उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा ने ट्वीट कर बताया कि बीजेपी के कुछ साथियों से बात करने के बाद उनके मोबाइल फोन की सभी कॉल डायवर्ट की जा रही हैं. उन्होंने बताया कि वह न तो कॉल कर पा रही हैं और न ही कोई फोन रिसीव कर पा रही हैं. उन्होंने इस बारे में बीएसएनएल एमटीएनएल को लिखते हुए वादा किया कि अगर उनका फोन रिस्टोर हो जाता है तो वह बीजेपी, टीएमसी या बीजेडी के किसी भी सांसद से फोन पर बात नहीं करेंगी.
अपने लिए समर्थन जुटा रही हैं अल्वा
उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा समर्थन को लेकर खासी सक्रिय देखी जा रही हैं. बीते शनिवार को उन्होंने समर्थन मांगने के लिए बीजेपी शासित राज्य कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई और असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा से भी बातचीत की है. उन्होंने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कर समर्थन मांगा था.
कौन हैं मार्गरेट अल्वा?
मार्गरेट अल्वा का जन्म 14 अप्रैल को 1942 को कर्नाटक के मेंगलोर में हुआ था. उन्होंने अपनी पढ़ाई कर्नाटक में ही पूरी की. उसके बाद मार्गरेट कांग्रेस से जुड़ीं और कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया. वह अलग-अलग मंत्रालयों की समितियों में भी शामिल रहीं. कांग्रेस ने उन्हें 1975 में पार्टी का महासचिव भी बनाया था. अल्वा कुल चार बार राज्यसभा की सदस्य रहीं. उसके बाद 1999 में वो लोकसभा की सदस्य चुनी गईं. अल्वा राजस्थान, गोवा, उत्तराखंड और गुजरात की राज्यपाल रह चुकी हैं.
अल्वा के खिलाफ धनखड़ मैदान में
17 जुलाइ को एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने मार्गरेट अल्वा को उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष का उम्मीदवार घोषित किया था. वहीं अल्वा के खिलाफ एनडीए ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे जगदीप धनखड़ को खड़ा किया है. 16 जुलाई को एनडीए ने धनखड़ के नाम की घोषण की थी.
6 अगस्त को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग
देश का अगला उपराष्ट्रपति चुनने के लिए 6 अगस्त को वोटिंग होगी. वोटिंग सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक होगी. उसी दिन वोटों की गिनती भी हो जाएगी और चुनाव के नतीजे भी आ जाएंगे.
अगर सत्ता पक्ष और विपक्षी दल, दोनों ही खेमे उपराष्ट्रपति पद के लिए किसी एक उम्मीदवार के नाम पर सहमत हो जाते हैं और आम सहमति बन जाती है तो मतदान की जरूरत नहीं पड़ेगी.
ऐसे में उपराष्ट्रपति का आम सहमति से निर्विरोध निर्वाचन भी हो सकता है. हालांकि, इसके आसार कम ही नजर आ रहे हैं. वर्तमान उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को खत्म हो रहा है.