चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर बुधवार को शपथ ले ली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, साउथ सुपरस्टार रजनीकांत और चिरंजीवी ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया. इस आयोजन में एनडीए के कई बड़े नेताओं ने शिरकत की. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस समारोह का हिस्सा बनने वाले थे, हालांकि आखिरी समय पर प्लान में बदलाव करते हुए वह इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए. अब नीतीश के समारोह में शामिल ना होने के फैसले ने सियासी गलियारों में एक बार फिर हलचल बढ़ा दी है. नीतीश के इस फैसले पर विपक्ष की भी कई प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं.
चंद्रबाबू नायडू के शपथ ग्रहण समारोह में नीतीश के शामिल न होने पर आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा,'यह उनका निजी फैसला है, लेकिन यह बिल्कुल साफ है कि एनडीए के अंदर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है और इस तरह की दरारें सामने आती रहेंगी. उन्होंने आगे कहा,'तेजस्वी यादव ने 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने से पहले ही इसी तरह के नतीजों की भविष्यवाणी कर दी थी.'
'हमें पता था ऐसा होगा'
एजाज ने कहा कि नीतीश अपनी राजनीतिक सूझबूझ के लिए जाने जाते हैं और उन्हें इस बात पर विचार करने की जरूरत है कि राष्ट्रीय राजनीतिक केंद्र में वास्तव में क्या हो रहा है. कांग्रेस प्रवक्ता ज्ञान रंजन ने भी इस पर कमेंट करते हुए कहा,'कैबिनेट गठन के दौरान विभागों के ठीक से बंटवारा ना होने के कारण यह स्थिति बन रही है. विभाग आवंटन के दौरान बिहार को दरकिनार किए जाने के बाद सभी की निगाहें नीतीश पर टिकी थीं. हमें पता था कि ऐसा होगा, लेकिन हमने कभी नहीं सोचा था कि यह इतनी जल्दी हो जाएगा. एनडीए लंबे समय तक सत्ता में नहीं रहेगा.'
'वो दिन चल गए जब NDA...'
नायडू के शपथ ग्रहण समारोह के बारे में बात करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरु प्रकाश ने विपक्ष पर निशाना साधा. उन्होंने कहा,'वो दिन चले गए जब हम पर विंध्य के उत्तर में एक मजबूत राजनीतिक दल होने का आरोप लगाया जाता था. कर्नाटक में हमारी पहले से ही सरकार है और एनडीए की दक्षिण भारत में अब बेहतर उपस्थिति है.'
'ना जाने की वजह कुछ और'
नीतीश की अनुपस्थिति के बारे में बोलते हुए गुरु ने दावा किया कि शायद यह निर्णय कुछ अन्य प्रतिबद्धताओं के कारण लिया गया. हालांकि, उन्होंने मीडिया को नीतीश के पटना में रहने के फैसले की गलत व्याख्या करने से आगाह किया.