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कुतुब मीनार की मस्जिद पर मंदिर बनाने के लिए अर्जी, कोर्ट ने कहा 'अगली सुनवाई में पुराने जजमेंट लेकर आना'

दिल्ली की साकेत कोर्ट ने याचिकाकर्ता को पूछा कि क्या सिविल कोर्ट को धार्मिक स्थान पर कोई ट्रस्ट बनाने का आदेश देने का अधिकार है. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि केंद्र सरकार को निर्देश दिए जाएं कि वो एक ट्रस्ट बनाए. और फ़िर ट्रस्ट के एडमिनिस्ट्रेशन की योजना बनाने के बाद मंदिर कॉम्प्लेक्स का मैनेजमेंट ट्रस्ट को सौंप दिया जाए.

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दिल्ली की साकेत कोर्ट में कुतुब मीनार परिसर में बनी मस्जिद पर मंदिर बनवाने के लिए लगाई गयी याचिका
दिल्ली की साकेत कोर्ट में कुतुब मीनार परिसर में बनी मस्जिद पर मंदिर बनवाने के लिए लगाई गयी याचिका
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कुतुब मीनार परिसर में बनी क़ुव्वत उल इस्लाम मस्जिद पर है विवाद
  • याचिकाकर्ता के अनुसार मंदिर तोड़कर बनाई गई मस्जिद
  • अगली सुनवाई 6 मार्च को

27 हिन्दू-जैन मंदिरों को तोड़कर कुतुब मीनार परिसर में बनी मस्जिद पर मंदिर बनवाने के लिए लगाई गयी याचिका पर दिल्ली की साकेत कोर्ट में आज सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने उन तमाम बिंदुओं पर विस्तृत सुनवाई की कि क्या कोर्ट को इस याचिका को सुनने और फिर मस्जिद पर मंदिर बनवाने की जो मांग की गई है, उस पर कोई आदेश जारी करने का अधिकार है?

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दिल्ली की साकेत कोर्ट ने याचिकाकर्ता को पूछा कि क्या सिविल कोर्ट को धार्मिक स्थान पर कोई ट्रस्ट बनाने का आदेश देने का अधिकार है. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि केंद्र सरकार को निर्देश दिए जाएं कि वो एक ट्रस्ट बनाए और फ़िर ट्रस्ट के एडमिनिस्ट्रेशन की योजना बनाने के बाद मंदिर कॉम्प्लेक्स का मैनेजमेंट ट्रस्ट को सौंप दिया जाए. इसके अलावा केंद्र सरकार और ASI को रिपेयरिंग, कंस्ट्रक्शन के काम, पूजा-दर्शनों के इंतजाम करने में दखल देने से भी रोका जाए. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इससे जुड़े पुराने जजमेंट कोर्ट के सामने पेश करने के आदेश दिए हैं, जिसमें इसी तरह के किसी मामले में सिविल कोर्ट की तरफ से कोई आदेश दिए गए हो.

तकरीबन डेढ़ घंटे चली सुनवाई के दौरान कोर्ट की तरफ से यह भी पूछा गया है कि क्या देवी देवताओं की तरफ से ये याचिका लगाई जा सकती है. इसको लेकर कानून क्या कहता है? कोर्ट ने याचिकाकर्ता को अब इस मामले में 5 मार्च तक इससे जुड़ी सभी जानकारियां उपलब्ध कराने को कहा है. 6 मार्च को कोर्ट इस मामले में दोबारा सुनवाई करेगा.

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आपको बता दें कि याचिका में मस्जिद पर दावा ठोककर मंदिरों का दोबारा निर्माण कराने और विधिवत पूजा करने का अधिकार मांगा गया है. दाख़िल की गई याचिका में कुतुब मीनार परिसर में बनी क़ुव्वत उल इस्लाम मस्जिद पर दावा ठोका गया है. याचिका में कहा गया है कि इस मस्जिद को 27 हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़ कर बनाया गया था, और इसको साबित करने के लिए इतिहास में पर्याप्त सबूत है, लिहाज़ा इस मस्जिद में तोड़े गए मंदिरों को दोबारा स्थापित करने और वहां पर विधि विधान से 27 देवी देवताओं की विधिवत पूजा करने का अधिकार दिया जाए.

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