बिहार में सियासी हलचल है. पटना से दिल्ली तक बैठकों का दौर जारी है. नेताओं की मेल-मुलाकातों का सिलसिला भी तेज हो गया है. जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) से लेकर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) तक, हर दल एक्टिव मो़ड में है. इन सबके बीच गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार बीजेपी के अध्यक्ष सम्राट चौधरी और अन्य नेताओं के साथ बैठक की है. बैठक के बाद बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि हमने लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा की है. नीतीश कुमार को लेकर कोई बात नहीं हुई है.
बीजेपी सूत्रों की मानें तो पार्टी जेडीयू के साथ मिलकर सरकार बना सकती है. इसे लेकर करीब-करीब सहमति बन गई है और अगले दो से तीन दिन में औपचारिक फैसले का ऐलान किया जा सकता है. बीजेपी सूत्रों की मानें तो सरकार गठन के संभावित फॉर्मूले पर सहमति भी करीब-करीब बन गई है. लोकसभा चुनाव तक नीतीश कुमार ही बिहार के मुख्यमंत्री बने रहेंगे. हालांकि, लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला क्या होगा? इसे लेकर अभी सस्पेंस है लेकिन माना जा रहा है कि बीजेपी विधानसभा में जेडीयू के मुकाबले बड़ी पार्टी होने के आधार पर अधिक सीटों पर चुनाव लड़ सकती है.
क्या होगा कैबिनेट का फॉर्मूला
जेडीयू के एनडीए में आने के बाद नई सरकार में मंत्रिमंडल और विभागों को लेकर फॉर्मूला क्या रहेगा? इस पर भी करीब सहमति बन गई है. बीजेपी सूत्रों की मानें तो नई कैबिनेट में भी फॉर्मूला वही होगा जो नीतीश कुमार के महागठबंधन में जाने से ठीक पहले की एनडीए सरकार में था. मंत्रियों की संख्या से लेकर विभाग बंटवारे तक, वही फॉर्मूला रहेगा. गौरतलब है कि नीतीश कुमार महागठबंधन की सहयोगी आरजेडी के प्रमुख लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के ट्वीट से आहत बताए जा रहे हैं. नीतीश ने रोहिणी के ट्वीट को लेकर तुरंत ही जानकारी तलब कर ली थी.
इंडिया गठबंधन से क्यों नाराज हैं नीतीश
नीतीश कुमार अपनी ही कोशिशों से अस्तित्व में आए इंडिया गठबंधन से भी आहत बताए जा रहे हैं. नीतीश कुमार सीट शेयरिंग पर जल्द फैसले की वकालत करते रहे हैं. चुनाव करीब आ चुका है और इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग की गुत्थी अभी तक नहीं सुलझ सकी है. नीतीश इससे तो नाराज हैं ही, वह संयोजक और चेयरमैन चुनने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई पिछली बैठक में राहुल गांधी के एक बयान को लेकर भी खफा बताए जा रहे हैं.
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दरअसल, इंडिया गठबंधन का चेयरमैन और संयोजक का नाम तय करने के लिए हुई इस बैठक में करीब-करीब सहमति बन चुकी थी लेकिन ऐन वक्त पर राहुल गांधी ने यह कह दिया कि अभी और चर्चा की जरूरत है. नीतीश कुमार इससे नाराज हैं कि जब और चर्चा की जरूरत थी तब बैठक बुलाई ही क्यों गई. पहले पूरी चर्चा कर लेते. वह गठबंधन के चेयरमैन, संयोजक, संयुक्त रैलियों, संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस, चुनाव प्रचार की संयुक्त रणनीति, गठबंधन के दफ्तर को लेकर कांग्रेस के टालने वाले रवैये को लेकर भी नाराज है.
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नीतीश कुमार ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा से भी दूरी बना ली है. नीतीश कुमार का मानना हैं कि चुनाव के समय राहुल गांधी अपनी पार्टी के लिए न्याय यात्रा निकाल रहें हैं, ना कि इंडिया गठबंधन के लिए. नीतीश का साफ कहना है कि इंडिया गठबंधन की दूसरी पार्टियों के नेता राहुल गांधी की न्याय यात्रा में क्यों शामिल होंगे.