मणिपुर में दो महिलाओं के साथ दरिंदगी के मुद्दे पर सड़क से संसद तक बवाल मचा हुआ है. विपक्षी गठबंधन 'INDIA' मणिपुर के मुद्दे पर संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान और विस्तृत चर्चा की मांग कर रहा है. इसी को लेकर 'INDIA' गठबंधन के सांसदों ने संसद भवन स्थित गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया. इसके बाद दोनों सदनों में भी जमकर हंगामा हुआ. इन सबके बीच गृह मंत्री अमित शाह ने मोर्चा संभाला. उन्होंने लोकसभा में कहा, मेरा आग्रह है कि संवेदनशील विषय पर सबने चर्चा की मांग की है. मैं चर्चा के लिए तैयार हूं. मुझे नहीं पता कि विपक्ष चर्चा क्यों नहीं चाहता. मेरा आग्रह है कि इस विषय पर चर्चा हो.
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लियाकार्जुन खड़गे ने कहा, हम भी चर्चा के लिए तैयार हैं. प्रधानमंत्री इस मामले पर अपनी बात रखें. अगर 140 करोड़ का नेता बाहर प्रेस से बात करता है और 140 करोड़ जनता के प्रतिनिधी अंदर बैठे हैं, तो आप(प्रधानमंत्री) पहले अंदर अपना बयान दीजिए. उसके बाद हम एक निर्णय लेंगे.
It is shameful that the Prime Minister is making a statement outside the House, when Parliament is in session. It is his duty to make a comprehensive statement inside the Parliament on Manipur violence.
Therefore, we are requesting the Chairman of Rajya Sabha and the Speaker of… pic.twitter.com/oSvB3ZcD8u— Mallikarjun Kharge (@kharge) July 24, 2023
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोमवार को कहा कि विपक्षी गठबंधन चाहता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में मणिपुर पर एक व्यापक बयान दें, जिसके बाद इस मुद्दे पर सामूहिक चर्चा हो. हालांकि, सरकार गृह मंत्री के जवाब के साथ मणिपुर मुद्दे पर अल्पकालिक चर्चा के लिए तैयार हो गई है. लेकिन विपक्ष पहले प्रधानमंत्री के बयान की मांग पर अड़ा है.
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, प्रधानमंत्री को संसद के दोनों सदनों में एक व्यापक बयान देना चाहिए. उन्हें लोकसभा और राज्यसभा में प्रासंगिक स्थगन नियमों के तहत चर्चा का पालन करना चाहिए. हमारे प्रदर्शन की यही मांग है.
AAP सांसद राघव चड्ढा ने कहा, पूरे देश की मांग है कि मणिपुर मामले पर सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी बात रखें. देश में शांति बहाल करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है. आज हम इस मुद्दे पर संसद में विरोध प्रदर्शन करने जा रहे हैं. राज्यसभा सभापति को हमें मणिपुर मुद्दे पर चर्चा की इजाजत देनी चाहिए.
ये संवेदनशील मामला- केंद्र
उधर, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, मणिपुर वायरल वीडियो पर पूरा देश पीड़ा व्यक्त कर रहा है. हम हाथ जोड़ कर कह रहे हैं कि आप(विपक्ष) इस विषय पर चर्चा करो और हम इससे कुछ निष्कर्ष निकालेंगे. हम ये नहीं समझ पा रहे हैं कि वो (विपक्ष) चर्चा से क्यों भाग रहे हैं. उनकी क्या सोच है, ये समझ नहीं आ रहा है. हम आज भी मांग करते हैं कि आप इस पर चर्चा कीजिए. ये बहुत संवेदनशील मामला है.
क्या है मामला?
दरअसल, हाल ही में मणिपुर का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इसमें देखा जा सकता है कि भीड़ कुकी समुदाय की दो महिलाओं को नग्न अवस्था में सड़क पर घुमा रही है. इतना ही नहीं महिलाओं के साथ अभद्रता और रेप भी किया गया था. यह वीडियो 4 मई की घटना का बताया जा रहा है. इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद मणिपुर में फिर तनाव बढ़ गया. इसे लेकर सड़क से लेकर संसद तक बवाल मचा है.
3 मई से जल रहा मणिपुर
मणिपुर में 3 मई को कुकी समुदाय की ओर से निकाले गए 'आदिवासी एकता मार्च' के दौरान हिंसा भड़की थी. इस दौरान कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसक झड़प हो गई थी. तब से ही वहां हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. अब तक 160 से ज्यादा लोग हिंसा में अपनी जान गंवा चुके हैं.
मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 % है और इनमें से ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि 40 प्रतिशत आदिवासी हैं, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं और ये ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं.