संसद के मॉनसून सत्र का सोमवार को छठा दिन था. इस सत्र की शुरुआत से ही कांग्रेस समेत विपक्षी सांसद महंगाई और GST की बढ़ती दरों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. लोकसभा में हंगामा करने को लेकर कांग्रेस के चार सांसदों को कार्रवाई की गई. मणिक्कम टेगोर, टीएम प्रतापन, ज्योतिमणी, रम्या हरिदास को इस पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया.
संसद में विपक्ष लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहा है, साथ ही संसद की कार्यवाही में भी रोजाना बाधा डाली जा रही थी. सोमवार को लोकसभा में भी विपक्षी सासंदो का रुख बेहद आक्रामक रहा. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला विपक्ष के हंगामे पर खास नाराज़ थे. उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान विरोध करने वाले सदस्यों को चेतावनी भी दी थी.
वे बार-बार सांसदों से शांति बनाए रखने का आग्रह कर रहे थे. उन्होंने कहा 'आप चर्चा करना चाहते हैं, तो 3 बजे मैं चर्चा शुरू करने को तैयार हूं. लेकिन अगर आप तख्तियां और नारेबाजी करना चाहते हैं, तो 3 बजे के बाद ये सब करने का अधिकार इस सदन से बाहर होगा. इस तरीके से सदन नहीं चल सकता. देश की जनता चाहती है कि यह सदन चले. अंतिम बार आग्रह कर रहा हूं.' उन्होंने कहा कि सदन की मर्यादा रखना सदस्यों की जिम्मेदारी है. उन्होंने चेतावनी भी दी कि जो सदस्य तख्तियां लेकर यहां आएंगे, उन्हें सदन की कार्यवाही में शामिल होने नहीं दिया जाएगा. इसके बाद कार्यवाही 3 बजे तक क लिए स्थगित कर दी गई.
Any member who brings placard into the House will not be allowed to take part in House proceedings. This is a temple of democracy, it is the responsibility of the members to maintain the dignity of the House: Lok Sabha Speaker Om Birla as opposition MPs continue sloganeering pic.twitter.com/6HzVIPw0c9
— ANI (@ANI) July 25, 2022
3 बजे एक बार फिर सदन की कार्यवाही शुरू हुई, जिसमें नियम 377 के तहत आने वाले मामले उठाए जा रहे थे. लेकिन विपक्ष ने अध्यक्ष की चेतावनी को अनदेखा करते हुए नारेबाजी करना जारी रखा. इस वक्त चेयर पर राजेन्द्र अग्रवाल बैठे थे, जो बार-बार सदस्यों से शांति बनाए रखने की अपील कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि कुछ सदस्य लगातार चेयर के सामने आकर प्लेकार्ड दिखा रहे हैं, जो सदन की मर्यादा के अनुकूल नहीं है. स्पीकर ने भी इस संबंध में चेतावनी दी थी. चेयर के पास आपका नाम लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा. कृपा करके चेतावनी का ध्यान रखें और चेयर को प्लोकार्ड न दिखाएं. लेकिन विपक्ष नहीं माना.
चेयर पर बैठे राजेन्द्र अग्रवाल ने नियम 374 के तहत, हठपूर्वक और जानबूझकर लगातार सभा के कार्य में बाधा डालकर, अध्यक्षपीठ के प्राधिकार की उपेक्षा करने और सभा के नियमों का दुरुपयोग करने के लिए कुछ विपक्षी सांसदों के नाम लिए. इनमें मणिक्कम टेगोर, टीएम प्रतापन, ज्योतिमणी, रम्या हरिदास के नाम शामिल थे. उन्होंने इन सदस्यों के निलंबन का प्रस्ताव दिया. सर्व सहमति के बाद चारों सदस्यों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया.
इसपर कांग्रेस का कहना है कि यह विरोध करने का तरीका था. वे बस इतना चाहते थे कि महंगाई पर चर्चा की जाए. कांग्रेस के लोकसभा सांसद जसबीर गिल का कहना है कि ये साजिश है. कांग्रेस के सांसदों को इसलिए निलंबित किया गया है क्योंकि उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए उनकी इलेटोरल पॉवर ज्यादा होती हैं.