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'मोदी तो बहुत छोटी जात है, नीच जात है, OBC है...', कहकर निशिकांत दुबे का राहुल पर वार

लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला. इतना ही नहीं उन्होंने मोदी सरनेम मामले में भी उनपर तंज कसा. उन्होंने कहा कि मोदी नीच जाति है, इसलिए राहुल गांधी माफी नहीं मांगना चाहते.

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निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी पर संसद में कसा तंज (फाइल फोटो)
निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी पर संसद में कसा तंज (फाइल फोटो)

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के जिस जजमेंट के आधार पर इस सदन में आए हैं, उस कोर्ट ने अभी तक उनके मामले में जजमेंट ही नहीं दिया है. अभी तो केवल स्टे ऑर्डर दिया है. ये आज भी कह रहे हैं कि मैं माफी नहीं मांगूंगा. इसके बाद उन्होंने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि क्यों माफी मांगेंगे... मोदी तो बहुत छोटी जात है, बहुत नीच जात है, ओबीसी है... ओबीसी से क्यों माफी मांगेंगे, ये बड़े आदमी हैं. इन्होंने यह भी कहा कि सावरकर नहीं हूं. निशिकांत दुबे ने कहा कि आप (राहुल गांधी) सावरकर हो भी नहीं सकते. पूरी जिंदगी सावरकर नहीं हो सकते. 28 साल उस आदमी ने जेल में गुजारा है. आप कभी सावरकर नहीं हो सकते. 

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निशिकांत दुबे ने इससे पहले कहा कि इतने महत्वपूर्ण बिल पर पार्टी ने मुझे बोलने के लिए खड़ा किया. उन्होंने कहा कि हम पहले सुन रहे थे कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए राहुल गांधी आएंगे, लेकिन वह नहीं आए. शायद देर से उठे होंगे. 

उन्होंने कहा कि आपको मणिपुर के बारे में नहीं पता होगा. आपमें से कई लोग मणिपुर नहीं गए होंगे. मैं मणिपुर के इतिहास का भुग्तभोगी हूं. मेरे मामा मणिपुर में अपना पैर गंवा चुके. वो सीआरपीएफ के डीआईजी हुआ करते थे. एनके तिवारी जब मणिपुर में आईजी बनकर गए तो आपकी (कांग्रेस) सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.

बीजेपी सांसद ने कहा- आप राष्ट्रवाद की बात करते हो. 83 के चुनाव में असम में कितने प्रतिशत लोगों ने वोट दिया था. कितने लोग मारे गए थे. जब आपने ऑल इंडिया असम स्टूडेंट यूनियन के साथ समझौता किया तो उस समझौता का यह पार्ट था कि ये सरकार हटाई जाएगी. आपकी सरकार खत्म की जाएगी. क्या यह समझौता का पार्टी नहीं था. मैं गृहमंत्री जी से कहूंगा कि जब वो जवाब दें तो समझौते का पूरा प्रारूप बताएं. निशिकांत दुबे ने चुटकी लेते हुए कहा कि सोनियाजी को बेटे को सेट करना है और दामाद को भेंट करना है.

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बेटे को सेट करना, दामाद को भेंट करना

बीजेपी सांसद ने कहा कि सोनिया गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि यह अविश्वास प्रस्ताव क्यों लाया गया है. इस सदन में सोनिया गांधी जी बैठी हुई हैं. मुझे लगता है कि उन्हें दो काम करने होंगे- बेटे को सेट करना है और दामाद को भेंट है. यही इस प्रस्ताव का आधार है.'

गोगोई के भाषण पर दुबे ने किया सवाल

निशिकांत दुबे ने गौरव गोगोई के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि 83 के चुनाव में कितने प्रतिशत लोगों ने असम में वोट दिया था. कितने लोग मारे गए थे. आपने मिजोरम में 7 प्रतिशत वोट के आधार पर सरकार चलाने दे दी. पूरे देश को जानना चाहिए. 

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जनता विपक्ष को कहीं का नहीं छोड़ेगी

निशिकांत दुबे ने विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने गरीबों के हित में काम किया है, यही वजह है कि आज विपक्ष उन्हें हराने के लिए एकजुट हुआ है लेकिन 2024 के चुनाव में जनता उन्हें कहीं का नहीं छोड़ेगी. वे सभी चुनाव हार जाएंगे

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वहीं अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए निशिकांत दुबे ने कहा कि उस आदमी के खिलाफ यह लाया जा रहा है, जिसने लोगों को शौचालय दिया, पीने का पानी दिया. उस आदमी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है. जब द्रौपदी का चीरणहरण हो रहा था, तब सभी मौन धारण किए हुए थे. जिस तरह न धृतराष्ट्र बचा, ना युधिष्ठिर बचे उसी तरह कोई भी नहीं बचेगा.

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गौरव गोगोई ने कही ये बात

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव पर कहा कि अविश्वास प्रस्ताव लाना यह हमारी मजबूरी है. यह प्रस्ताव हम मणिपुर के लिए लेकर आए हैं. मणिपुर का युवा इंसाफ मांगता है. मणीपुर की बेटी इंसान मांगती है. मणिपुर का किसान इंसान मांगता है.

उन्होंने कहा कि देश के मुखिया होने के नाते पीएम सदन में आइएं. अपनी बात रखें. अपनी संवेदना प्रकट करें और उस पर सभी पार्टियां समर्थन दें और मणिपुर को संदेश जाए कि दुख की इस घड़ी में पूरा सदन उसके साथ है. हम मणिपुर में शांति चाहते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री महोदय ने एक मौन व्रत लिया कि ना लोकसभा में कुछ बोलेंगे ना राज्यसभा में कुछ बोलेंगे, इसलिए यह नौबत कि हम अविश्वास प्रस्ताव लाकर प्रधानमंत्री मोदी का मौन व्रत तोड़ना चाहते हैं. 

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गौरव गोगोई ने आगे कहा- हम उनसे पूछना चाहते हैं कि वह आज तक मणिपुर क्यों नहीं गए? मणिपुर पर चुप्पी तोड़ने में पीएम को 80 दिन क्यों लग गए? प्रधानमंत्री ने मणिपुर के मुख्यमंत्री को बर्खास्त क्यों नहीं किया?
 

 

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