संसद के बजट सत्र की आज से शुरुआत हो रही. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से बजट सत्र का आगाज होगा. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद परिसर में मीडिया को संबोधित किया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस दशक का पहला सत्र आज से शुरू हो रहा है. भारत के उज्जवल भविष्य के लिए ये दशक बहुत महत्वपूर्ण है और इसलिए प्रारंभ से ही आजादी के दीवानों ने जो सपने देखे थे उन सपनों को पूरा करने के लिए राष्ट्र के सामने एक सुनहरा अवसर है.
पीएम मोदी ने कहा कि वैसे शायद भारत के इतिहास में पहली बार हुआ कि 2020 में एक नहीं, वित्त मंत्री को अलग अलग पैकेज के रूप में एक प्रकार से चार-पांच मिनी बजट देने पड़े. यानी 2020 में एक प्रकार मिनी बजट का सिलसिला चलता रहा. इसलिए यह बजट भी उन चार बजटों की श्रृंखला में देखा जाएगा, मुझे पूरा विश्वास है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सत्र का भरपूर उपयोग हो और इसलिए सत्र में इस पूरे दशक को ध्यान में रखते हुए चर्चाएं हो और सभी प्रकार के विचारों की प्रस्तुति हो और उत्तम मंथन से उत्तम अमृत प्राप्त हों, ये देश की अपेक्षाएं हैं.
वहीं, कांग्रेस समेत 19 विपक्षी दलों ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए राष्ट्रपति के अभिभाषण के बहिष्कार का फैसला किया है. बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के साथ सत्र का आगाज होगा.
1 फरवरी को पेश होने वाले बजट से पहले वित्त वर्ष 2020-21 का इकोनॉमिक सर्वे (आर्थिक सर्वेक्षण) आज संसद में पेश किया जाएगा. इकोनॉमिक सर्वे मौजूदा वित्त वर्ष का लेखा-जोखा होता है. बजट सत्र दो भागों में होगा, जिसमें पहला सत्र 15 फरवरी तक चलेगा, जबकि दूसरे दौर में सत्र 8 मार्च से लेकर 8 अप्रैल तक चलेगा.
Today commences the first Session of this decade. This decade is very important for the bright future of India. A golden opportunity has come before the nation to fulfill the dreams seen by the freedom fighters: Prime Minister Narendra Modi at the Parliament#BudgetSession pic.twitter.com/goO5zkxRHI
— ANI (@ANI) January 29, 2021
सरकार ने की विपक्ष को मनाने की अपील
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से पहले सरकार ने विपक्ष दलों को मनाने की कोशिश की. सरकार ने सभी विपक्षी दलों से कहा है कि वो अभिभाषण का बहिष्कार न करें, सभी मुद्दों पर सर्वदलीय बैठक के दौरान चर्चा की जाएगी.
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बसपा का सरकार पर निशाना
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने भी राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने का ऐलान किया है. मायावती ने ट्वीट करके कहा, 'हमने अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला लिया है, साथ ही, कृषि कानूनों को वापस लेकर दिल्ली आदि में स्थिति को सामान्य करने का केन्द्र से फिर अनुरोध तथा गणतंत्र दिवस के दिन हुए दंगे की आड़ में निर्दोष किसान नेताओं को बलि का बकरा न बनाए. इस मामले में यूपी के बीकेयू व अन्य नेताओं की आपत्ति में भी काफी सच्चाई. सरकार ध्यान दे.'