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राहुल गांधी की सांसदी जाने के बाद अब क्या करेगी कांग्रेस? चिदंबरम ने बताया प्लान

राहुल गांधी की सांसदी जाने के बाद आखिर कांग्रेस का प्लान क्या रहने वाला है? किस तरह से कांग्रेस इस मुद्दे को देशव्यापी आंदोलन का रूप देगी. इन सवालों को लेकर ही इंडिया टुडे ने कांग्रेस नेता पी चिदंबरम से बात की. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस की आगे की रणनीति बताई.

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पी चिदंबरम (फाइल फोटो)
पी चिदंबरम (फाइल फोटो)

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सांसदी जाने के बाद कांग्रेस ने देशभर में विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया है. इस बीच कांग्रेस को टीएमसी और राजद समेत कई विपक्षी दलों का समर्थन भी मिला है. लेकिन लोगों के जहन में अब यह सवाल उठ रहा है कि कांग्रेस की आगे की रणनीति आखिर क्या होगी और कांग्रेस इस मुद्दे को किस तरह देशव्यापी बनाएगी? इन सवालों को लेकर इंडिया टुडे ने कांग्रेस के सीनियर नेता पी चिदंबरम से बात की. उन्होंने इस मुद्दे पर कांग्रेस की आगे की रणनीति और प्रदर्शनों के बारे में बताया.

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चिदंबरम ने कहा कि इस फैसले से कांग्रेस पार्टी बिल्कुल भी अचंभित नहीं है. हमें (कांग्रेस) पहले से ही अंदाजा था कि इस तरह का निर्णय आ सकता है. राहुल गांधी को भेजे गए सरकारी बंगला खाली करने के नोटिस पर उन्होंने कहा कि उन्हें भी यही उम्मीद थी सरकार का अगला कदम अब यही होने वाला है.

प्लानिंग के तहत हुआ सब कुछ

उन्होंने आगे कहा कि सब कुछ तयशुदा योजना के तहत किया गया है. अगर इस मसले को थोड़ा पहले से देखना शुरू करेंगे तो पता चलेगा कि सब कुछ प्लानिंग के तहत हुआ है. चिदंबरम ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में इस तरह का कोई केस नहीं देखा है, जिसमें दोषी को अधिकतम सजा (2 साल) सुनाई हो.

पहले नहीं सुना अधिकतम सजा का केस

चिदंबरम ने आगे कहा कि उन्होंने खुद इस बारे में पड़ताल की. कई जजों के साथ-साथ कानून से जुड़े लोगों से भी बात की. लेकिन उनके जानने वालों ने भी इस तरह के केस में अब तक अधिकतम सजा का मामला नहीं सुना है. 

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अपने आप आयोग्य नहीं हुए राहुल गांधी

कोर्ट के आदेश के बाद राहुल की सांसदी जाने पर उन्होंने कहा कि सब कुछ कानून के मुताबिक नहीं किया गया. चिदंबरम ने कहा कि राहुल गांधी अपने आप अयोग्य नहीं हुए हैं. उन्हें एक अथॉरिटी (लोकसभा सचिवालय) ने आयोग्य घोषित किया है. राहुल की सदस्यता न ही राष्ट्रपति और न ही चुनाव आयोग ने रद्द की है. उनकी अध्यक्षता पर फैसला लोकसभा अध्यक्ष ने भी नहीं लिया है. उन्होंने कहा कि वह इस फैसले के पीछे नाइंसाफी की गुंजाइश के बारे में बात कर रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच सकती है लड़ाई

जब चिदंबरम से पूछा गया कि अब कांग्रेस आगे क्या फैसला लेगी. क्या सूरत कोर्ट के फैसले को जिला अदालत में चुनौती दी जाएगी. इस पर उन्होंने कहा कि जरूर ऐसा ही होगा. जिला अदालत के अलावा अभी हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का विकल्प भी बचा हुआ है. चिदंबरम ने उम्मीद जताई कि उन्हें 'न्याय' जरूर मिलेगा.

सड़कों पर क्यों नहीं दिखा रही नाराजगी?

चिदंबरम से जब पूछा गया कि राहुल की सांसदी जाने पर जनता में कोई गुस्सा दिखाई नहीं दे रहा है. लोग सड़कों पर नहीं उतरते दिख रहे हैं तो इस पर उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों से लोग किसी मुद्दे को लेकर सड़कों पर नहीं उतरे हैं. अगर सीएए-एनआरसी की बात भी करें तो उसके खिलाफ सिर्फ मुस्लिम समाज के लोग ही सड़कों पर उतरे थे. और इस बात से वह चिंतित भी हैं.

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