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प्रधानमंत्री की चुटकियों पर कांग्रेस, टीएमसी का पलटवार, जानें किसने क्या कहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा का आज जवाब दिया. इस दौरान उन्होंने विपक्ष के कई नेताओं पर जमकर निशाना साधा. वहीं कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस समेत कई दलों के नेताओं ने इसे लेकर प्रधानमंत्री पर पलटवार किया है. जानें किसने क्या कहा.

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मल्लिकार्जुन खड़गे (Photo:File)
मल्लिकार्जुन खड़गे (Photo:File)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ‘किसानों की स्वाधीनता को छीना जा रहा’
  • 'प्रधानमंत्री ने आज किया सबका विश्वासघात’
  • भाजपा का मंत्र ‘या तो मेरे रास्ते, या फिर देशद्रोही’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा का आज जवाब दिया. इस दौरान उन्होंने विपक्ष के कई नेताओं पर जमकर निशाना साधा. वहीं कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस समेत कई दलों के नेताओं ने इसे लेकर प्रधानमंत्री पर पलटवार किया है. जानें किसने क्या कहा...

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उम्मीद थी वापस होंगे कानून 
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ‘‘ हम उम्मीद कर रहे थे कि प्रधानमंत्री तीन कृषि कानूनों को वापस लेंगे. इस पर इतना विरोध हो रहा है और उसके बाद सभी पार्टियों से बातचीत करके नए कानून लाएंगे. लेकिन उन्होंने निराश किया.’

ब्रायन पर तंज का जवाब
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने वक्तव्य के दौरान तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन पर तंज कसा था कि धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान जब वह सदन में बोल रहे थे तो उनकी बातें सुनकर लग रहा था कि कहीं बंगाल के बारे में तो बात नहीं कर रहे. इस पर TMC के नेता सौगतो रॉय ने कहा, ‘‘वह (ब्रायन) देश की स्थिति पर ही बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि देश में लोगों का अधिकार छीना जाता है कश्मीर में पहले छीना गया. नागरिकता संशोधन कानून को लेकर छीना गया और अब दिल्ली की सीमा पर जो आंदोलन हो रहे वहां भी किसानों की स्वाधीनता को छीना जा रहा है. प्रधानमंत्री ने असल सवालों का जवाब नहीं दिया, दो करोड़ रोजगार देने की बात की थी वह नहीं दिया. बंगाल में ममता बनर्जी ने 40 फीसदी बेरोजगारी घटाई है.

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'प्रधानमंत्री का भाषण भ्रामक'
राज्यसभा सदस्य शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि आज प्रधानमंत्री ने जिस तरह से जवाब दिया है उस पर शर्म आती है. क्या मजाक अच्छा लगता है? जब देश के किसान इतने दर्द के साथ बैठे हुए हैं सड़क पर हैं, आज प्रधानमंत्री ने ‘सबका विश्वासघात’ किया है. वह श्रद्धांजलि के कुछ शब्द तो किसानों के लिए कहते. चीन का नाम तक नहीं लिया उन्होंने, जबकि चीन के साथ तनाव में बिहार रेजिमेंट के 20 जवान शहीद हो गए.

‘या तो मेरे रास्ते, या फिर देशद्रोही’
कांग्रेस नेता और पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने प्रधानमंत्री के भाषण पर कहा, ‘दुख की बात है कि प्रधानमंत्री उन लोगों से सहमत नहीं जो आंदोलनकारी हैं. मानव अधिकार लोकतंत्र का सार है, मानव अधिकार की कोई सरहद नहीं होती. भाजपा का यह मानना है या तो मेरे रास्ते या फिर तुम देशद्रोही हो. क्या हम दूसरे देशों में जो हो रहा है उसके बारे में कमेंट नहीं करते नेपाल में जो होता है या ट्रंप के समर्थकों ने जो किया उस पर भारत भी टिप्पणी करता है क्योंकि मानव अधिकार की कोई सीमा नहीं होती’

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