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मुंबई में 'INDIA' की तीसरी बैठक को होस्ट करेंगे उद्धव-शरद गुट... सीट शेयरिंग से कमेटियों तक इन मुद्दों पर होगी चर्चा

मुंबई में होने जा रही विपक्षी दलों की तीसरी बैठक काफी अहम है, क्योंकि इस बैठक में सीटों के बंटवारे समेत कई मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है. मुंबई बैठक में गठबंधन संचार, 2024 के आम चुनाव अभियान के लिए समितियों की संरचना और चुनावों से पहले संयुक्त विरोध प्रदर्शनों और रैलियों के समन्वय के लिए एक अन्य पैनल की घोषणा कर सकता है.

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25-26 अगस्त को होगी विपक्ष की तीसरी बैठक (फाइल फोटो- पीटीआई)
25-26 अगस्त को होगी विपक्ष की तीसरी बैठक (फाइल फोटो- पीटीआई)

विपक्षी गठबंधन (I.N.D.I.A) की तीसरी बैठक 25 और 26 अगस्त को मुंबई में हो सकती है. सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक को उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी कांग्रेस के सपोर्ट से होस्ट कर सकती है. 

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समाचार एजेंसी के मुताबिक, विपक्षी दलों की यह ऐसी पहली बैठक होगी, जो INDIA गठबंधन के सत्ताधारी राज्य से बाहर आयोजित की जा रही है. इससे पहले गठबंधन की पहली बैठक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बुलावे पर पटना में हुई थी. जबकि दूसरी बैठक कांग्रेस शासित राज्य कर्नाटक के बेंगलुरु में आयोजित की गई थी. 

बैठक में इन अहम मुद्दों पर होगी चर्चा

मुंबई में होने जा रही विपक्षी दलों की तीसरी बैठक काफी अहम है, क्योंकि इस बैठक में सीटों के बंटवारे समेत कई मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है. सूत्रों ने बताया कि गठबंधन की 11 सदस्यीय समन्वय समिति को पहले ही अंतिम रूप दिया जा चुका है. इस कमेटी में कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके, आप, जदयू, राजद, शिवसेना (उद्धव गुट ), एनसीपी (शरद पवार गुट), झारखंड मुक्ति मोर्चा, समाजवादी पार्टी और सीपीआई (एम) का एक एक सदस्य शामिल होगा. जबकि छोटे दलों को इसमें जगह नहीं मिलेगी. 
 
मुंबई बैठक में गठबंधन संचार, 2024 के आम चुनाव अभियान के लिए समितियों की संरचना और चुनावों से पहले संयुक्त विरोध प्रदर्शनों और रैलियों के समन्वय के लिए एक अन्य पैनल की घोषणा कर सकता है. सूत्रों के मुताबिक, पार्टियों के बीच बेहतर समन्वय के लिए एक संयुक्त दफ्तर की भी जल्द घोषणा की जाएगी. 

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मनमुटाव दूर करने पर भी फोकस

विपक्षी गठबंधन की तीसरी बैठक में पार्टियों के बीच मतभेदों को दूर करने की उम्मीद जताई जा रही है. खासकर ऐसे राज्यों में जहां आपस में चुनावी लड़ाई है. माना जा रहा है कि विपक्ष के सामने गठबंधन में नेतृत्व के मुद्दे को हल करना प्रमुख चुनौतियों में से एक है. 

दरअसल, विपक्षी गठबंधन में 26 दल तो शामिल हो गए, लेकिन इन दलों में कई ऐसे हैं, जिनकी राज्यों में गठबंधन के दूसरे दलों के साथल सीधे चुनावी लड़ाई है. जैसे केरल में कांग्रेस और लेफ्ट, पश्चिम बंगाल में लेफ्ट, कांग्रेस और टीएमसी, पंजाब और दिल्ली में AAP और कांग्रेस, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस, जम्मू कश्मीर में पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस. इन पार्टियों के बीच अभी कई मुद्दे ऐसे हैं, जो अनसुलझे हैं. 

विपक्षी गठबंधन वोटों को बंटने से रोकने के लिए सभी संसदीय सीटों पर भाजपा के खिलाफ आमने-सामने की लड़ाई की मांग कर रहा है, ऐसे में उम्मीदवारों का चयन भी एक कठिन काम होने की संभावना है. 

 

 

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