प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपनी कैबिनेट का जम्बो विस्तार किया था. इस कैबिनेट विस्तार में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव, उपाध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी और विश्वेश्वर तुडु को भी मंत्रिमंडल में जगह दी गई. इन नेताओं के केंद्र में मंत्री बनने के साथ ही यह साफ हो गया कि सरकार के बाद अब बीजेपी संगठन में भी बड़े बदलाव होंगे.
पार्टी सूत्रों का कहना है कि मोदी सरकार के कैबिनेट विस्तार के कारण संगठन में खाली हुए पद जल्दी ही भरे जाएंगे. इन्हें लेकर केंद्रीय नेतृत्व जल्द ही फैसला करेगा और रिक्त पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी. सूत्रों की मानें तो पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष को भी पद से हटाया जा सकता है. विधानसभा चुनाव में हार के बाद बीजेपी नेतृत्व राज्य में संगठन को गति देने के लिए कई बदलाव कर रहा है.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष की जगह किसी दूसरे नेता को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा है. कहा जा रहा है कि नया प्रदेश अध्यक्ष उस नेता को बनाया जाएगा जो शुभेंदु अधिकारी के साथ मिलकर प्रदेश संगठन को मजबूत कर सके. पीएम मोदी के मंत्रिमंडल विस्तार में भी 2024 के लोकसभा चुनाव का ध्यान रखते हुए राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले दो मंत्रियों को हटाकर चार नए नेताओं को मंत्री बनाया गया. बीजेपी संगठन के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी पश्चिम बंगाल में काफी बदलाव किए हैं.
बदले जा सकते हैं बंगाल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी
संघ ने बंगाल के क्षेत्र प्रचारक को बदला है. साथ ही कुछ प्रांत प्रचारक भी बदले गए हैं. सूत्रों के अनुसार पश्चिम बंगाल में बीजेपी नेतृत्व अभी कुछ और बदलाव कर सकता है. इसमें प्रदेश अध्यक्ष के साथ-साथ प्रदेश के संगठन प्रभारी में भी बदलाव किया जा सकता है. मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष की जगह नए व्यक्ति को जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है जो समन्वय का काम बेहतर तरीके से कर सके. इसके अलावा संगठन प्रभारी के रूप में भी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का दायित्व बदला जा सकता है और उन्हें दूसरा महत्वपूर्ण काम सौंपा जा सकता है. दरअसल, बीजेपी नेतृत्व 2024 की तैयारी में जुटा हुआ है और वह विधानसभा चुनाव के झटके को पीछे छोड़कर आगे बढ़ रहा है.
मंत्रिमंडल विस्तार पर पंकजा मुंडे ने जताई नाराजगी
बीजेपी की राष्ट्रीय सचिव और महाराष्ट्र की पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे ने शीर्ष नेतृत्व से मौजूदा मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अपनी नाराजगी जताई है. सूत्रों के अनुसार इस विस्तार में पंकजा मुंडे की बहन प्रीतम मुंडे का नाम भी मंत्री बनने के लिए चर्चा में था लेकिन उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया. इसके अलावा उनके क्षेत्र से ऐसे व्यक्ति को मंत्री बनाया गया है जिसे उनका विरोधी माना जाता है.
मंत्रिमंडल से छुट्टी तो संगठन में मिल सकती है जिम्मेदारी
इस कैबिनेट विस्तार में जिन मंत्रियों की कैबिनेट से छुट्टी हुई है, पार्टी नेतृत्व उनमें से कुछ नेताओ को संगठन में जिम्मेदारी दे सकता है. प्रदेशों में कुछ बड़े नेता जो किसी न किसी कारण से नाराज चल रहे हैं, उन्हें भी केंद्रीय संगठन में जगह देकर या बड़ी जिम्मेदारी देकर मनाने की कोशिश की जाएगी. दिलीप घोष को भी केंद्रीय संगठन में जिम्मेदारी मिल सकती हैं. सूत्रों की मानें तो बीजेपी अगले साल होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले अपने नेताओ की नाराजगी दूर करने की कोशिश में है जिससे इसका नुकसान चुनाव में न उठाना पड़े.