जीएसटी के मसले पर केंद्र के खिलाफ विपक्ष लामबंद है. एकजुट विपक्ष का नजारा गुरुवार को संसद भवन में देखने को मिला. टीआरएस, टीएमसी, डीएमके, आरजेडी, आप, एनसीपी, समाजवादी पार्टी और शिवसेना के सांसदों ने महात्मा गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया और राज्यों के बकाए जीएसटी के भुगतान की मांग की.
गौरतलब है कि केंद्र ने राज्यों को दो विकल्प दिया था. केंद्र मजबूती से इस बात पर कायम है कि राज्यों को सुविधागत प्रक्रिया के जरिए उधार लेना चाहिए. दूसरी ओर बड़ी संख्या में राज्य इस बात पर अड़े हैं कि केंद्र को उधार लेना चाहिए और उन्हें जीएसटी एक्ट में किए गए वादे के मुताबिक बकाया का भुगतान करना चाहिए.
दोनों के अपनी-अपनी बात पर अड़ने से जीएसटी से जुड़ा विवाद गहरा गया है. देश के तकरीबन 10 राज्य ऐसे हैं जो केंद्र की दलील से इत्तेफाक नहीं रखते और वे खुलकर विरोध कर रहे हैं. इन राज्यों का कहना है कि वे केंद्र के प्रस्ताव को ठुकरा देंगे. इन राज्यों की मांग है कि प्रधानमंत्री खुद इस मामले में हस्तक्षेप कर इसे सुलझाएं.
पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, दिल्ली, पुडुचेरी, पंजाब और झारखंड ने खुले तौर पर केंद्र सरकार के प्रस्तावों को खारिज किया है. साथ ही इन राज्यों ने मांग की है कि केंद्र सरकार को उधार लेना चाहिए और राज्यों के बकाया का भुगतान करना चाहिए.
केंद्र ने राज्यों को उधारी के लिए दो फॉर्मूले प्रस्तावित किए हैं और जवाब देने के लिए 7 दिन का समय दिया था. अब यह समय गुजर गया है. हालांकि मामला जस का तस बना हुआ है.