संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू हो गई है. 12 सांसदों के निलंबन पर राज्यसभा में हंगामा हो रहा है. कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वो घटना पिछले सत्र की थी, इसलिए निलंबन हटना चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि जिन सांसदों को निलंबित किया गया है, उनमें से किसी के नाम उस घटना में शामिल नहीं थे. इस पर राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि आप जाकर रिकॉर्ड में देख सकते हैं.
खड़गे ने ये भी कहा कि ये नियमों का उल्लंघन किया गया. उन्होंने कहा कि निलंबित करने से पहले सांसदों के नाम सामने रखे जाने चाहिए थे. उन्होंने कहा कि ये अलोकतांत्रिक है. खड़गे ने नायडू से सांसदों का निलंबन वापस लेने की अपील की. वेंकैया नायडू ने कहा कि आप सदन को गुमराह कर रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा कि निलंबित सांसदों ने माफी नहीं मांगी है, आपकी अपील करने से कोई फायदा नहीं होगा.
राहुल गांधी के साथ बैठक में कौन-कौन पहुंचा?
कांग्रेस की ओर से लगातार विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश हो रही है. सांसदों के निलंबन पर आज विपक्षी दलों ने बैठक की, जिसकी अध्यक्षता राहुल गांधी ने की. दिलचस्प बात ये है कि कल हुई बैठक में सिर्फ 11 पार्टियों ने हिस्सा लिया था, लेकिन आज 16 पार्टियां इसमें शामिल हुईं. विपक्षी दलों की बैठक में कांग्रेस के अलावा डीएमके, शिवसेना, एनसीपी, सीपीएम, सीपीआई, आरजेडी, आईयूएमएल, एमडीएमके, एलजेडी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, आरएसपी, टीआरएस, केरल कांग्रेस, वीसीके और आम आदमी पार्टी शामिल हुई है. सूत्रों ने ये भी बताया कि अगर निलंबन वापस नहीं लिया जाता है तो विपक्षी पार्टियां राज्यसभा का बायकॉट करेंगी. वहीं, अब विपक्षी पार्टियां राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के पास भी जाएंगे.
#WATCH Opposition parties meet at the Parliament to discuss future strategy after suspension of 12 Rajya Sabha MPs for the remaining part of the Winter session.
— ANI (@ANI) November 30, 2021
Congress MP Rahul Gandhi present in the meeting pic.twitter.com/oF7JMSgB9H
सिंघवी बोले- ये अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक कदम
सांसदों के निलंबन पर विपक्ष ने एक संयुक्त बयान जारी किया है. इसमें कहा गया है कि ये निलंबन राज्यसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों का उल्लंघन करता है.
कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि राज्यसभा से 12 सांसदों को निलंबित करने से बीजेपी मेजोरिटी में आ गई है. इससे वो राज्यसभा में आसानी से बिल पास करवा सकती है. उन्होंने कहा कि संसदीय लोकतंत्र के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ. सिंघवी ने कहा कि ये पूरी तरह से अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक कदम है.
By suspending 12 MPs from the #RajyaSabha, BJP has now gone ahead of the majority number. Can easily pass listed bills through the upper house now.
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) November 30, 2021
This move has no parallel in history of parliamentary democracy and is entirely undemocratic, unlawful, and unconstitutional!
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आज कौन-कौन से बिल होंगे पेश
लोकसभा में आज हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जज (वेतन और सेवाओं की शर्तें) संशोधन विधेयक 2012 पेश होगा. इसके अलावा सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन विधेयक) भी सदन के पटल पर रखा जाएगा. उधर, राज्यसभा में बांध सुरक्षा बिल पेश किया जाएगा.
पहले दिन क्या हुआ था?
पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया. लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों में सिर्फ कृषि कानूनों की वापसी का बिल पास हो पाया. विपक्ष कानून वापसी के बिल पर चर्चा की मांग पर अड़ा था, लेकिन सरकार चर्चा करने को तैयार नहीं हुई. हंगामे के चलते दो बार दोनों सदनों की कार्यवाही को भी स्थगित करना पड़ गया था. शाम होते-होते तक राज्यसभा से 12 सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था. सांसदों को मॉनसून सत्र के दौरान 11 अगस्त को राज्यसभा में हंगामा करने पर निलंबित किया गया है.