लोकसभा की कार्यवाही 21 सितंबर दोपहर तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है.
सांसद रवि किशन ने अनुराग कश्यप मामले का हवाला देते हुए बॉलीवुड का मुद्दा उठाया और बेटियों की सुरक्षा के लिए कानून की मांग की है.
लोकसभा में कन्नौज के सांसद सुब्रत पाठक ने लव जिहाद का मुद्दा उठाया. उनका कहना है कि अंतर-विवाह को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए. वहीं उन्होंने बॉलीवुड में सांप्रदायिकता का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने साथी सांसद रवि किशन की सराहना भी की.
लोकसभा स्पीकर ने कार्यवाही रात 12.30 बजे तक के लिए बढ़ाई है.
लोकमहत्व के अविलंबनीय मुद्दों पर लोकसभा में चर्चा जारी है.
अर्हताप्राप्त वित्तीय संविदा विधेयक, 2020 की द्विपक्षीय नेटिंग लोकसभा से पारित.
लोकसभा में 'मंत्रियों के वेतन और भत्ते (संशोधन) विधेयक, 2020' को पारित किया गया.
लोकसभा में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय विधेयक 2020 पास किया गया है. इसके अलावा राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय विधेयक 2020 भी लोकसभा से पारित किया गया है.
स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि हम कोविड पर सफलता हासिल करने से बहुत दूर नहीं हैं. भारत में हमने 30 वैक्सीन उम्मीदवारों को सभी सहायता दी, जिनमें से 3 उम्मीदवार पहले, दूसरे और तीसरे चरण के एडवांस्ड ट्रायल में हैं.
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने कोरोना से निपटने के लिए उचित कदम उठाए. कोविड हवा में जीवित नहीं रह सकता. उसका संक्रमण एक शरीर से दूसरे शरीर में होता है. इसलिए हमें सभी सावधानियों पर ध्यान देना होगा. पूरा देश कोविड के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है.
कोरोना वायरस महामारी पर चर्चा के दौरान लोकसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि 50 हजार मेड इन इंडिया वेंटिलेटर के लिए PM-CARES फंड से मेरे मंत्रालय को 893.93 करोड़ रुपये मिले.
लोकसभा में कोविड पर चार घंटे से ज्यादा चली चर्चा के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन जवाब दे रहे हैं.
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में कहा कि प्रवासी मजदूरों के लिए अलग मंत्रालय बनाया जाए. साथ ही पीएम केयर्स फंड की जानकारी साझा की जाए. चौधरी ने कहा कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आ सकती है. सरकार को इसके लिए तैयारी रखनी चाहिए.
राज्यसभा में कल ये 3 बिल लाए जाएंगे-
1) आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020
2) भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कानून संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2020
3) बैंकिंग विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2020
कृषि बिल पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों विधेयक ऐतिहासिक है. केवल भ्रामक तथ्यों के आधार पर किसानों को गुमराह किए जाने की कोशिश की जा रही है. इन बिल से किसानों की आय बढ़ेगी. किसानों की आय दोगुना करने की तरफ यह बड़ा कदम है. एमएसपी को खत्म नहीं किया जा रहा है.
लोकसभा में कोरोना वायरस की स्थिति पर चर्चा करने के समय को रात 9 बजे तक के लिए बढ़ा दिया गया है.
किसान बिल को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट करते हुए कहा कि आज संसद में कृषि से जुड़े दो महत्वपूर्ण विधेयकों का पारित होना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हमारे किसानों के समग्र विकास एवं कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के प्रति उनके अटूट संकल्प को दर्शाता है. यह भारत के कृषि क्षेत्र में विकास के अभूतपूर्व युग का प्रारंभ है.
शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि कोरोना संकट के कारण लॉकडाउन की घोषणा के बाद मुंबई की सड़कों पर विभाजन के दौरान सड़कों पर मौजूद लोगों की संख्या से भी ज्यादा संख्या देखी गई लेकिन सरकार ने ट्रेनें शुरू नहीं कीं. रेलवे पटरियों पर माल गाड़ियों से लोगों को नीचे उतारा गया. कहीं न कहीं हमसे गलतियां हुईं है.
कोरोना पर चर्चा के दौरान लोकसभा में डीएमके सांसद दयानिधि मारन ने कहा कि सरकार में मौजूद किसी भी व्यक्ति में हिम्मत नहीं है कि वह पीएम मोदी से कह सके कि वो गलत कर रहे हैं. उनकी नीतियां गलत हैं. मारन ने कहा कि केंद्र का दृष्टिकोण लापरवाही से भरा है. इसके कारण ही देश में कोरोना वायरस का संकट बढ़ता ही चला गया.
