केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का विरोध बढ़ता जा रहा है. एक ओर जहां किसान दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं तो वहीं विपक्षी सांसदों ने संसद में तीनों कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन किया.विपक्षी सांसदों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के दौरान सेंट्रल हॉल के बाहर और अंदर नारेबाजी की.
आम आदमी पार्टी के सांसदों ने सेंट्रल हॉल के बाहर कृषि कानूनों और एमएसपी गारंटी कानून को लेकर नारेबाजी की. सांसदों ने कहा कि तीनों कानूनों को वापस लिया जाए और एमएसपी पर कानून बनाया जाए. आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि सरकार पूंजीपतियों के दबाव में काम कर रही है. किसानों के खिलाफ काम कर रही है. वहीं, शिरोमणि अकाली के सांसद संसद के गेट नंबर 4 पर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया.
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वहीं, केंद्रीय कक्ष में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के दौरान भी विपक्षी सांसदों ने तीनों कृषि कानूनों का विरोध किया. कांग्रेस ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया, लेकिन उसकी तरफ से अकेले रवनीत सिंह बिट्टू सेंट्रल हॉल में आए. उन्होंने थोड़ी देर राष्ट्रपति का अभिभाषण सुना और उसके बाद खड़े होकर तीनों कानूनों को रद्द करने और एमएसपी गारंटी कानून को लेकर आवाज उठाई. उन्होंने कहा कि सरकारों को तीनों कानून रद्द करने चाहिए और एमएसपी गारंटी कानून बनाना चाहिए. उसके बाद वह सदन से बाहर निकल गए.
Delhi: Rashtriya Loktantrik Party (RLP) MP Hanuman Beniwal showed a placard and raised slogans, demanding the repeal of the three farm laws, during the President's Address in the Parliament today.
— ANI (@ANI) January 29, 2021
(Source: Hanuman Beniwal) pic.twitter.com/bnsMH9byoT
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान नारेबाजी की. उन्होंने प्ले कार्ड दिखाया और तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग की.
राष्ट्रपति ने की कृषि कानूनों की तारीफ
वहीं, राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कृषि कानूनों की तारीफ की. उन्होंने कहा कि व्यापक विमर्श के बाद संसद ने सात महीने पूर्व तीन महत्वपूर्ण कृषि सुधार, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, कृषि (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार विधेयक, और आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक पारित किए हैं. उन्होंने कहा कि इन कृषि सुधारों का सबसे बड़ा लाभ भी 10 करोड़ से अधिक छोटे किसानों को तुरंत मिलना शुरू हुआ.
राष्ट्रपति ने कहा कि मेरी सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि तीन नए कृषि कानून बनने से पहले, पुरानी व्यवस्थाओं के तहत जो अधिकार थे तथा जो सुविधाएं थीं, उनमें कहीं कोई कमी नहीं की गई है. बल्कि इन कृषि सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए अधिकार भी दिए हैं.