया है, सरकार उनसे भी पूछताछ करने जा रही है, लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं.
केंद्र की कठपुतली बनी NIA-सुरजेवाला
रविवार को कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि सरकार किसानों के खिलाफ NIA का इस्तेमाल कर रही है. सुरजेवाला ने कहा कि NIA केंद्र सरकार के हाथ की कठपुतली बन गई है. सुरजेवाला ने कहा कि NIA, ED, IT को बीजेपी ने अपना मुखौटा संगठन बना दिया है. खेदजनक बात ये है किसान बीजेपी के लिए आतंकवादी, एंटी नेशनल, पाकिस्तानी, चीनी और अर्बन नक्सल हो गए हैं, लेकिन किसान सरकार के सामने नहीं झुकेंगे. सीबीआई और ईडी के नोटिस से किसान चुप नहीं बैठने वाले हैं.
किसानों को डराने में नाकाम रहेगी बीजेपी-प्रियंका
वहीं प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा बीजेपी किसानों के खिलाफ सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर उन्हें डरा रही है. प्रियंका वाड्रा ने कहा कि बीजेपी किसानों को डराने की चाहे कितनी कोशिश कर ले वह नाकाम रहेगी. प्रियंका ने कहा कि बीजेपी भूल गई है कि किसान अपने अस्तित्व को बचाने की लड़ाई लड़ रहा है.