वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय करेंसी में गिरावट पर चिंताओं के बीच मंगलवार को कहा कि रुपये में कोई गिरावट नहीं हुई है. यह वास्तव में अपने स्वाभाविक रास्ते पर चल रहा है.
वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय रुपये ने दूसरे देशों की मुद्राओं की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है. उन्होंने बताया कि भारत ने अमेरिका के फैसलों से होने वाले प्रभाव का बेहतरीन तरीके से सामना किया है. उन्होंने कहा कि अगर भारतीय रुपये की दूसरी मुद्राओं से तुलना की जाए तो भारतीय मुद्रा का प्रदर्शन काफी बेहतर कर रहा है.
इससे पहले, टीएमसी सांसद लुईजिन्हो फलेरियो ने दावा किया था कि पिछले छह महीनों में रुपये में 28 गुना यानी 34 प्रतिशत की गिरावट आई है और जुलाई के मध्य तक विदेशी भंडार घटकर 572 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया है.
रुपये पर नजर बनाए हुए है आरबीआई
सीतारमण ने प्रश्नकाल में बताया कि आरबीआई स्थानीय मुद्रा पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. वह तभी हस्तक्षेप करता है, जब मूल्य में ज्यादा अस्थिरता आती है. उन्होंने कहा कि रुपये की कीमत को बढ़ाने या घटाने के लिए आरबीआई हस्तक्षेप नहीं करता.
सीतारमण ने रुपये के मूल्य में गिरावट पर कहा, भारत भी दूसरे देशों की तरह अपनी मुद्रा को बाहरी स्तर पर नहीं बढ़ा रहा है. हम इस तरीके से रुपये को मजबूत करना चाहते हैं. आरबीआई और वित्त मंत्रालय इस दिशा में काम कर रहे हैं.
देश में UPA सरकार के मुकाबले कम महंगाई
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को सदन में माना कि देश में मौजूदा समय में महंगाई है, लेकिन यूपीए की सरकार के कार्यकाल के मुकाबले कम है. मंदी के मुद्दे पर वित्त मंत्री ने साफ-साफ शब्दों में कह दिया कि भारत में मंदी आने की कोई आशंका नहीं है. देश की अर्थव्यवस्था मजबूत है और बेहतर तरीके से आगे बढ़ रही है.
वित्त मंत्री ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान देश में महंगाई कुल 9 बार डबल डिजिट में रही थी. यूपीए के शासन में 22 महीने तक खुदरा महंगाई दर 9 फीसदी के ऊपर रही थी. वहीं, हम महंगाई को 7 फीसदी से कम रखने की कोशिश कर रहे हैं. देश में जून के महीने में रिटेल महंगाई 7.01 फीसदी रही थी.
दाल-चावल-दही-लस्सी पर GST की वजह बताई
वित्तमंत्री ने सोमवार को पैकेज्ड और लेबलयुक्त दूध, दही, दाल, आटा जैसे रोजमर्रा का सामानों पर 5 फीसदी GST लागू करने पर सफाई दी.
उन्होंने 14 ट्वीट में कुछ जरूरी अनाजों की सूची पोस्ट कर उनसे जीएसटी हटाए जाने की जानकारी साझा करते हुए लिखा कि इन खाद्य पदार्थों को खुले में बेचने पर उन पर किसी भी तरह का जीएसटी चार्ज नहीं लगेगा. यानी आप अगर इन्हें खुले में खरीदेंगे तो किसी तरह का कोई टैक्स नहीं लगेगा. इसमें दाल, गेहूं, राई, ओट्स, मकई, चावल, आटा, सूजी, बेसन, मूढ़ी, दही और लस्सी जैसे सामान शामिल हैं.
उन्होंने बताया कि खाद्य पदार्थों पर कर लगाना नया नहीं है. राज्य जीएसटी व्यवस्था शुरू होने से पहले खाद्यान्न से महत्वपूर्ण राजस्व एकत्र कर रहे थे. अकेले पंजाब ने खरीद कर के रूप में खाद्यान्न पर 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की, जबकि उत्तर प्रदेश ने 700 करोड़ रुपये जुटाए हैं.