उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है. इससे पहले सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियां तैयारियों में जुट गई हैं. उधर, एनडीए में भाजपा की सहयोगी जदयू भी उत्तर प्रदेश चुनाव में हिस्सा ले सकती है. 29 अगस्त को पटना में होने वाली राष्ट्रीय परिषद की बैठक में इस पर फैसला भी हो सकता है.
जदयू ने उप्र के पिछले विधानसभा चुनाव में हिस्सा नहीं लिया था. हालांकि, 2016 में जदयू के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में अपनी पार्टी को मजबूत करने के लिए कई रैलियां भी की थीं. लेकिन बाद में चुनाव ना लड़ने का ऐलान किया. हालांकि, तब जदयू महागठबंधन का हिस्सा थी.
अब एनडीए में जदयू, उतर सकती है मैदान में
इस बार परिस्थितियां अलग हैं. जदयू फिर एनडीए का हिस्सा है. उत्तर प्रदेश में जिस तरह से समीकरण बन रहे हैं, उसमें बहुत आश्चर्य नही होना चाहिए कि जदयू अपने सहयोगी दल को लाभ पहुंचाने के लिए मैदान में उतरे. राष्ट्रीय परिषद की बैठक में इस पर फैसला लिया जा सकता है.
कुर्मी जाति पर फोकस
जदयू का प्रमुख वोट बैंक कुर्मी जाति है. बिहार में 4% के करीब कुर्मी वोटर हैं. लेकिन उत्तर प्रदेश में कुर्मी वोटरों की संख्या करीब 12% है. ऐसे में जदयू के उप्र में चुनाव लड़ने का फायदा भाजपा को मिल सकता है. दयू के उप्र में चुनाव लड़ने की रणनीति इस बात पर भी निर्भर करती है कि भाजपा से उनका समझौता हो जाए. इसके लिए दोनों पार्टियों की उच्च स्तर पर बात भी चल रही है.
15 सीटें मांग रही जदयू
सूत्रों के मुताबिक, जदयू 15 सीटें मांग रही है. भाजपा अगर इस पर तैयार होती है, तो उन्हें नीतीश कुमार जैसा स्टार प्रचारक भी मिल जाएगा और कुर्मी वोट भी उनके साथ आने की संभावना बढ़ जाएगी. उधर, राष्ट्रीय परिषद की इस बैठक में तमाम पहलूओं पर चर्चा हो सकती है. हो सकता है कि उप्र में चुनाव लड़ने का ऐलान बाद में किया जाए. इस बैठक में उत्तर प्रदेश के साथ साथ मणिपुर विधानसभा चुनाव पार्टी लड़ेगी या नहीं, इस पर भी फैसला होना है.
जाति जनगणना पर भी होगी चर्चा
इस बैठक में ललन सिंह को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के फैसले पर भी मुहर लगेगी. दरअसल, जदयू में राष्ट्रीय परिषद की बैठक में राष्ट्रीय कार्यकारणी के फैसलों पर भी मुहर लगती है. इसके अलावा पार्टी इस बैठक में जाति जनगणना को अपना स्टैंड आगे बढ़ाने पर विचार करेगी. पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार की 10 पार्टियों के प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इस मुद्दे पर मिले थे.
250 लोग लेंगे बैठक में हिस्सा
राष्ट्रीय परिषद की बैठक पटना के जदयू कार्यालय में रविवार को दोपहर 3 बजे से होगी. इस बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा, प्रधान महासचिव केसी त्यागी, केन्द्रीय मंत्री आरसीपी सिंह और 23 राज्यों के अध्यक्ष समेत 250 नेता हिस्सा लेंगे.
पोस्टर दे रहा संकेत
राष्ट्रीय परिषद की बैठक के लिए पटना के जदयू दफ्तर में जो पोस्टर लगा है वो काफी कुछ संकेत देता है. इस पोस्टर में सिर्फ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और महात्मा गांधी नजर आ रहे हैं. इसमें किसी और नेता की कोई तस्वीर नही लगी है. पिछले दिनों पार्टी में वर्चस्व को लेकर तमाम पोस्टरबाजी हुई थी खासकर राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के बीच. उपेन्द्र कुशवाहा भी चर्चा में रहे. इसको देखते हुए पार्टी ने सिर्फ नीतीश कुमार की तस्वीर लगाई है ताकि ये मैसेज जाए कि जदयू का मतलब सिर्फ और सिर्फ नीतीश कुमार है.