संसद का शीतकालीन सत्र (Parliament winter session) अपने निर्धारित समय से एक दिन पहले बुधवार को संपन्न हो गया है. राज्यसभा और लोकसभा में सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित घोषित कर दिया गया. शीतकालीन सत्र में पूरे समय विपक्षी सांसदों के निलंबन का मुद्दा छाया रहा तो केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को हटाने की मांग भी उठी. विपक्षी सांसदों के हंगामे के चलते कई बार सदन को स्थगित किया गया, लेकिन मोदी सरकार कई अहम विधेयक पास कराने में सफल रही है.
शीतकालीन सत्र में कुल 18 बैठकें हुईं
संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर को शुरू हुआ था, जो 23 दिसंबर तक चलना था. ऐसे में लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही तय समय से एक दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. शीतकालीन सत्र में कुल 18 बैठकें हुईं, लेकिन विपक्षी दलों के हंगामे के चलते सत्र में 18 घंटे और 48 मिनट का नुकसान हुआ. हालांकि, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि लोकसभा में दो दिसंबर को 204 फीसदी का रिकॉर्ड काम हुआ.
शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष ने जिन दो मुद्दों को सबसे अधिक उठाया, वे थे लखीमपुर खीरी हिंसा और राज्यसभा से 12 सांसदों का निलंबन. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ विपक्ष के कई नेताओं ने यूपी के लखीमपुर में किसानों को कुचलने के मामले में आरोपी आशीष मिश्रा टेनी के पिता व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे को लेकर सदन को बाधित किया. इतना ही नहीं विपक्षी नेताओं ने संसद परिसर के बाहर मार्च निकालकर प्रदर्शन किया. हालांकि विपक्ष के हंगामे के दौरान कई अहम विधेयक भी पास हुए.
मोदी सरकार ने कई बिल पास कराए
संसद के शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार कई विधेयकों को पारित कराने में सफल साबित हुई. सत्र की शुरुआत में ही कृषि कानूनों को वापस लेने वाले बिल पर मुहर लगाई गई. वहीं, मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने संबंधी चुनाव सुधार बिल, जजों के वेतन-भत्ते व सेवा शर्तें, लॉ बिल, एनडीपीएस बिल, सीबीआई-प्रवर्तन निदेशालय के प्रमुखों का कार्यकाल पांच साल तक बढ़ाने और जननीय प्रजनन उपचार उद्योग विनियमन बिल को संसद से मंजूरी मिली.
इसके अलावा मोदी सरकार विनियोग (संख्यांक 5) विधेयक, नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रॉपिक पदार्थ (संशोधन) विधेयक 2021, केंद्रीय सतर्कता आयोग संशोधन विधेयक 2021, दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना संशोधन विधेयक 2021, डैम सेफ्टी विधेयक, राष्ट्रीय औषधि शिक्षण और अनुसंधान संस्थान विधेयक, सरोगेसी विनियमन विधेयक, 2021 और जैव विविधता (संशोधन) विधेयक को संसद से पास करने में सफल रही है.
ये बिल स्टैंडिंग कमेटी को भेजे गए
वहीं, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने मंगलवार को लोकसभा में लड़कियों की विवाह की आयु 18 से बढ़ाकर 21 करने संबंधित मध्यस्थता को बढ़ावा देने और सुविधा प्रदान करने से संबंधित विधेयक पेश किया था, लेकिन उसे न्याय संबंधी स्थायी समिति के पास भेजा गया. ऐसे ही बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021 स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा गया. लोकसभा से जैव विविधता (संशोधन) विधेयक, 2021 पास हो गया है, लेकिन संयुक्त समिति को भेजा गया. इसके अलावा वन्यजीव संरक्षण संशोधन बिल, राष्ट्रीय डोपिंग रोधी बिल 2021 और चार्टर्ड एकाउंटेंट, लागत, संकर्म लेखपाल, कंपनी सचिव संशोधन बिल 2021 को स्टैंडिग कमेटी को भेज दिया गया है.
विपक्ष इन मुद्दों के लेकर मुखर रहा
वहीं, विपक्ष ने शीतकालीन सत्र में किसानों के मुद्दे, कृषि बिल, महंगाई, लखीमपुर खीरी, पेगासस, न्यूनतम समर्थन मूल्य जैसे मुद्दों पर सदन में चर्चा की लगातार मांग उठाते रहे. विपक्ष का आरोप है कि सरकार की तरफ से उनकी मांगों को सिरे से खारिज कर दिया गया. विपक्ष पूरे सत्र के दौरान गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा की बर्खस्तगी पर अड़ा रहा. इसके अलावा विपक्ष की तरफ से सदन में सीमा सुरक्षा बल के दायरे को बढ़ाए जाने के मुद्दे पर भी चर्चा की मांग की गई.
संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन (29 नवंबर) राज्यसभा में कांग्रेस और टीएमसी सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को पिछले सत्र के दौरान कथित तौर पर किए गए 'अशोभनीय आचरण' के लिए इस सत्र की शेष अवधि के लिए उच्च सदन से निलंबित कर दिया गया था. निलंबित किए सदस्यों में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं.
12 सांसदों के निलंबन का मुद्दा छाया रहा
विपक्ष के 12 सांसदों का निलंबन रद्द करने को लेकर संसद में लगातार गतिरोध देखने को मिला. विपक्ष ने कहा कि सांसदों का निलंबन असंवैधानिक है. वहीं, सदन के सभापति ने कहा कि निलंबन नियमों के मुताबिक है, लेकिन निलंबन के बाद से विपक्षी सांसद संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब तक निलंबन रद्द नहीं होगा, तब तक वे महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरने पर बैठेंगे. संसद के सत्र समाप्त होने तक निलंबित सांसद धरने पर बैठे रहे.
टीएमसी सासंद डेरेक ओ ब्रायन को 'संसद का मखौल उड़ाए जाने' और चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक को 'थोपने' का विरोध करने पर राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया. राज्यसभा की कार्यवाही खत्म होने के साथ ही टीएमसी सांसद ने स्पीकर की तरफ नियमावली की किताब फेंकी थी जिसके बाद संसद की मर्यादा भंग करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई और उन्हें संसद से निलंबित कर दिया गया है.
बता दें कि शून्यकाल के दौरान लोक महत्व के 563 मामलों को सदस्यों ने उठाया. कोविड-19 वैश्विक महामारी और जलवायु परिवर्तन के विषय पर अल्पकालिक चर्चा भी हुई. इस दौरान सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी समेत केंद्रीय मंत्री और विपक्ष के दलों के नेता मौजूद थे.