कोरोना के हालात पर चर्चा करते हुए लोकसभा में बीजेपी सांसद किरिट प्रेमजीभाई सोलंकी ने कहा कि कोरोना वायरस का चीन के वुहान में उद्भव हुआ था. वहीं भारत सरकार ने कोरोना से बचाव के लिए कई उपाय किए. कोरोना से बचाव के लिए बहुत जल्दी फैसले लिए गए. लॉकडाउन भी लगाया गया. वहीं गरीब लोगों को अनाज भी दिया गया. साथ ही लोगों के बैंक खातों में डायरेक्ट पैसे भी ट्रांसफर किए गए.
देश में कोविड-19 वैश्विक महामारी के हालात पर लोकसभा में चर्चा की जा रही है.
लोकसभा की कार्यवाही में विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम यानी एफसीआरए पर चर्चा शुरू हुई है. गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी के जरिए यह बिल पेश किया गया था. वहीं कांग्रेस की तरफ से मनीष तिवारी ने इस विधेयक का विरोध किया. इसके साथ ही तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने भी तिवारी का समर्थन करते हुए इसका विरोध किया.
लोकसभा की कार्यवाही जारी है.
संसद का मानसून सत्र जारी है. संसद में कृषि से जुड़े दो बिल को ध्वनि मत से राज्यसभा में पास करवाया जा चुका है. वहीं अब विपक्ष के जरिए राज्यसभा के उपसभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है.
कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 और कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 राज्यसभा से पास हो गए हैं. बिल ध्वनि मत से पास हुए. विपक्ष के हंगामे के बीच उच्च सदन से बिल पास हुए हैं. दोनों बिल लोकसभा से पहले ही पास हो चुके हैं.
Rajya Sabha passes the Farmers' and Produce Trade and Commerce (Promotion and Facilitation) Bill, 2020 and Farmers (Empowerment and Protection) Agreement on Price Assurance and Farm Services Bill, 2020, amid protest by Opposition MPs https://t.co/JqGYfi8k4x
— ANI (@ANI) September 20, 2020
राज्यसभा की कार्यवाही फिर से शुरू हो गई है. विपक्षी सांसदों का हंगामा और नारेबाजी जारी है.
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने सरकार पर धोखा देने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने संसद में हर नियम को तोड़ दिया. वे राज्यसभा टीवी के फीड काटते हैं ताकि देश देख न सके. उन्होंने RSTV को सेंसर कर दिया. हमारे पास सबूत हैं.
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने उपसभापति के सामने रूल बुक फाड़ दी. डेरेक ओ ब्रायन और तृणमूल कांग्रेस के बाकी सांसदों ने आसन के पास जाकर रूल बुक दिखाने की कोशिश की और उसको फाड़ा.
Rajya Sabha: TMC MP Derek O'Brien entered the well and showed the House rule book to Rajya Sabha Deputy Chairman Harivansh, during discussion in the House on agriculture Bills pic.twitter.com/OlTjJb6j4F
— ANI (@ANI) September 20, 2020
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के सांसद वेल में पहुंच गए. कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा राज्यसभा का समय ना बढ़ाएं. मंत्री का जवाब कल हो, क्योंकि अधिकतर लोग यही चाहते हैं. राज्यसभा का समय 1:00 बजे तक है लेकिन सरकार चाहती है कि इस बिल को आज ही पास किया जाए. विपक्ष के हंगामे के बीच नरेंद्र सिंह तोमर जवाब दे रहे हैं. इस बीच, सदन में हंगामा कर रहें सांसदो ने आसन के सामने लगे माइक को तोड़ दिया है.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर राज्यसभा में कृषि विधेयक पर बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य का इस विधेयक से कोई भी लेना देना नहीं है. न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद हो रही थी और आने वाले समय में भी होगी. इसमें किसी को शंका करने की जरूरत नहीं है.
आम आदमी पार्टी के सांसद ने कहा कि इस बिल के जरिए किसानों को पूंजीपतियों के हाथों में सौंपने का काम किया जा रहा है. यह एक काला कानून है जिसका मैं आम आदमी पार्टी की तरफ से विरोध करता हूं. उन्होंने कहा कि आपने FDI का जमकर विरोध किया था लेकिन आज आप किसानों को पूंजीपतियों के हाथ में गिरवी रखने जा रहे हैं, देश के किसानों की आत्मा को बेचने जा रहे हैं.
शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा कि देश में 70 फीसदी लोग खेती से जुड़े हैं. पूरे लॉकडाउन में किसान ही काम रहे थे. सरकार क्या भरोसा दे सकती है कि बिल के पास होने के बाद किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी और आगे देश में कोई भी किसान आत्महत्या नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि अगर यह बिल किसान विरोधी है तो पूरे देश में विरोध क्यों नहीं हो रहा है? अगर पूरे देश में विरोध नहीं हो रहा है तो इसका मतलब है कि बिल को लेकर भ्रम, कुछ कन्फ्यूजन भी है.सरकार को इसे दूर करना चाहिए. संजय राउत ने आगे कहा कि पीएम मोदी ने बताया था कि बिल को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है, ऐसे में मैं पूछना चाहता हूं कि क्या अफवाह पर ही एक मंत्री ने इस्तीफा दे दिया.
शिरोमणि अकाली दल के सांसद नरेश गुजराल ने कहा कि बिल को पहले सेलेक्ट कमिटी को भेजा जाए. जो हितधारक हैं उनको पहले सुना जाए. नरेश गुजराल ने साथ ही सरकार को चेतावनी भी दे दी. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को कमजोर न समझे.
These Bills should be sent to a select committee so that all stakeholders can be heard...Don't think that the farmers of Punjab are weak: SAD MP Naresh Gujral, in Rajya Sabha, on agriculture Bills pic.twitter.com/Q9p0z1yOBd
— ANI (@ANI) September 20, 2020
JDU ने कृषि विधेयक का समर्थन किया है. पार्टी के सांसद रामचंद्र सिंह ने कहा कि बिहार 2006 में एपीएमसी अधिनियम से हटने वाला पहला राज्य था. तब से कृषि उत्पादन और खरीद एमएसपी के साथ बढ़ी है.
YSR कांग्रेस ने कृषि विधेयक का समर्थन किया है. पार्टी के सांसद विजयसाई रेड्डी ने कहा कि पूर्व की सरकार मिडलमैन का समर्थन करती थी. किसानों को अपने उत्पाद को लाइसेंस प्राप्त बिचौलियों और उनके कार्टेल को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा. उनके इस बयान पर कांग्रेस के सांसदों ने हंगामा किया. कांग्रेस के सांसद आनंद शर्मा ने इसे शर्मनाक करार दिया.
टीआरएस के सांसद के केशव रॉव ने सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने किसानों के बिल को राज्यों के अधिकारों पर सीधा हमला करार दिया. के केशव राव ने आरोप लगाया कि सरकार देश में कृषि की संस्कृति को बदलने की योजना बना रही है.
सपा के सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि सरकार बिल पर बहस नहीं करना चाहती है. वो जल्द से जल्द सिर्फ बिल पास कराना चाहती है. बिल लाने के पहले विपक्ष के नेताओं से बात करनी चाहिए थी. कोरोना के नाम पर अध्यादेश लाया जा रहा है. सरकार ने भारतीय मजदूर संघ तक से विचार नहीं किया.
कृषि बिल पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया है. उन्होंने कहा कि राज्यसभा में भाजपा अल्पमत में है. मेरी सभी गैर भाजपा पार्टियों से अपील है कि सब मिलकर इन तीनों बिलों को हरायें, यही देश का किसान चाहता है.
टीएमसी के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि यह सरकार 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का वादा करती है. लेकिन मैं बता दूं कि किसानों की आय 2028 तक दोगुनी नहीं हो सकती है. ये सरकार सिर्फ वादा करती है. दो करोड़ नौकरी कहां है.
बीजेपी सांसद भूपेंद्र यादव ने कहा कि कांग्रेस के लिए किसान सिर्फ एक वोटबैंक हैं. हमारे लिए किसान समाज का विकास करने वाला है. हम सच्चाई के साथ हैं. MSP को हटाने का कोई निर्णय नहीं और हम इस झूठ को 2024 तक आठ बार उजागर करेंगे, क्योंकि वह 2024 तक यहां हैं. भूपेंद्र यादव ने कहा कि यह उसी प्रकार का झूठ है, जो कांग्रेस ने CAA-NRC के दौरान बोला. वे लोगों को गुमराह करना चाहते हैं.
