Oath taking ceremony: उत्तराखंड और गोवा में भाजपा को मिली जीत के बाद दोनों राज्यों में सरकार का गठन होना है. उत्तराखंड में भाजपा ने एक बार फिर पुष्कर सिंह धामी तो गोवा में प्रमोद सावंत पर भरोसा जताया है. उत्तराखंड में 23 मार्च तो वहीं गोवा में 28 मार्च को नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण कार्यक्रम होगा. दोनों ही समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद रहेंगे.
देहरादून के परेड ग्राउंड में कल दोपहर 2.30 बजे पुष्कर सिंह धामी 12वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे. प्रधानमंत्री मोदी के अलावा इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर समेत भाजपा के कई वरिष्ठ नेता शामिल होंगे.
दूसरी बार मिला भाजपा को बहुमत
उत्तराखंड में दूसरी बार भाजपा को बहुमत मिला है. हालांकि, मुख्यमंत्री रहते हुए पुष्कर सिंह धामी अपनी सीट खटीमा बचाने में कामयाब नहीं रहे. धामी के चुनाव हारने के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि पार्टी राज्य के किसी सीनियर नेता पर भरोसा जता सकती है. इस रेस में हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक, नैनीताल से सांसद और रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट, चौबट्टाखाल से विधायक सतपाल महाराज, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी शामिल थे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ और भाजपा ने युवा चेहरा पुष्कर सिंह धामी को दोबारा मौका दिया.
सीट खोने के बावजूद धामी पर जताया भरोसा
सीट खोने के बावजूद पुष्कर सिंह धामी को दोबारा मौका देने के कदम को वरिष्ठ नेताओं के लिए एक संदेश के तौर पर देखा जा रहा है. शीर्ष नेतृत्व ने संदेश दिया है कि 21 साल के युवा राज्य को चलाने के लिए उनकी प्राथमिकता युवा नेतृत्व ही है. इसलिए चुनाव हारने के बावजूद पीएम मोदी ने पुष्कर सिंह धामी पर भरोसा जताया है. हालांकि, अब धामी पर पीएम मोदी के भरोसे पर खरा उतरने का दबाव भी बढ़ गया है. सीएम चुने जाने के बाद धामी ने कहा था कि राज्य में चुनाव से पहले जो भी संकल्प लिए थे, उसे पूरा करेंगे.
चुनाव हारने के पीछे रस्साकशी भी बड़ी वजह
धामी पर दोबारा भरोसा जताने के पीछे की वजह यह भी है कि शीर्ष नेतृत्व को भी ऐसा लगता है कि उनके चुनाव हारने के पीछे अंदरूनी रस्साकशी भी एक कारण है. वरना सीएम पद के चेहरे का इस प्रचंड जनादेश के बीच बड़े अंतर से हारने का सवाल ही नहीं उठता. वहीं, अब शपथ ग्रहण में पीएम मोदी की मौजूदगी से एक संदेश यह भी जाएगा कि धामी को प्रधानमंत्री का सीधा संरक्षण है. वे धामी से अपने सभी ड्रीम प्रोजेक्ट्स जल्द पूरा करवाना चाहते हैं.