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ओपी राजभर को मिलेगा रिटर्न गिफ्ट? बेटे को BJP कोटे से विधान परिषद भेजने की तैयारी

UP News: बीजेपी के प्रति सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के सुर बदल गए हैं. इसी बीच ऐसी चर्चा शुरू हो गई है कि जल्द ही ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर बीजेपी से विधान परिषद भेजे जा सकते हैं. बता दें कि यूपी विधान परिषद की 2 सीटों के लिए नामांकन का दौर शुरू हो चुका है और 11 अगस्त को इस पर वोटिंग भी होगी.

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बाएं से ओपी राजभर और उनके बेटे अरविंद राजभर. (फाइल फोटो)
बाएं से ओपी राजभर और उनके बेटे अरविंद राजभर. (फाइल फोटो)

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के सुर बीजेपी के लिए जब से बदले हैं, तभी से ऐसी चर्चा शुरू हो गई है कि जल्द ही उनके बेटे अरविंद राजभर बीजेपी से विधान परिषद भेजे जा सकते हैं. राजभर के करीबी सूत्रों की मानें तो हो सकता है कि अरविंद जल्द ही भाजपा ज्वाइन भी कर लें. 

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दरअसल, अचानक ही यूपी की राजनीति में नए संकेत दिखने लगे हैं. समाजवादी पार्टी नीत गठबंधन में शामिल होकर यूपी विधानसभा चुनाव में उतरने वाले ओमप्रकाश राजभर ने अब सपा मुखिया अखिलेश यादव पर हमला बोलना शुरू किया है, और जिस तरीके से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ में वह कसीदे पढ़ रहे हैं, उससे यह साफ दिख रहा है कि कहीं न कहीं, कोई बात बन रही है.

बहरहाल, विधान परिषद की 2 सीटों के लिए नामांकन का दौर शुरू हो चुका है और 11 अगस्त को इस पर वोटिंग भी होगी. ऐसे में पूरी संभावना यह जताई जा रही है कि ओमप्रकाश राजभर अब भाजपा के हो चले हैं और अपने बेटे को बीजेपी के कोटे से विधान परिषद भेज सकते हैं. 

सपा पर बनाया था दबाव 

बता दें कि समाजवादी पार्टी ने जब तीन विधान परिषद सदस्य बनाए, तो उनमें एक नाम स्वामी प्रसाद मौर्य का भी था. उस वक्त भी ओमप्रकाश राजभर ने अपने बेटे को विधानसभा भेजने के लिए अच्छा खासा दबाव बनाया था, लेकिन अखिलेश यादव ने यह कहकर मना कर दिया था कि अगली बार उन्हें भेजा जाएगा. 

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अमित शाह से मुलाकात!

चर्चा है कि जब ओमप्रकाश राजभर ने दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात की तब यह बात तय हुई है. हालांकि, ओमप्रकाश राजभर के बेटे को भाजपा की तरफ से विधान परिषद में भेजने की पुष्टि फिलहाल न तो राजभर का खेमा कर रहा है और न ही बीजेपी. लेकिन चर्चा और कयासबाजी तो काफी ज्यादा तेज है. 

राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू का समर्थन 

बता दें कि सपा से अलग राह चलकर राजभर ने बीजेपी को राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन दिया था, इसलिए उनके बेटे को विधान परिषद भेजने की संभावना को रिटर्न गिफ्ट के तौर पर देखा जा रहा है. इससे कुछ दिन पहले ही योगी सरकार ने सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजभर को सुरक्षा कारणों से Y श्रेणी की सुरक्षा भी मुहैया कराई है. 

 

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