scorecardresearch
 

कामराज प्लान पर काम कर सकती हैं ममता बनर्जी, हो सकता है पूरे मंत्रिमंडल का इस्तीफा

पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सामने तमाम चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. उनका अगला कदम क्या रहने वाला है, इस पर सभी की नजर है. कहा तो जा रहा है कि ममता इस बार कामराज प्लान पर काम कर सकती हैं.

Advertisement
X
सीएम ममता बनर्जी (पीटीआई)
सीएम ममता बनर्जी (पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • टीएमसी के कई नेता ईडी के रडार पर
  • नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल करने पर जोर

पश्चिम बंगाल की सियासत में पार्थ चटर्जी और उनसे जुड़े शिक्षा घोटाले ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टेंशन बढ़ा दी है. अभी तक पार्थ को मंत्री पद से हटा दिया गया है, अर्पिता से भी दूरी बनाने की कोशिश जारी है, लेकिन फिर भी जिस तेजी से ईडी कार्रवाई बढ़ रही है, टीएमसी से जुड़े कई दूसरे नेताओं पर भी आंच आने की संभावना है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि ममता बनर्जी अब क्या करेंगी? उनका अगला कदम क्या होने वाला है?

Advertisement

जानकार मानते हैं कि ममता बनर्जी कामराज प्लान के तहत अपने पूरे मंत्रिमंडल का इस्तीफा ले सकती हैं. अभी तक इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज है.

क्या पूरी कैबिनेट देगी इस्तीफा?

जिन भी मंत्रियों पर संदेह है, जिन पर भ्रष्टाचार के छोटे या बड़े आरोप हैं, उन सभी पर गाज गिर सकती है. ये भी संभव है कि पूरा मंत्रिमंडल खुद ही अपना इस्तीफा दे दे और फिर सारी ताकत ममता बनर्जी के पास आ जाए. उस स्थिति में ममता ही अपने नए मंत्रिमंडल का फिर गठन कर सकती हैं, उन तमाम नेताओं को किनारे किया जा सकता है, जिन पर या तो गंभीर आरोप हैं या जो जांच एजेसियों की रडार पर आ सकते हैं.

नौकरशाही में भी दिखेंगे बदलाव?

कहा तो ये भी जा रहा है कि इस बार ममता बनर्जी राज्यसभा और लोकसभा के सदस्यों को अपने मंत्रिमंडल में शामिल कर सकती हैं. नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है. उन्हें उपचुनाव लड़ा नई जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं. इस सब के अलावा नौकरशाही में भी बड़े बदलाव होते दिख सकते हैं.

Advertisement

खबर है कि सीएम इस बार शिक्षा सचिव को बदल दें. इस डिपार्टमेंट की जिम्मेदारी किसी दूसरे ईमानदार अफसर को देने की बात सामने आ रही है. इसी तरह पार्टी में भी कुछ बड़े परिवर्तन संभव हैं. इस लिस्ट में जिला अध्यक्षों को बदला जा सकता है, युवाओं को पार्टी में और ज्यादा तरजीह दी जा सकती है. लेकिन अभी ये सिर्फ अटकलें हैं और फाइनल फैसला अभिषेन बनर्जी और ममता ही लेने वाली हैं.

जानकारी के लिए बता दें कि अगले महीने 5 और 6 अगस्त को ममता बनर्जी प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात कर सकती हैं. इसके बाद सात अगस्त को नीति आयोग की भी मुख्यमंत्रियों के साथ एक बैठक होने वाली है, जिसका हिस्सा भी पीएम रहेंगे. इस बार उस बैठक में भी ममता अपनी मौजूदगी दर्ज करवाएंगी. पिछले साल ममता ने वो मीटिंग अटेंड नहीं की थी, लेकिन इस बार वे शामिल होने जा रही हैं.

क्या है कामराज प्लान?

वैसे जिस कामराज प्लान पर ममता विचार कर रही हैं, एक वक्त इसी रणनीति के सहारे कांग्रेस ने अपने संगठन को मजबूत किया था. असल में 1962 के चीन युद्ध हारने के बाद तब पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की विदेश नीति पर कई सवाल उठाए गए थे. ये वो वक्त था जब वित्त मंत्री मोरारजी देसाई ने देश की जनता पर भारी टैक्स का बोझ भी डाल दिया था. इस वजह से जनता के बीच कांग्रेस की लोकप्रियता कम होने लगी थी. उस कम होती लोकप्रियता पर मुहर भी लग गई जब कांग्रेस लगातार तीन लोकसभा उपचुनाव हार गई.

Advertisement

ऐसे में तब कुमारस्वामी कामराज ने एक प्लान सुझाया. उन्होंने नेहरू को सुझाव दिया कि पार्टी के बड़े मंत्री या मुख्यमंत्रियों को सरकार में काम करने के बजाय संगठन को मजबूत करने के लिए काम करना चाहिए. ये प्लान इतना शानदार रहा कि कांग्रेस कमेटी ने तुरंत इस पर मुहर लगा दी और दो महीने के अंदर इस्तीफों की झड़ी लग गई.

सबसे पहला इस्तीफा खुद कामराज ने दिया, वे तब मद्रास (तमिलनाडु) के मुख्यमंत्री थे. उनके अलावा बीजू पटनायक और एसके पाटिल सहित 6 मुख्यमंत्रियों और मोरारजी देसाई, जगजीवन राम और लाल बहादुर शास्त्री सहित 6 मंत्रियों ने अपना पद छोड़ पार्टी में शामिल होने का फैसला कर लिया.

अब उसी तर्ज पर ममता बनर्जी भी बंगाल में कोई बड़ा कदम उठा सकती हैं. कब लेंगी, कब वो परिवर्तन देखने को मिलेगा, अभी स्पष्ट नहीं है. लेकिन जैसे-जैसे ईडी का शिकंजा बढ़ता जा रहा है, पार्टी की चुनौती भी उसी तर्ज पर बढ़ने लगी है.

Advertisement
Advertisement