बिल पर चर्चा के दौरान बीजेपी के सांसद भूपेंद्र यादव ने कांग्रेस पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पहले ये बताए कि पिछले 60 साल में किसानों की आय नीचे की ओर क्यों गई. कांग्रेस किसानों की बहुत बात करती है, लेकिन उनके लिए कुछ नहीं करती.
कांग्रेस के सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस बिल का विरोध करती है. पंजाब और हरियाणा के किसानों का मानना है कि ये बिल उनकी आत्मा पर हमला है. इन विधेयकों पर सहमति किसानों के डेथ वारंट पर हस्ताक्षर करने जैसा है. किसान एपीएमसी और एमएसपी में बदलाव के खिलाफ हैं.
Congress opposes these ill-conceived and ill-timed Bills. Congress rejects these bills. We will not sign on this death warrant of farmers: Partap Singh Bajwa, Congress MP on agriculture Bills, in Rajya Sabha pic.twitter.com/rVYFckxccT
— ANI (@ANI) September 20, 2020
कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 और कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 राज्यसभा में पेश हो गया है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ये बिल किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले हैं. किसानों को अपनी फसल किसी भी स्थान से किसी भी स्थान पर मनचाही कीमत पर बेचने की स्वतंत्रता होगी. उन्होंने कहा कि बिलों के बारे में कई तरह की धारणाएं बनाई गई हैं. यह बिल एमएसपी से संबंधित नहीं है. प्रधानमंत्री ने भी ने कहा है कि एमएसपी जारी है और आगे भी जारी रहेगी. इन विधयको के माध्यम से किसानों के जीवन में बदलाव आएगा.
The two Bills are historic & will bring a change in the lives of the farmers. The farmers will be able to freely trade their produce anywhere in the country. I want to assure the farmers that these Bills are not related to Minimum Support Price: Union Agriculture Minister https://t.co/BIY3G5NZMv
— ANI (@ANI) September 20, 2020
कृषि बिल पर CPI(M) के सांसद केके रागेश ने कहा कि यह कॉर्पोरेट्स के लिए पैकेज है. उन्होंने कहा कि कृषि राज्य का विषय है और राज्यों से अधिकार छीना जा रहा है.
राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हो गई है. सरकार आज राज्यसभा में कृषि विधेयकों को पेश करेगी.
राज्यसभा में 40 सांसदों के साथ कांग्रेस दूसरी बड़ी पार्टी है. कांग्रेस का बिल के विरोध में वोट करना तय है. शिरोमणि अकाली दल के तीन राज्यसभा सांसद निश्चित रूप से बिल के विरोध में वोट करेंगे. आम आदमी पार्टी के तीन सदस्य, समाजवादी पार्टी के आठ सांसद, बीएसपी के चार सांसद भी बिल के विरोध में वोट करेंगे. बिल का विरोध कर रहे दलों का आंकलन करने पर राज्यसभा में 100 सांसदों के कृषि विधेयकों के विरोध में वोट करने का अनुमान है.
राज्यसभा में बीजेपी 86 सांसदों के साथ सबस बड़ी पार्टी है. 245 सदस्यों वाली राज्यसभा में मौजूदा समय में 2 स्थान रिक्त है, ऐसे में राज्यसभा में इन तीनों बिलों को पास करवाने के लिए सरकार को कम से कम 122 वोट की जरूरत पड़ेगी. अकाली दल के विरोध के बावजूद सरकार को भरोसा है कि बीजू जनता दल के 9, एआईएडीएमके के 9, टीआरएस के 7 और वाईएसआर कांग्रेस के 6, टीडीपी के 1 और कुछ निर्दलीय सांसद भी इस विधेयक का समर्थन कर सकते हैं.सरकार को भरोसा है कि इस विधेयक के समर्थन में कम से कम 130 से ज्यादा वोट पड़ेंगे.
सरकार आज राज्यसभा में कृषि विधेयकों को रा. ज्यसभा में पेश करेगी. कृषि विधेयकों को राज्यसभा से पास कराना केंद्र सरकार के लिए बड़ी चुनौती है. इस विधेयक को लेकर एनडीए गठबंधन की सबसे पुरानी सहयोगी अकाली दल के विरोध की वजह से सरकार के लिए सदन के अंदर और बाहर भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है. आज जब ये बिल राज्यसभा में आएगा तो सरकार की कोशिश होगी कि इसे हर हाल में पास करवा लिया जाए.