ओडिशा सरकार ने प्रदेश की ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक पहल की है. इसके तहत ग्रामीण महिलाओं को नई तकनीक के साथ रोजगार के लिए दक्ष बनाया जाएगा. सरकार का दावा है कि इस पहल से ग्रामीण महिलाओं को गरीबी से मुक्ति मिलने के साथ ही वह आर्थिक रूप में मजबूत बनेंगी.
इसके लिए सरकार ने एक समझौता किया है. इसमें महिलाओं को रोजगार देने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया जाएगा. इस समझौते से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की आमदनी 3 हजार से 15 हजार प्रतिमाह हो सकती है.
ओडिशा सरकार की ओर से संचालित मिशन शक्ति विभाग ने संयुक्त राष्ट्र पूंजी विकास कोष (UNCDF) और लिविंग लैब (Living Lab) से समझौता किया है. मिशन-शक्ति विभाग की सचिव सुजाता कार्तिकेयन और संयुक्त राष्ट्र पूंजी विकास कोष (UNCDF) की एग्जीक्यूटिव सचिव प्रीति सिन्हा की अगुवाई में समझौता हुआ.
मिशन शक्ति की सचिव सुजाता ने कहा कि हम अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में नई तकनीक के साथ महिलाओं की भागीदारी को बढ़ा सकते हैं. समझौते के बाद महिलाओं में डिजिटल सुविधाओं का प्रचलन तेज होगा. साथ ही उन्हें आर्थिक रूप से मदद मिलेगी. इस समझौते से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की आमदनी 3 हजार से 15 हजार प्रतिमाह हो सकती है.
समय-समय पर आर्थिक रूप से मदद मिलेगी
UNCDF के निदेशक हेनरी डोमेल ने कहा कि हम महिलाओं को नई तकनीक सिखाकर उनका आर्थिक संकट दूर कर सकते हैं. कोविड महामारी के कारण महिलाओं को आर्थिक रूप से घरेलू समस्याओं का सामना करना पड़ा है. इस योजना से समाधान किया जा सकता है. इस हस्ताक्षर के साथ अब सांगठनिक महिलाओं का स्तर बढ़ेगा. उन्हें समय-समय पर आर्थिक रूप से मदद मिलेगी.