
लखीमपुर खीरी कांड को लेकर विपक्ष का आक्रामक रुख अब न सिर्फ संसद के कामकाज पर असर डाल रहा है, बल्कि सड़कों तक उतर आया है. इस मामले में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के इस्तीफे की मांग को लेकर विपक्ष संसद के अंदर और बाहर जोरदार प्रदर्शन कर रहा है. मामले पर पहले से ही बवाल हो रहा था और रही सही कसर अजय मिश्र के उस वीडियो ने पूरी कर दी, जिसमें वो पत्रकार से हाथापाई करने की कोशिश करते दिख रहे हैं.
इस वीडियो के वायरल होने के बाद अजय मिश्र टेनी को दिल्ली बुलाया गया, लेकिन अजय मिश्र पर कार्रवाई करने के मूड में सरकार दिख नहीं रही है. सूत्रों की मानें तो बीजेपी नेतृत्व का मानना है कि बेटे की करतूतों की सजा पिता को नहीं दी जा सकती. यानी लखीमपुर मामले को लेकर सरकार और विपक्ष दोनों आमने-सामने की लड़ाई लड़ रहे हैं, बयानबाजियों का दौर जारी है.
'जब तक ये जेल नहीं जाते तब तक हम इनको छोड़ेंगे नहीं'- राहुल
बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी संसद में इस मामले पर चर्चा करना चाहते थे लेकिन ऐसा होने नहीं दिया गया. राहुल गांधी का कहना है कि हम इसपर संसद में चर्चा करना चाहते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नहीं चाहते. तरह-तरह के बहाने बनाए जा रहे हैं. सरकार संसद में लखीमपुर खीरी मामले पर ऐसी कोई भी चर्चा नहीं करना चाहती, जिससे वह एक्सपोज़ हो जाए.
राहुल गांधी ने कहा कि यह एक साजिश है. हर कोई जानता है कि इसमें कौन शामिल है, किसका बेटा शामिल है. हर किसी को पता है कि जब किसानों की हत्या हुई, तो वहां कौन मौजूद था. हमें अजय मिश्र टेनी का इस्तीफा चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री अपराधी मंत्री को अच्छी तरह जानते हैं, वह उनके मंत्रिमंडल में हैं. लेकिन इसपर कुछ नहीं कर रहे. एक तरफ तो प्रधानमंत्री माफ़ी मांगते हैं, दूसरी तरफ़ मुआवज़ा नहीं देते और जो हत्यारा है उसे कैबिनेट में रखा हुआ है.
We want the MoS Home to resign, we want a discussion in the Parliament, but the Prime Minister refuses and they are making all sorts of excuses because they don't want to accept the truth.: Shri @RahulGandhi #टेनी_को_बर्ख़ास्त_करो pic.twitter.com/s6hS8CKITI
— Congress (@INCIndia) December 15, 2021
राहुल गांधी ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि अपराधी मंत्री को सजा और पीड़ित परिवारों को न्याय मिले. जिस तरह किसान कानून वापस लिए गए, उसी तरह इस मामले में भी, इन मंत्री जी को इस्तीफा देना पड़ेगा. जब तक ये जेल नहीं जाते तब तक हम इनको छोड़ेंगे नहीं, ये जेल जाएंगे, चाहे पांच साल ही क्यों न लग जाएं.
मामला अदालत में चल रहा है, संसद में चर्चा का कोई मतलब नहीं- पीयूष गोयल
बुधवार को ही संसद में पीयूष गोयल ने कहा कि यह मामला अदालत में चल रहा है, इस पर संसद में चर्चा का कोई मतलब नहीं बनता. यह बहुत दुर्भाग्य की बात है कि राज्यसभा में विपक्षी दल सदन की कार्यवाही को चलने नहीं दे रहे हैं. बार-बार कार्यवाही में रुकावट डाल रहे हैं और गलत प्रचार करने की कोशिश कर रहे हैं. विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है. साफ है कि उनकी सदन में जनता से जुड़े मुद्दों को उठाने में कोई रुचि नहीं है.
