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State Elections 2023: चितौड़गढ़, ग्वालियर, जगदलपुर में मोदी... 24 घंटे में तीन चुनावी राज्य, तीन गढ़ साधने के पीछे ये है गणित

चुनावी राज्यों के लिए चुनाव कार्यक्रम का ऐलान अभी हुआ नहीं है और बीजेपी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रचार के मैदान में उतार दिया है. पीएम मोदी राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में हैं. उनका मध्य प्रदेश के ग्वालियर और छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में भी कार्यक्रम है. पीएम मोदी की चित्तौड़गढ़, ग्वालियर और जगदलपुर की रैलियों के पीछे का सियासी गणित क्या है?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) एक्टिव मोड में है. अभी चुनाव कार्यक्रम का ऐलान भी नहीं हुआ है और बीजेपी ने प्रचार अभियान को धार देने की कवायद तेज कर दी है. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले होने जा रहे इन चुनावों को बीजेपी किस कदर गंभीरता से ले रही है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पार्टी ने अभी से ही अपने सबसे बड़े चेहरे को चुनाव प्रचार के लिए मैदान में उतार दिया है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावी राज्यों के ताबड़तोड़ दौरे कर रहे हैं. पीएम मोदी आठ दिन में दूसरी बार मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के दौरे पर हैं. पीएम मोदी 2 अक्टूबर को मध्य प्रदेश के ग्वालियर और राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में हैं. वहीं, 3 अक्टूबर को पीएम छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में होंगे. प्रधानमंत्री मोदी अभी 25 सितंबर को ही जयपुर और भोपाल मे थे. पीएम ने जयपुर में परिवर्तन यात्रा के समापन पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया था. इसके बाद वे भोपाल पहुंचे थे जहां जन आशीर्वाद यात्रा संपन्न होने पर आयोजित कार्यकर्ता महाकुंभ को संबोधित किया था.

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पीएम मोदी की अभी 1 अक्टूबर को ही छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में रैली हुई थी. इस बार राज्यों की राजधानी नहीं, पीएम के कार्यक्रम के लिए सुदूर इलाकों को चुना गया है. कहा जाता है कि बीजेपी की हर चाल के पीछे अपना सियासी गणित होता है. ऐसे में चर्चा इसे लेकर भी हो रही है कि पीएम मोदी की मध्य प्रदेश में ग्वालियर, राजस्थान में चित्तौड़गढ़ और छत्तीसगढ़ में जगदलपुर रैली के पीछे बीजेपी का गणित क्या है.

ग्वालियर-चंबल में आसान नहीं बीजेपी की राह

मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल रीजन में 36 विधानसभा सीटें हैं. 2018 के चुनाव की बात करें तो कांग्रेस ने इस रीजन में बेहतर प्रदर्शन किया था. कांग्रेस को 36 में से 26 सीटों पर जीत मिली थी. ज्योतिरादित्य सिंधिया भी ग्वालियर से ही आते हैं जो पिछले चुनाव में कांग्रेस के अभियान की अगुवाई करने वालें चेहरों में से एक थे. ग्वालियर-चंबल रीजन में कांग्रेस के दमदार प्रदर्शन के पीछे सिंधिया को बड़ी वजह माना गया था. सिंधिया अब बीजेपी में आ चुके हैं लेकिन सर्वे रिपोर्ट्स में उनके आने से पार्टी को कोई लाभ होता नहीं नजर आ रहा.

सी वोटर सर्वे के अनुमानों की मानें तो कांग्रेस को इस रीजन में 22 से 26 सीटें मिल सकती हैं. ये तो सर्वे की बात हुई, निकाय चुनाव के परिणाम को देखते हुए भी बीजेपी अलर्ट है. सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद हुए निकाय चुनाव में ग्वालियर के मेयर पद पर कांग्रेस के उम्मीदवार को जीत मिली थी. इन सबको देखते हुए बीजेपी नहीं चाहती कि विधानसभा चुनाव में किसी तरह की कोई कसर रह जाए. यही वजह है कि पार्टी ने पहले केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को भी चुनाव मैदान में उतारने का ऐलान कर दिया.

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चित्तौड़गढ़ से मेवाड़ साधने की कोशिश

पीएम मोदी की रैली के लिए राजस्थान के चित्तौड़गढ़ को चुना गया तो इसके भी सियासी निहितार्थ तलाशे जा रहे हैं. चित्तौड़गढ़ की दो विशेषताएं हैं. एक- ये महाराणा प्रताप की भूमि है और दूसरा ये राजनीतिक लिहाज से मेवाड़ रीजन में होना. मेवाड़ रीजन में कुल 26 विधानसभा सीटें हैं और कहा जाता है कि जिसने मेवाड़ जीत लिया उसने समझो राजस्थान जीत लिया.

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साल 2018 के चुनाव नतीजे छोड़ दें तो पिछले चुनावों के आंकड़े भी यही कहानी बयां करते हैं. 2018 में मेवाड़ की 15 सीटें जीतकर भी बीजेपी सत्ता से दूर रह गई थी और 10 सीटें जीतने वाली कांग्रेस ने सरकार बना ली थी. एक फैक्ट ये भी है कि तब किसी को भी स्पष्ट जनादेश नहीं मिला था. 25 सितंबर को पीएम मोदी की जयपुर रैली में जिस तरह जयपुर की महारानी दीया कुमारी लीड रोल में नजर आईं, उसे भी पार्टी के मिशन मेवाड़ से जोड़कर देखा जा रहा है. दीया कुमारी जिस राजसमंद सीट से सांसद हैं, वह भी मेवाड़ रीजन में ही आती है.

जगदलपुर में क्यों हो रही पीएम की रैली
  
पीएम मोदी तीन अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जाएंगे. पीएम मोदी का तीन में ये दूसरा छत्तीसगढ़ दौरा होगा. पीएम मोदी ने एक अक्टूबर को बिलासपुर में जनसभा को संबोधित किया था. पीएम के जगदलपुर दौरे के पीछे का सियासी गणित क्या है? दरअसल, जगदलपुर छत्तीसगढ़ के बस्तर रीजन में आता है. बस्तर रीजन के सियासी महत्व की बात करें तो छत्तीसगढ़ में ये इलाका वही स्थान रखता है जो राजस्थान में मेवाड़ और उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल का है. ये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का भी गृह इलाका है.

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पिछले चुनाव की बात करें तो बस्तर रीजन की 12 में से 11 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली थी. बस्तर रीजन में बीजेपी केवल एक सीट ही जीत सकी थी और पार्टी उपचुनाव में वह सीट भी गंवा बैठी. बस्तर रीजन में बीजेपी शून्य पर है. पीएम मोदी की जगदलपुर रैली को जीरो लैंड पर फोकस के साथ ही कांग्रेस के सबसे मजबूत चेहरे को टारगेट करने की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है. पीएम मोदी के चुनावी राज्यों में मंथन से निकला अमृत बीजेपी के लिए कितना फलदायी होता है, ये देखने वाली बात होगी.

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