बिहार और यूपी में लोकसभा सीट को लेकर ओम प्रकाश राजभर के पीएम मोदी और अमित शाह से मिलने की संभावना है. नेताओं की 30 और 31 दिसंबर को बैठक हो सकती है. इससे पहले एसबीएसपी प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने कैबिनेट विस्तार और राजभर समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी.
जानकारी के मुताबिक सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद ओम प्रकाश राजभर ने बिहार में लोकसभा सीट बंटवारे को लेकर दिल्ली जाकर पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मिलने का फैसला किया है.
सूत्र के मुताबिक, ओम प्रकाश राजभर की पार्टी ने बिहार में दो सीटों से लेकर 3 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है. यह यूपी के चंदौली, गाज़ीपुर, बलिया, सलेमपुर और मऊ से और बिहार के काराकाट, सीवान, बाल्मिकी नगर और नवादा से हो सकता है. बैठक के बाद लोकसभा चुनाव के लिए इस आंकड़े को अंतिम रूप दिया जा सकता है.
लोकसभा चुनाव 2019 से पहले BJP और SBSP अलग हो गईं
जुलाई में सुभासपा ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन तोड़ लिया था और औपचारिक रूप से एनडीए में शामिल हो गई. वर्ष 2017 में, एसबीएसपी ने भाजपा के साथ गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़ा और चार सीटें जीती थीं. मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ के पहले कार्यकाल के दौरान ओम प्रकाश राजभर को मंत्री बनाया गया था. हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी और एसबीएसपी की राहें अलग हो गईं. ओपी राजभर की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद जुलाई में एसबीएसपी एनडीए में लौट आई थी.
सपाई गुलदस्ता लेकर मोदी-योगी से मिलते हैं: राजभर
पिछले दिनों राजभर ने एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि गठबंधन (इंडिया) अभी बना है उसमें नीतीश, जयंत और अखिलेश यादव अलग-अलग राग अलाप रहे हैं, तो इस स्थिति में बात आगे कैसे बनेगी. राजभर ने कहा था कि सपा दिन में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ बोलती है और रात में गुलदस्ता लेकर मोदी-योगी से मिलते हैं.
उन्होंने कहा कि यूपी के खनन घोटाला की सीबीआई जांच में अखिलेश का नाम, गोमती रिवर फ्रंट में राम गोपाल के बेटे और शिवपाल का नाम सामने आया तो ये लोग क्यों बच रहे है. क्योंकि, ये लोग रात में गुलदस्ता भेंट करते हैं और कहते है कि हम आपकी शरण में हैं.