मोदी जी टेनी को नहीं हटाएंगे, क्योंकि यूपी चुनाव करीब हैं- ओवैसी
बुधवार को AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी कहा कि हमने पहले ही कहा था कि लखीमपुर खीरी की घटना को योजनबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया था और एसआईटी की रिपोर्ट में भी यही लिखा था कि ये प्लैन किया गया था. उन्होंने भी मंत्री अजय मिश्र के इस्तीफे की मांग की. उन्होंने यह भी कहा कि मोदी जी अजय मिश्रा टेनी को नहीं हटाएंगे, क्योंकि यूपी चुनाव करीब हैं. वे चुनाव को देखेंगे या इंसाफ को?"
"अजय मिश्रा टेनी को नहीं हटाएंगे मोदी जी, यूपी चुनाव करीब हैं और इसका मतलब होगा upper caste वोट हारना. आप चुनाव को देखेंगे या इन्साफ को?": असदुद्दीन ओवैसी (@asadowaisi) AIMIM अध्यक्ष
देखिए मिलान शर्मा की #ReporterDiary #lakhimpurkheri #UttarPradesh #AjayMishraTeni pic.twitter.com/ANs9V5BzDe
— AajTak (@aajtak) December 15, 2021
'इस मामले में किसी को ज्ञान देने की ज़रूरत नहीं है'
लखीमपुर खीरी मामले पर, केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का कहना है कि कानून के तहत जो कार्यवाही होनी चाहिए, वो हो रही है. इसमें किसी को ज्ञान देने की ज़रूरत नहीं है. संसद को किसी भी प्रकार के परिवार के पॉलिटिकल पाखंड की परिभाषा नहीं बनने दिया जाएगा.
लखीमपुर खीरी पर संसद में बोले राहुल गांधी
आज फिर लोकसभा में राहुल गांधी ने प्रश्नकाल के दौरान, लखीमपुर खीरी मामले को उठाया. राहुल गांधी ने कहा कि इस मामले पर हमें बोलने दिया जाए. राहुल गांधी ने मंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफ की मांग की. उन्होंने कहा कि यह अपराधी है, इन्हें सरकार से निकाल देना चाहिए और इनपर कार्यवाही होनी चाहिए.
'सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच चल रही है'
गुरुवार को संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, 'लखीमपुर खीरी मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच चल रही है. संसद में चर्चा की जाती है. हम विपक्ष से रचनात्मक सुझाव लेना चाहते हैं. हम उन्हें चर्चा के लिए बुलाते हैं, लेकिन वे मना कर देते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि 2024 के चुनाव में बहुत समय बाकी है. लोकसभा चुनाव के समय हम भी 'खेला' करेंगे, आप भी ऐसा ही करें, लेकिन संसद की कार्यवाही फिलहाल होने दें.'
'प्रधानमंत्री, अजय मिश्र टेनी को बचा रहे हैं'
गुरुवार को राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि हमने लखीमपुर खीरी कांड को लेकर राज्यसभा में, नियम 267 के तहत नोटिस दिया था. हम वहां हुई घटना पर चर्चा करना चाहते थे. एसआईटी ने साफ कहा कि किसानों की हत्या पूर्व नियोजित थी. गृह राज्य मंत्री का बेटा इसमें शामिल है और वह खुद साजिशकर्ता था. उसने अपने 13 दोस्तों के साथ मिलकर, किसानों की हत्या की. उन्होंने यह भी कहा कि मंत्री अजय मिश्र ने एक बार किसानों से कहा था कि वह अपना 'सत्याग्रह' तोड़ दें, नहीं तो उन्हें दो मिनट में ऐसा करना आता है. हो सकता है कि मंत्री जी के बेटे ने इसपर अमल कर दिया हो.
उन्होंने कहा कि हम इसे संसद के सामने लाना चाहते थे. हमने सभापति से आग्रह भी किया और सुबह नेटिस भी भेजा था. प्रधानमंत्री लखीमपुर मामले पर कोई कार्यवाई नहीं कर रहे हैं. एसआईटी की रिपोर्ट के बावजूद भी अगर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है, तो हमें यही कहना पड़ेगा कि प्रधनमंत्री उन्हें बचा रहे हैं.
क्या है मामला
दरअसल, 3 अक्टूबर को लखीमपुर के तिकुनिया में हिंसा में 8 लोगों की मौत हो गई थी. आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू ने अपनी जीप से किसानों को कुचल दिया. इसके बाद गुस्साई भीड़ ने आशीष के ड्राइवर समेत चार लोगों की हत्या कर दी. इस मामले में 14 लोगों को आरोपी बनाया गया है. मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है.