केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली बॉर्डर पर डटे हैं. एक के बाद एक विपक्षी दल किसानों के समर्थन में सामने आ रहे हैं. किसानों के मंगलवार को होने वाले भारत बंद को विपक्षी दलों ने भी समर्थन दिया है.
किसानों का कल भारत बंद है. कांग्रेस से लेकर आम आदमी पार्टी तक सारी विपक्षी पार्टियों ने इस बंद के समर्थन का ऐलान किया है. सोमवार सुबह दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी किसानों के बीच पहुंचे जबकि उत्तर प्रदेश में पूर्व सीएम और सपा प्रमुख अखिलेश यादव को मार्च निकालने के दौरान हिरासत में ले लिया गया. सपा के कार्यकर्ताओं ने यूपी के हर जिले में किसान यात्रा निकाली.
बहरहाल, किसानों के भारत बंद को 24 विपक्षी दलों और संगठनों ने समर्थन दिया है. इनमें कांग्रेस, लेफ्ट पार्टियों के अलावा अधिकतर क्षेत्रीय पार्टियां शामिल हैं.
1.कांग्रेस
2.माकपा
3.डीएमके
4.सीपीआई
5.राजद
6. एनसीपी
7.जेएमएम
8.सपा
9. शिवसेना
10.अकाली दल
11.भाकपा-माले
12. गुपकार गठबंधन
13.टीएमसी
14.टीआरएस
15.एआईएमआईएम
16. आम आदमी पार्टी
17. पीडब्ल्यूपी
18. बीवीए
19. आरएसपी
20. एफबी
21. एसयूसीआई (सी)
22. स्वराज इंडिया
23.जेडीएस
24. बसपा
वहीं बीजेपी शासित राज्यों ने कहा है कि उनके राज्य में भारत बंद नहीं होगा. जो लोग बंद कराने की कोशिश करेंगे उन पर एक्शन होगा. किसानों का समर्थन करने पर बीजेपी ने विपक्षी दलों पर निशाना भी साधा. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि को लेकर क्रांतिकारी कदम उठाया है. लेकिन केंद्र सरकार जो नया कानून लाई है उस पर विपक्षी दल के लोग भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.
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योगी ने कहा कि यूपीए एक में शरद पवार ने बतौर कृषि मंत्री APMC में संशोधन की वकालत की थी. आज विरोध करने वाले सभी दल उस वक्त साथ थे. आश्चर्य है कि कृषि मंत्री प्रस्ताव ला रहे हों और तब पीएम, यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी, राहुल गांधी (जो कांग्रेस महासचिव थे) को इसके बारे में मालूम न हो. सीएम योगी ने कहा कि आज एनसीपी और दूसरे दल इसका विरोध कर रहे हैं. इससे उनका दोहरा चरित्र उजागर हुआ है. विपक्षी दलों को देश से माफी मांगनी चाहिए.