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पीएम मोदी का विपक्ष पर वार- जो आधार कोरोना काल में बना सहारा, उसे रोकने कौन कोर्ट गया था?

पीएम मोदी ने कहा कि पोस्ट कोरोना के बाद दुनिया में एक नया संबंधों का वातावरण आकार लेगा. ऐसी स्थिति में भारत एक कोने में कटकर नहीं रह सकता. हमें एक मजबूत प्लेयर के रूप में उभरकर निकलना होगा.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर दिया जवाब
  • कहा- कोरोना में भारत ने दुनिया को संभलने में मदद की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा के दौरान उठे मुद्दों का जवाब दिया. पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के दौरान भारत ने जिस प्रकार से अपने आप को संभाला और दुनिया को संभलने में मदद की वो एक प्रकार से टर्निंग प्वाइंट है.  जिस भावनाओं को लेकर हम पले बढ़े हैं वो है सर्वेभन्तु निरामया, कोरोना काल में भारत ने इसको करके दिखाया है.

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पीएम मोदी ने आगे कहा कि पोस्ट कोरोना के बाद दुनिया में एक नया संबंधों का वातावरण आकार लेगा. ऐसी स्थिति में भारत एक कोने में कटकर नहीं रह सकता. हमें एक मजबूत प्लेयर के रूप में उभरकर निकलना होगा. भारत को सशक्त होना होगा और इसका एकमात्र रास्ता है आत्मनिर्भर भारत. 

विपक्ष पर निशाना साधते हुए पीएम ने कहा कि कोरोना कालखंड में जनधन खाते, आधार, ये सभी गरीब के काम आए. लेकिन कभी-कभी सोचते हैं कि आधार को रोकने के लिए कौन लोग सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे में गए थे? 

दुनिया के बहुत सारे देश कोरोना, लॉकडाउन, कर्फ्यू के कारण चाहते हुए भी अपने खजाने में पाउंड और डॉलर होने के बाद भी अपने लोगों तक नहीं पहुंचा पाए, लेकिन ये हिंदुस्तान है जो इस कोरोना कालखंड में भी करीब 75 करोड़ से अधिक भारतीयों को 8 महीने तक राशन पहुंचा सकता है. 

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इसके पहले पीएम ने कहा कि राष्ट्रपति का भाषण भारत के 130 करोड़ भारतीयों की संकल्प शक्ति को प्रदर्शित करता है. विकट और विपरीत काल में भी ये देश किस प्रकार से अपना रास्ता चुनता है, रास्ता तय करता है और रास्ते पर चलते हुए सफलता प्राप्त करता है, ये सब राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कही.

 

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