आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम और जन सेना पार्टी के चीफ पवन कल्याण के दल को मान्यता प्राप्त दलों की लिस्ट में शामिल कर लिया गया है. चुनाव आयोग ने जन सेना को चुनाव चिन्ह के रूप में 'कांच का ग्लास' साइन दे दिया है.
चुनाव आयोग ने जन सेना को आंध्र प्रदेश में मान्यता दी है. EC ने जन सेना पार्टी के चीफ पवन कल्याण को एक पत्र भेजा है, जिसमें मान्यता देने की बात लिखी है. बता दें कि पिछले साल (2024) हुए आंध्र प्रदेश के विधानसभा चुनावों में पवन कल्याण की जन सेना पार्टी को 100 फीसदी सफलता मिली थी. पार्टी ने राज्य के इतिहास में एक बड़ा रिकॉर्ड खड़ा कर दिया था.
जितनी सीटों पर लड़ा चुनाव, जीते
जन सेना ने आंध्र प्रदेश की 21 विधानसभा और 2 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था और सभी सीटों पर जीत हासिल की थी. इसके बाद अब पार्टी को आधिकारिक मान्यता दी गई है और चुनाव चिन्ह जारी किया गया है.
10 साल पहले बनाई अपनी पार्टी
पवन के बड़े भाई, तेलुगू इंडस्ट्री के आइकॉन चिरंजीवी ने 2008 में 'प्रजा राज्यम पार्टी' बनाई थी. पवन को इसके यूथ विंग 'युवाराज्यम' का प्रेसिडेंट बनाया गया. लेकिन 2011 में चिरंजीवी ने अपनी पार्टी के साथ कांग्रेस में जा मिले. अपने भाई के इस फैसले से एक सांकेतिक विरोध जताते हुए पवन ने राजनीति से ही ब्रेक ले लिया.
2014 में उन्होंने खुद की पार्टी बनाई और नाम रखा जन सेना पार्टी. पवन ने बीजेपी के प्रधानमंत्री पद उम्मीदवार, नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और तेलुगू राज्यों के मुद्दों पर उनसे सपोर्ट मांगा. आंध्र प्रदेश में उन्होंने चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देसम पार्टी (TDP) को सपोर्ट किया मगर खुद चुनाव नहीं लड़ा. बल्कि वो राज्य की कांग्रेस सरकार का तगड़ा विरोध करते नजर आए. पवन ने नायडू के लिए रैलियां कीं और उन्हें कई जगह चुनाव जिताने में मदद की. नायडू की सरकार बनने के बाद भी पवन ने उनसे कोई डिमांड नहीं की, बल्कि जनता से अपील की कि वो अमरावती और पोलावरम के विकास के लिए जमीन अधिग्रहण में सरकार का सहयोग करें.