राज्यसभा में सरकार ने रविवार को कृषि से संबंधित दो विधेयकों को पेश किया. विधेयक पर चर्चा के दौरान YSR कांग्रेस के सांसद के बयान पर हंगामा हो गया.
बिल का समर्थन करते हुए YSR कांग्रेस के सांसद विजयसाई रेड्डी ने कहा कि पूर्व की सरकार बिचौलियों का समर्थन करती थी. किसानों को अपने उत्पाद को लाइसेंस प्राप्त बिचौलियों के जरिए बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा. उनके इस बयान पर कांग्रेस के सांसदों ने हंगामा किया. पार्टी के सांसद आनंद शर्मा ने इसे शर्मनाक करार दिया.
बिल पर विजयसाई रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में इसी तरह के वादों को शामिल किया था. उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर पाखंडी होने का आरोप लगाया. कांग्रेस के सदस्यों ने विजयसाई रेड्डी के बयान पर आपत्ति जताई और हंगामा किया. आनंद शर्मा ने उनसे बयान वापस लेने और माफी मांगने को कहा. उपसभापति ने कहा कि इसकी जांच की जाएगी और कार्यवाही से निकाला जाएगा.
रामगोपाल बोले- सरकार बहस से भाग रही
सपा के सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि सरकार बिल पर बहस नहीं करना चाहती है. वो जल्द से जल्द सिर्फ बिल पास कराना चाहती है. बिल लाने के पहले विपक्ष के नेताओं से बात करनी चाहिए थी. कोरोना के नाम पर बिल लाया जा रहा है. सरकार ने भारतीय मजदूर संघ तक से बात नहीं की.
वहीं, टीएमसी के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि यह सरकार 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का वादा करती है. लेकिन मैं बता दूं कि किसानों की आय 2028 तक दोगुनी नहीं हो सकती है. ये सरकार सिर्फ वादा करती है.
चर्चा की शुरुआत कांग्रेस के सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने की. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस बिल का विरोध करती है. पंजाब और हरियाणा के किसानों का मानना है कि ये बिल उनकी आत्मा पर हमला है. इन विधेयकों पर सहमति किसानों के डेथ वॉरंट पर हस्ताक्षर करने जैसा है. किसान एपीएमसी और एमएसपी में बदलाव के खिलाफ हैं.